Skip to main content

Rajasthan's position and extent - राजस्थान की भौगोलिक स्थिति एवं विस्तार





Rajasthan's position and extent - राजस्थान की भौगोलिक स्थिति एवं विस्तार

1.     राजस्थान भारत के पश्चिमी भाग में 23 डिग्री 3 मिनट उत्तरी अक्षांश से लेकर 30 डिग्री 12 मिनट उत्तरी अक्षांश के मध्य तथा 69 डिग्री 30 मिनट पूर्वी देशांतर से 78 डिग्री 17 मिनट पूर्वी देशांतर के मध्य स्थित है
2.      राजस्थान की पश्चिमी सीमा पाकिस्तान से लगी है।
3.   राजस्थान के उत्तर में पंजाब, पूर्व में उत्तर प्रदेश, उत्तर-पूर्व में हरियाणा, दक्षिण-पूर्व में मध्य प्रदेश और दक्षिण पश्चिम में गुजरात राज्य स्थित है।
4.      राजस्थान राज्य का क्षेत्रफल लगभग 3,42,239 वर्ग किलोमीटर है।
5.     भौगोलिक दृष्टि से राजस्थान के पूर्व में गंगा-यमुना नदियों के मैदान, दक्षिण-पश्चिम में गुजरात के उपजाऊ मैदान, दक्षिण में मालवा का पठार तथा उत्तर एवं उत्तर-पूर्व में सतलज व्यास नदियों के मैदान से घिरा है।
6.      इसका पूर्व से पश्चिम का विस्तार 869 किलोमीटर और उत्तर से दक्षिण का विस्तार 826 किलोमीटर है।
7.      कर्क रेखा इसके दक्षिणी सिरे को छूती हुई जाती है।
8.    राजस्थान केवल भारत का सबसे बड़ा राज्य है, बल्कि यह विश्व के अनेक देशों जैसे इटली, मलेशिया, आस्ट्रिया, ग्रेट ब्रिटेन, वियतनाम, नार्वें, इक्वेडोर, पोलैंड, न्यूजीलैंड इत्यादि से क्षेत्रफल की दृष्टि में बड़ा है।
9.     राजस्थान का आकार एक विषमकोणीय चतुर्भुज के समान है।
10.  राजस्थान का क्षेत्रफल भारत के कुल क्षेत्रफल का लगभग 1/10 भाग अर्थात 10.74 प्रतिशत है।
11.  इसकी सीमा की लंबाई 5920 किलोमीटर है
12.  राजस्थान की पाकिस्तान को स्पर्श करने वाली अंतराष्ट्रीय सीमा 1070 किलोमीटर है।
13. राजस्थान की पाकिस्तान को स्पर्श करने वाली अंतराष्ट्रीय सीमा के इस पार राजस्थान के श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर और बाड़मेर जिले स्थित हैं।
14.  राजस्थान की सीमा स्पर्श करती है -
1.      उत्तर में पंजाब के फिरोजपुर जिले से
2.      उत्तर-पूर्व में हरियाणा के महेन्द्रगढ़, हिसार, सिरसा और गुड़गाँव से
3.      पूर्व में उत्तर-प्रदेश के मथुरा आगरा से
4.    दक्षिण-पूर्व में मध्यप्रदेश के राजगढ़, मुरैना, शिवपुरी, गुना, मंदसौर और रतलाम से दक्षिण-पश्चिम में गुजरात के पंचमहल, साबरकांठा बनासकांठा से

Comments

  1. भारतीय मूर्तिकलाभारतीय मूर्तिकला का शब्दकोश किसे कहा जाता है

    ReplyDelete
  2. जी, भाई श्री, भारतीय मूर्तिकला का शब्दकोष चित्तौड़गढ़ के विजय स्तम्भ को कहा जाता है . राजस्थान की मूर्तिकला के बारें में अधिक जानने के लिए निम्नाकित link पर जाए..
    http://rajasthanstudy.blogspot.com/2014/03/blog-post_2770.html
    राजस्र्थान की मूर्तिकला से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य-

    ReplyDelete
  3. राजस्थान का नाम,राजस्थान ही क्यौ पड़ा ?

    ReplyDelete
    Replies
    1. Please go through the link-

      https://rajasthanstudy.blogspot.com/2013/05/blog-post.html

      Delete
  4. Nice article
    the great information you have a written on free govt jobs alert. i have read your have a written . i have read your article and the share other person . i was really looking for it.
    i am the following the information.

    ReplyDelete

Post a Comment

Your comments are precious. Please give your suggestion for betterment of this blog. Thank you so much for visiting here and express feelings
आपकी टिप्पणियाँ बहुमूल्य हैं, कृपया अपने सुझाव अवश्य दें.. यहां पधारने तथा भाव प्रकट करने का बहुत बहुत आभार

Popular posts from this blog

राजस्थान का प्रसिद्ध हुरडा सम्मेलन - 17 जुलाई 1734

हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋत...

Baba Mohan Ram Mandir and Kali Kholi Dham Holi Mela

Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली''  में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन...

Scheduled Areas of State of Rajasthan - राजस्थान के अनुसूचित क्षेत्र का विवरण

राजस्थान के अनुसूचित क्षेत्र का विवरण (जनगणना 2011 के अनुसार)-   अधिसूचना 19 मई 2018 के अनुसार राजस्थान के दक्षिण पूर्ण में स्थित 8 जिलों की 31 तहसीलों को मिलाकर अनुसूचित क्षेत्र निर्मित किया गया है, जिसमें जनजातियों का सघन आवास है। 2011 की जनगणना अनुसार इस अनुसूचित क्षेत्र की जनसंख्या 64.63 लाख है, जिसमें जनजाति जनसंख्या 45.51 लाख है। जो इस क्षेत्र की जनसंख्या का 70.42 प्रतिशत हैं। इस क्षेत्र में आवासित जनजातियों में भील, मीणा, गरासिया व डामोर प्रमुख है। सहरिया आदिम जाति क्षेत्र- राज्य की एक मात्र आदिम जाति सहरिया है जो बांरा जिले की किशनगंज एवं शाहबाद तहसीलों में निवास करती है। उक्त दोनों ही तहसीलों के क्षेत्रों को सहरिया क्षेत्र में सम्मिलित किया जाकर सहरिया वर्ग के विकास के लिये सहरिया विकास समिति का गठन किया गया है। क्षेत्र की कुल जनसंख्या 2.73 लाख है जिसमें से सहरिया क्षेत्र की अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 1.02 लाख है जो क्षेत्र की कुल जनसंख्या का 37.44 प्रतिशत है।  अनुसूचित क्षेत्र में राजकीय सेवाओं में आरक्षण सम्बन्धित प्रावधान-  कार्मिक (क-...