Skip to main content

Current Affairs --- An MOU was signed with ADB for Jaipur Metro's phase-I (B) for funding

An MOU was signed with ADB for Jaipur Metro's phase-I (B) for funding-

The Asian Development Bank (ADB) will provide Rs 969-crore ($176 million) loan to construct Jaipur Metro's phase-I (B) project proposed from Badi Chaupar to Chandpole area and an agreement (MOU) was signed by the state government along with the Centre and Jaipur Metro Rail Corporation (JMRC) with Asian Development bank on Thursday 29 May 2014 in New Delhi. The loan has a 23-year term including a grace prepaid of eight years with commitment charges of 0.15% maturity premium of 0.10% (as straight line repayment method) and interest rate to be determined in accordance with the ADB's Libor-based lending facility. This MOU was signed by ADB's country director Miss Terasa kho, Joint Secretary, Finance department GoI Mr. Nilay Mitash, JMRC chief managing director Mr. NC Goel and Principal secretary Govt. of Rajasthan Mr. D. B. Gupta.

JMRC chief managing director NC Goel said, "It's a very positive sign for the state. The project cost of the proposed underground metro corridor (phase-1, B) is Rs 1,126 crore. The deal will give financial backing to the project and work can be done at rapid pace."

An official said the JMRC had earlier approached the ADB for phase-I corridor between Mansarovar and Chandpole. However, the bank had refused to provide loan for the project as the work has already started. As per norms, it does not fund any project half way. "After negotiations, the bank agreed to fund the phase-I (B) corridor," added the official.

A new 9.7 km-long elevated Line 1 of the metro from Mansarovar in the western part of the city to Chandpole on the western edge of the central business district will open by July-August, 2014. The ADB's loan will help finance an additional 2.3 km underground stretch from Chandpole to Badi Chaupar, along with two stations, that should be ready to provide access to the central business district by March 2018.

The metro will provide connections to the entire central business district. The extended line is expected to carry 126,000 passengers every day during its first year of operation. The stations along the Line 1 will connect existing and planned bus routes to help travel to other parts of the city much faster.

The official said the ADB's loan will also help finance studies into the planned 23-km long north-south line-2. This study will be completed towards the end of 2015. 

