खाद्य प्रसंस्करण के लिए अनुदान पाने वाली पहली कृषक बनी बारां की प्रमिला
राजस्थान कृषि प्रसंस्करण एवं विपणन प्रोत्साहन कृषकों के
द्वार योजना
जयपुर,
11 जनवरी। राजस्थान कृषि विपणन बोर्ड द्वारा बारां जिले के मांगरोल की
महिला कृषक श्रीमती प्रमिला को आंवले की प्रसंस्करण इकाई हेतु 18.39 लाख
रूपये का अनुदान स्वीकृत किया है। उल्लेखनीय है कि यह प्रदेश की पहली कृषक
हैं, जिन्हें ’’राजस्थान कृषि प्रसंस्करण एवं विपणन प्रोत्साहन कृषकों के
द्वार योजना’’ के तहत खाद्य प्रसंस्करण इकाई लगाने के लिए अनुदान स्वीकृत
किया गया है।
कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव
श्री पी.के. गोयल ने बताया कि राज्य सरकार की घोषणा को सर्वोच्च
प्राथमिकता देते हुए विपणन बोर्ड ने त्वरित कार्यवाही करते हुए महिला कृषक
को आंवले की प्रसंस्करण इकाई हेतु अनुदान स्वीकृत किया है।
राजस्थान
राज्य कृषि विपणन बोर्ड की प्रशासक डॉ. वीणा प्रधान बताया कि श्रीमती
प्रमिला बाई द्वारा स्वयं के खेत पर उत्पादित आंवले से मुरब्बा, केण्डी,
ज्यूस, आचार आदि बनाए जाने की 'प्रसंस्करण इकाई' लगाये जाने के लिए 36.78
लाख रूपये की लागत का प्रस्ताव बोर्ड को प्रस्तुत किया था। इस प्रस्ताव को
बोर्ड द्वारा जिला स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी से जांच करवा गई और उसकी
अभिशंषा के आधार पर परियोजना लागत का 50 प्रतिशत अनुदान 18.39 लाख रूपये
स्वीकृत किया गया।
उन्होंने बताया कि यह अनुदान राशि कार्य प्रगति के साथ
चरणबद्ध रूप से परियोजना के लिए ऋण स्वीकृत करने वाले बैंक को पश्चवर्ती
अनुदान (बैक एण्डेड सब्सिडी) के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी। कृषक द्वारा
इसके समतुल्य ऋण राशि पर बैंक को कोई ब्याज नहीं चुकाना पडेगा।
क्या है राजस्थान कृषि प्रसंस्करण एवं विपणन प्रोत्साहन कृषकों के द्वार योजना ?
"राजस्थान कृषि प्रसंस्करण एवं विपणन प्रोत्साहन
कृषकों के द्वार योजना" के तहत राज्य में किसान द्वारा स्वयं के खेत पर
कृषि प्रसंस्करण इकाई लगाए जाने पर 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाता है। यह अनुदान बैंक द्वारा वित्त पोषित या स्वयं की पूंजी से स्थापित किये
जाने वाले कृषि प्रसंस्करण उद्योग पर देय है। विपणन बोर्ड द्वारा किसानों
को अपने स्वयं के खेत पर उत्पादित कृषि जिन्सों के प्रसंस्करण की इकाईयां
लगाए जाने के लिए इस योजना के तहत अनुदान प्राप्त करने हेतु प्रोत्साहित
किया जा रहा है।
योजना की विशेषताएँ-
योजना की विशेषताएँ-
- कृषि आधारित औद्योगिक इकाई स्थापना को लेकर राज्य सरकार ने कृषि प्रसंस्करण एवं विपणन प्रोत्साहन कृषकों के द्वार योजना वर्ष 2017 में लागू की है।
- इसके तहत किसान अपने खेत पर बिना भू परिवर्तन किए कृषि आधारित औद्योगिक इकाई स्थापित कर सकता है।
- इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 50 फीसदी या अधिकतम 20 लाख तक का अनुदान दिया जाता है।
- इस योजना का संचालन राजस्थान राज्य
कृषि विपणन बोर्ड द्वारा कृषि उपज मंडी समितियों के जरिए किया जाता है।
किसान, उद्यमी, उत्पादक समूह जिनके पास स्वयं की भूमि है, योजना के तहत देय परिलाभों के पात्र होंते हैं। - परियोजना स्वीकृति के बाद कुल अनुदान राशि के 20 फीसदी अनुदान की अग्रिम राशि का भुगतान किया जाता है।
- प्रथम किस्त के उपयोग के बाद एवं आवश्यक मशीन व संयंत्र खरीदने व स्थापित करने पर कुल राशि का 30 फीसदी भुगतान किया जाता है।
- द्वितीय किस्त के पूर्ण उपयोग एवं मशीन व संयंत्रों की स्थापना के बाद कुल अनुदान की 30 फीसदी राशि का भुगतान तीसरी किस्त के रूप में किया जाता है।
- 20 फीसदी अनुदान राशि का भुगतान इकाई द्वारा वाणिज्यिक उत्पादन एवं विपणन शुरू होने व सम्बन्धित जिला उद्योग केंद्र से उद्योग आधार प्रस्तुत करने पर किया जाता है।
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