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Rivers of Luni Basin in Rajasthan- राजस्थान के लूणी बेसिन की नदियाँ-

1. लूणी नदी-

लूणी नदी अजमेर के निकट की अरावली पहाड़ियों (नाग पहाड़ियों) के पश्चिमी ढाल से 550 मीटर की ऊँचाई से निकलती है। यह दक्षिण-पश्चिमी दिशा में 495 किमी बहने के बाद कच्छ के रण में विलीन हो जाती है। लूणी नदी का जलग्रहण क्षेत्र राजस्थान के अजमेर, पाली, जोधपुर, नागौर, बाड़मेर, जालौर तथा सिरोही में 37,363 वर्ग किमी है।
जलग्रहण क्षेत्र- 37,363 वर्गकिमी

2. गुहिया नदी-

गुहिया नदी पाली जिले के खारियानिव व थरासनी गाँव की पहाड़ियों से निकलती है। यह पाली जिले के फेकरिया गाँव के पास बांडी नदी में मिल जाती है। इसका जलग्रहण क्षेत्र पाली जिले में स्थित है।
जलग्रहण क्षेत्र- 3,835  वर्गकिमी
सहायक नदियाँ- रायपुर लूणी, राडिया नदी, गुरिया नदी, लीलड़ी नदी, सूकड़ी नदी एवं फुन्फाड़िया बाला।

3. खारी (हेमावास) नदी-

खारी (हेमावास) नदी सोमेश्वर तथा खारी खेरवा की छोटी धाराओं के प्रवाह से बनती है। सोमेश्वर नदी (मूलतः सुमेर के नाम से जानी जाती है) पाली जिले के सोमेश्वर गाँव के निकट अरावली श्रृंखला की पहाड़ियों के पश्चिमी ढाल से निकलती है। कंकलावास गाँव के पास की पहाड़ियों के पश्चिमी ढाल से निकलने वाला उमरावास का नाला सुमेर नदी में मिलता है। दिवेर संरक्षित वन भाखर से निकलने वाली कोटकी नदी 30 किमी बहने के बाद खारी नदी में मिल जाती है। इन सब छोटी धाराओं के मिलने से बनने वाली नदी खारी कहलाती है। 25 किमी बहने के बाद हेमावास तालाब के नीचे यह बांडी नदी में मिल जाती है।
जलग्रहण क्षेत्र- 1,232  वर्गकिमी

4. बांदी (हेमावास) नदी-

बोम्बाद्रा पिकअप वेयर के निकट खारी और मिठरी नदियों के मिलने से बांडी नदी बनती है। यह 45 किमी बहने के बाद पाली जिले के लाखर गाँव के पास लूणी नदी में मिल जाती है। इसका जल ग्रहण क्षेत्र पाली जिले में स्थित है।
जल ग्रहण क्षेत्र- 1,685 वर्गकिमी

5. मिठड़ी नदी-

मिठड़ी नदी का उद्गम पाली जिले में अरावली श्रृंखला के दक्षिण-पश्चिमी ढाल से स्थानीय नालों के प्रवाह से होता है। जालौर जिले के संखावल गाँव के पास रेतीले मैदान में विलीन होने से पूर्व यह जवाई, बाली व फालना में उत्तर-पूर्व दिशा में 80 किमी बहती है। इसका जलग्रहण क्षेत्र पाली व जालोर जिले के भागों में फैला है।
जल ग्रहण क्षेत्र- 1,685 वर्गकिमी

6. सूकड़ी नदी-

उदयपुर तथा पाली जिले की अरावली की पहाड़ियों से निकलने वाली सूकड़ी नदी घाणेराव नदी, मुठाना का बाला, मगाई नदी जैसे कई छोटे नालों से बनती है। यह दक्षिण-पूर्व दिशा में लगभग 110 किमी बहती है तथा मार्ग में बांकली बांध को जल प्रदान करती है। यह बाड़मेर के समदड़ी गाँव के पास लूणी में मिलती है। यह उप-बेसिन जालौर, पाली तथा बाड़मेर के कुछ भागों में स्थित है।
जलग्रहण क्षेत्र- 3,036 वर्गकिमी

7. जोजरी नदी-

यह नागौर जिले के पोंडलू गाँव के निकट की पहाड़ियों से निकलती है। जोधपुर जिले के खेजड़ली खुर्द गाँव के पास लूणी नदी में मिलने से पूर्व यह उत्तर-पूर्व से दक्षिण पूर्व की ओर 83 किमी बहती है। इसका जलग्रहण क्षेत्र जोधपुर व नागौर जिले में फैला है।
जलग्रहण क्षेत्र- 2,571 वर्गकिमी

8. जवाई नदी-

जवाई नदी तथा इसकी सहायक नदी सूकड़ी उदयपुर जिले की अरावली पहाड़ियों के पश्चिमी ढाल से निकलती है। जालौर जिले के सायला गाँव के पास खारी नदी से जुड़ने से पूर्व यह नदी सामान्यतः उत्तर पश्चिम दिशा में करीब 96 किमी बहती है।
जलग्रहण क्षेत्र- 2,976 वर्गकिमी

9. खारी नदी-

खारी नदी सिरोही जिले के शेरगांव के निकट अरावली के दक्षिण-पश्चिम ढालों से निकलती है। जालौर जिले के सायला गाँव के पास सूकड़ी नदी से जुड़ने से पूर्व यह नदी सामान्यतः उत्तर पश्चिम दिशा में करीब 64 किमी बहती है।

 जलग्रहण क्षेत्र- 2,520 वर्गकिमी

10. सूकड़ी (सायला से लूणी)-

खारी नदी के जुड़ने के बाद जवाई नदी सूकड़ी कहलाती है। गोयला गाँव के निकट लूणी नदी में मिलने से पूर्व यह दक्षिण-पश्चिम दिशा में करीब 80 किमी बहती है। इसका जलग्रहण क्षेत्र  जालौर तथा बाड़मेर जिलों के कुछ भागों में स्थित है।

जलग्रहण क्षेत्र- 1,615 वर्गकिमी

11. बांडी नदी-

बांडी नदी सिरोही जिले के सीन्कड़ा गाँव की पहाड़ियों से निकलने वाली कपाल-गंगा नदी तथा निवाज गाँव की पहाड़ियों से निकलने वाले जसवंतपुरा नाले के प्रवाहों से निर्मित होती है। यह सामान्यतः उत्तर-पश्चिम दिशा में 65 किमी बहती है तथा अंततः पश्चिम में विलीन हो जाती है।
जलग्रहण क्षेत्र- 1,180 वर्गकिमी

12. सागी नदी-

सागी नदी जालौर जिले के जसवंतपुरा पहाड़ियों के दक्षिण-पश्चिम ढाल से निकलती है। बाड़मेर जिले के गन्धव गाँव के निकट लूणी नदी में मिलने से पूर्व प्रारंभ में यह उत्तर-पश्चिम में तथा बाद में दक्षिण-पश्चिम में करीब 75 किमी बहती है। इसका जलग्रहण क्षेत्र  जालौर तथा बाड़मेर जिलों के कुछ भागों में स्थित है।
जलग्रहण क्षेत्र- 1,495 वर्गकिमी


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