जयपुर मेट्रो परियोजना के लिए एशियन विकास बैंक के साथ 969 करोड़ का एम.ओ.यू.-

जयपुर मेट्रो रेल परियोजना के प्रथम चरण के विस्तार के लिए  नई दिल्ली के नार्थ ब्लॉक स्थित वित्त मंत्रालय में भारत सरकार और एशियन विकास बैंक (ए.डी.बी.) एवं राजस्थान सरकार व जयपुर मेट्रो रेल कार्पोरेशन के मध्य 969 करोड़ रूपये (176 मिलियन यू.एस.डॉलर) के ऋण समझौता पत्र (एम.ओ.यू.) पर 29 मई 2014 को हस्ताक्षर किए गए।
समझौता पत्र पर ए.डी.बी. की भारत में कंट्री डायरेक्टर सुश्री टेरेसा खो और भारत सरकार के आर्थिक मामलों के संयुक्त सचिव निलय मिताश के साथ ही राजस्थान के नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव डी.बी.गुप्ता और जयपुर मेट्रो रेल कार्पोरेशन के सी.एम.डी. एन.सी. गोयल ने हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर भारत सरकार के आर्थिक मामलों के संयुक्त सचिव निलय मिताश ने कहा कि जयपुर मेट्रो रेल नेटवर्क के माध्यम से विश्व प्रसिद्ध गुलाबी शहर जयपुर की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूत बनाने के साथ ही नगर को प्रदूषण मुक्त, उच्च गुणवत्तायुक्त जीवन प्रदान किया जा सकेगा।
ए.डी.बी. की भारत में कंट्री डायरेक्टर सुश्री टेरेसा खो ने भी विश्वास व्यक्त किया कि जयपुर मेट्रो से सड़कों पर वाहनों की संख्या में कमी लाई जा सकेगी जिससे यातायात पर बढ़ते दबाव और प्रदूषण से मुक्ति मिलने के साथ ही लोगों को काम की जगहों तक पहुँचने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि जयपुर मेट्रो की 23 किलोमीटर लंबी उत्तर से दक्षिण की दो मेट्रो रेल लाईनों के निर्माण की योजना के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने और इसके वित्तीय अध्ययन करने में भी ए.डी.बी. के ऋण से सहयोग मिलेगा।
समझौता पत्र पर हस्ताक्षर के बाद राजस्थान के नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव डी.बी.गुप्ता ने बताया कि ए.डी.बी. द्वारा दिया गया यह ऋण 23 वर्ष की अवधि के लिए दिया गया है जिसमें 8 वर्ष का अतिरिक्त समय दिये जाने का प्रावधान भी है। उन्होंने बताया कि इस ऋण पर ब्याज का निर्धारण ए.डी.बी. के एल.आई.बी.ओ.आर. मानकों के आधार पर किया जाएगा।
जयपुर मेट्रो रेल कार्पोरेशन के सी.एम.डी. एन.सी.गोयल ने बताया कि जयपुर मेट्रो के प्रथम चरण के प्रथम भाग का कार्य लगभग पूरा हो चुका है और मानसरोवर से चांदपोल तक बिछाई गई 9.7 किलोमीटर लंबी इस मेट्रो रेल लाईन पर आगामी अगस्त माह से रेल संचालन शुरू होने की आशा है। उम्मीद है कि प्रथम वर्ष के संचालन के दौरान जयपुर मेट्रो रेल प्रतिदिन 1 लाख 26 हजार यात्रियों को परिवहन सुविधा प्रदान करना शुरू कर देगा।
उन्होंने बताया कि पूरी दुनिया में अपने हेरिटेज के लिए मशहूर जयपुर शहर की विरासत के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए जयपुर मेट्रो के प्रथम चरण के द्वितीय भाग में चांदपोल से बड़ी चौपड़ तक बिछाई जाने वाली 2.3 किलोमीटर लंबी रेल लाईन पूरी तरह भूमिगत बनाने का फैसला किया गया है। करीब 1126 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाली इस रेल लाईन के लिए एशियन विकास बैंक द्वारा 969 करोड़ रूपये का लोन मिलने से राज्य सरकार को वित्तीय संसाधन जुटाने में बड़ी राहत मिलेगी।
श्री गोयल ने बताया कि जयपुर शहर के प्रमुख उद्यम केन्द्रों को जोड़कर निर्मित किया जा रहा यह कॉरीडोर नगर की भीड़भाड़ की समस्या से निजात दिलाने में महती भूमिका अदा करेगा।

Comments

Popular posts from this blog

Baba Mohan Ram Mandir and Kali Kholi Dham Holi Mela

Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली''  में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन...

राजस्थान का प्रसिद्ध हुरडा सम्मेलन - 17 जुलाई 1734

हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋत...

Civilization of Kalibanga- कालीबंगा की सभ्यता-
History of Rajasthan

कालीबंगा टीला कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले में घग्घर नदी ( प्राचीन सरस्वती नदी ) के बाएं शुष्क तट पर स्थित है। कालीबंगा की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। इस सभ्यता का काल 3000 ई . पू . माना जाता है , किन्तु कालांतर में प्राकृतिक विषमताओं एवं विक्षोभों के कारण ये सभ्यता नष्ट हो गई । 1953 ई . में कालीबंगा की खोज का पुरातत्वविद् श्री ए . घोष ( अमलानंद घोष ) को जाता है । इस स्थान का उत्खनन कार्य सन् 19 61 से 1969 के मध्य ' श्री बी . बी . लाल ' , ' श्री बी . के . थापर ' , ' श्री डी . खरे ', के . एम . श्रीवास्तव एवं ' श्री एस . पी . श्रीवास्तव ' के निर्देशन में सम्पादित हुआ था । कालीबंगा की खुदाई में प्राक् हड़प्पा एवं हड़प्पाकालीन संस्कृति के अवशेष प्राप्त हुए हैं। इस उत्खनन से कालीबंगा ' आमरी , हड़प्पा व कोट दिजी ' ( सभी पाकिस्तान में ) के पश्चात हड़प्पा काल की सभ्यता का चतुर्थ स्थल बन गया। 1983 में काली...