आधारभूत परियोजनाओं से
सम्बन्धित, विशेषकर सार्वजनिक निजी सहभागिता पर विकसित
परियोजनाओं के लिए नीति निर्धारण हेतु 28 अक्टूबर 2014 को राज्य सरकार ने
जयपुर में एक आदेश जारी कर
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की अध्यक्षता में एक परिषद
का गठन किया है।
आधारभूत विकास हेतु गठित परिषद में सार्वजनिक निर्माण मंत्री, जल संसाधन मंत्री, ऊर्जा मंत्री, मुख्य सचिव, सलाहकार (आधारभूत संरचना
एवं सार्वजनिक निजी सहभागिता), अतिरिक्त मुख्य सचिव
(इन्फ्रास्ट्रक्चर) एवं प्रमुख शासन सचिव (वित्त) सदस्य होंगे। सचिव आयोजना इसके संयोजक होंगे जबकि सम्बन्धित अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव एवं
शासन सचिव
इसके विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे।
सार्वजनिक निजी सहभागिता
परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए संस्थागत तंत्र एवं इसके लिए संभावित क्षेत्र के लिए विचार करने के साथ साथ इन
परियोजनाओं के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिए सम्बन्धित
अन्य नीतियों पर भी विचार करेगी। इसके अतिरिक्त यदि परियोजना की राशि विभागों की वित्तीय शक्तियों से अधिक अथवा 500 करोड़ रुपये से ज्यादा
हो तो परिषद् इन पर भी
विचार करेगी।
आधारभूत विकास हेतु गठित
परिषद की बैठक आवश्यकता अनुसार आयोजित की जा सकेगी। परिषद् की अध्यक्ष परियोजनाओं से सम्बन्धित विशेषज्ञों को
भी आमंत्रित कर सकती हैं।
नोडल अधिकारी- आधारभूत विकास हेतु
गठित परिषद का नोडल अधिकारी आयोजना विभाग से होगा। आधारभूत विकास की अधिकार
प्राप्त समिति का गठन आधारभूत विकास परिषद् के
कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए
आधारभूत विकास की अधिकार प्राप्त
समिति का भी गठन किया गया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली इस परिषद् में अतिरिक्त
मुख्य सचिव (इन्फ्रास्ट्रक्चर), प्रमुख शासन सचिव (वित्त), सलाहकार (आभारभूत एवं पब्लिक
प्राईवेट पार्टनशिप) एवं सचिव योजना सदस्य होंगे।
Comments
Post a Comment
Your comments are precious. Please give your suggestion for betterment of this blog. Thank you so much for visiting here and express feelings
आपकी टिप्पणियाँ बहुमूल्य हैं, कृपया अपने सुझाव अवश्य दें.. यहां पधारने तथा भाव प्रकट करने का बहुत बहुत आभार