Lignite coal: लिग्नाइट कोयला-
तमिलनाडु और गुजरात के बाद राजस्थान राज्य देश में बड़े लिग्नाइट भंडार से संपन्न है। राज्य के चार जिलों जैसे बीकानेर, नागौर जैसलमेर और बाड़मेर में खोजी ड्रिलिंग द्वारा अब तक एक बिलियन टन से अधिक के भूगर्भीय भंडार की पुष्टि की गई है। इसके अलावा, राजस्थान में भूमिगत लिग्नाइट गैसीफिकेशन के लिए उपयुक्त लिग्नाइट के गहन भंडार भी मौजूद है। राजस्थान कोल बेड मीथेन परियोजनाओं के विकास के लिए उपयुक्त लिग्नाइट ब्लॉक भी रखता है।
District
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Location of the Area
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Reserves (million tonnes)
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1.
Barmer
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1.
Kapurdi
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150.40
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2.
Jalipa
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316.28
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3.
Bothia (Jalipa Extension)
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151.67
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4.
Giral
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101.90
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5.
Jogeshwar thala
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34.50
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6.
Sonari
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43.59
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7.
Sachha-Sauda
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28.70
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8.
Sindri
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700.00
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9.
Bharka
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9.45
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10. Gunga-Bothia-Bhadka
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10.45
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2.
Bikaner
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1.
Palana
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23.57
|
2.
Barsingsar
|
79.00
|
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3.
Gurha
|
79.76
|
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4.
Bholasar
|
3.90
|
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5.
Bithnok
|
57.66
|
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6.
Bithnok East
Extension
|
20.00
|
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7.
Gadiyala & Bithnok West
|
40.00
|
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8.
Raneri
|
34.74
|
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9.
Mandal Charan
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17.70
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10. Hadla
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34.98
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11. Badhnu
|
1.87
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12. Khari
13. Charan
|
3.70
6.53 |
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14. Hira Ki Dhani
|
0.66
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15. Chak-Vijaysinghpura
|
0.36
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16. Palana South
|
2.50
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3.
Jaisalmer
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1.
Khuri
|
13.80
|
4.
Nagaur
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1.
Kasnau-Igiyar
|
64.90
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2.
Matasukh
|
10.10
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3.
Mokala
|
9.00
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4.
Nimbri-Chadawatan
|
17.00
|
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5.
Merta Road & Meera
City
|
83.20
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6.
Indawar
|
12.00
|
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7.
Kuchera
|
1.00
|
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8.
Lunsara
|
7.31
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राजस्थान राज्य खान और खनिज लिमिटेड (आरएसएमएमएल) द्वारा संचालित लिग्नाइट खाने-
आरएसएमएमएल
एक राज्य सरकार का एक उपक्रम है, जो सीमेंट, कपड़ा, ईंट भट्ठी आदि उद्योगों
में तथा ओपन कास्ट खनन द्वारा या भूमिगत लिग्नाइट गैसीकरण द्वारा विद्युत उत्पादन में उपयोग हेतु व्यापारिक बिक्री के लिए लिग्नाइट डिपोजिट के विकास के लिए कार्यरत है।
वर्तमान
में आरएसएमएमएल दो लिग्नाइट खानों का संचालन कर रहा है जिसमे से एक
बाड़मेर जिले में गिरल में और दूसरी नागौर जिले में कसनाऊ-मातासुख में है।
गिरल (बाड़मेर) -
गिरल खान पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर से 43 किलोमीटर दूर गिरल गांव के पास स्थित है। गिरल खान , राजस्थान
की पहली आधुनिक ओपेनकास्ट लिग्नाइट खान (1967 में पलाना भूमिगत खदान बंद
करने के बाद) 1994 में पूर्व आरएसएमडीसी द्वारा शुरू की गई थी। इस खान से
लिग्नाइट का वाणिज्यिक उत्पादन प्रति वर्ष 300,000 मीट्रिक टन की अनुमानित
क्षमता के साथ, मई 1995 में शुरू किया गया था।
गिरल खान में, लिग्नाइट के उत्पादन और संबद्ध खनन गतिविधियों को अत्यधिक वैज्ञानिक और तकनीकी रूप से निष्पादित किया जा रहा है।
गिरल खान में, लिग्नाइट के उत्पादन और संबद्ध खनन गतिविधियों को अत्यधिक वैज्ञानिक और तकनीकी रूप से निष्पादित किया जा रहा है।
मातासुख और कसनाऊ (नागौर)-
मातासुख-कसनाऊ
खान केंद्रीय राजस्थान के नागौर जिले के कसनाऊ और मातासुख गांवों के पास
स्थित हैं, जो कि जिला मुख्यालय से 42 किलोमीटर दूर है। इन
खदानों से लिग्नाइट का वाणिज्यिक उत्पादन, 12,00,000 मीट्रिक टन प्रतिवर्ष की परिकल्पित क्षमता के साथ नवंबर 2003 से शुरू किया गया था। ये खाने राजस्थान के मध्य भाग में स्थित हैं, जिससे ये उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में बाजारों के लिए बेहतर पहुंच में है। इन खानों के लिग्नाइट कम सल्फर और कम राख अवयव का अतिरिक्त लाभ है।
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