देवस्थान विभाग की कैलाश मानसरोवर दर्शन यात्रा योजना
Kailsah Mansarovar Yatra Yojna of Devesthan Depatment Rajasthan
क्या है योजना का नाम-
कैलाश मानसरोवर यात्रा हेतु श्रद्धालुओं को सहायता योजना
कब प्रारंभ हुई थी ये योजना - 1 अप्रैल 2011 से
क्या है योजना का उद्देश्य -
योजना का उद्देश्य विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के माध्यम से कैलाश मानसरोवर की यात्रा सफलतापूर्वक सम्पन्न करने वाले राजस्थान के स्थाई मूल निवासी श्रद्धालुओं को रुपये 1,00,000/- (अक्षरे एक लाख रुपये) प्रति यात्री की सहायता प्रदान करना।
कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा का संक्षिप्त परिचय-
जिन धार्मिक मान्यताओं और सांस्कृतिक महत्व के कारण कैलाश मानसरोवर की यात्रा जानी जाती है, वे अनेक धर्मों तक व्यापक है। हिन्दू परंपरा के अनुसार यह भगवान महादेव शिव का निवास स्थान भी है और मिथकों का सुमेरु एवं स्वर्गीय कल्पना का सेतु भी है। कैलाश पर्वत पर ही जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव ('भगवान आदिनाथ') ने अपना मोक्ष पाया था। तिब्बत अपने आप में बौद्ध धर्म का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है तथा उनके वज्रयानी परंपरा के लिए यह न केवल सुमेरु है, अपितु पद्मसंभव एवं चक्रसंवर का स्थान भी है। तिब्बत के लोक धर्म वोन धर्म में यह मिलारेपा एवं नारो बोन चुंग नामक सिद्धों की कथा से भी जुड़ा है। इन सबके अतिरिक्त 'कैलाश पर्वत' तथा 'मानसरोवर झील' अपनी अद्वितीय प्राकृतिक छटा की अप्रतिम सुन्दरता के विश्व प्रसिद्ध स्थल हैं, जिनके दर्शन के लिए प्रतिवर्ष अनगिनत यात्री इसकी तीर्थ यात्रा पर जाते हैं।
क्या है यात्रियों के लिए योग्यता -
तीर्थयात्री भारतीय नागरिक होना चाहिए।
उसके पास चालू वर्ष के 01 सितंबर को कम से कम 6 महीने की शेष वैधता अवधि वाला भारतीय पासपोर्ट होना चाहिए।
उसकी आयु चालू वर्ष की 01 जनवरी को कम से कम 18 और अधिक से अधिक 70 वर्ष होनी चाहिए।
उसका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 25 या उससे कम होना चाहिए।
धार्मिक प्रयोजनार्थ यात्रा करने के लिए उसे शारीरिक रूप से स्वस्थ और चिकित्सा की दृष्टि से उपयुक्त होना चाहिए। आवेदक को उच्च रक्तचाप, मधुमेह, दमा, हृदय रोग, मिरगी इत्यादि रोगों से पीड़ित नहीं होना चाहिए। चुने गए आवेदकों को उच्च तुंगता सहनशीलता जाँच के लिए दिल्ली में दिल्ली हार्ट एंड लंग इंस्टीट्यूट और आईटीबीपी बेस अस्पताल द्वारा आयोजित विशिष्ट चिकित्सा जाँच करानी होती है तथा उसमें सफल होना होता है।
विदेशी नागरिक आवेदन करने के पात्र नहीं हैं; अतः ओसीआई कार्डधारी पात्र नहीं हैं।
क्या है यात्रा का शुल्क -
यात्रा के है दो मार्ग -
भारत सरकार का विदेश मंत्रालय प्रतिवर्ष जून से सितंबर के दौरान निम्नांकित दो अलग-अलग मार्गों से कैलाश यात्रा का आयोजन करता है, जिनकी यात्राओं की अवधि एवं लागत राशि भी अलग-अलग होती है-
लिपुलेख दर्रा (उत्तराखण्ड) मार्ग और
नाथु-ला दर्रा मार्ग (सिक्किम)
यह यात्रा बहुत दुर्गम भी है, जिसमें ऊबड़-खाबड़ भू-भाग वाले मार्ग से होते हुए खराब मौसम की प्रतिकूल स्थितियों में लगभग 19,500 फुट तक की चढ़ाई चढ़नी होती है। यह यात्रा उन लोगों के लिए जोखिम भरी हो सकती है जो शारीरिक दृष्टि से स्वस्थ नहीं होते हैं। इस कारण यात्रा से पहले दिल्ली में डीएचएलआई और आईटीबीपी द्वारा की चिकित्सा जाँचों के बाद ही कैलाश मानसरोवर यात्रा की अनुमति दी जाती है।
कैलाश मानसरोवर की यात्रा का विशेष विवरण भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट https://kmy.gov.in पर देखा जा सकता है।
योजना में तीर्थयात्रा हेतु कितनी मिलेगी सहायता अनुदान राशि-
रुपये 1,00,000/- (अक्षरे एक लाख रुपये) प्रति यात्री की सहायता राशि दी जाती है।
योजना में कुल लाभार्थियों की विभागीय सीमा-
तीर्थयात्रा हेतु सामान्यतः 100 तीर्थयात्री (अधिक आवेदक होने पर लॉटरी द्वारा चयन)
योजना की शर्तें/पात्रता -
(1) इस योजना का लाभ केवल राजस्थान के स्थायी मूल निवासियों को ही देय है।
(2) कैलाश मानसरोवर की यात्रा विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के माध्यम से की जाती है।
(3) यात्रा समाप्ति के पश्चात विदेश मंत्रालय द्वारा सफलतापूर्वक यात्रा सम्पन्न किये जाने का प्रमाणीकरण संलग्न किया जाना आवश्यक होता है।
(4) जीवन काल में केवल एक बार अनुदान प्राप्त करने की पात्रता होती है।
आवेदन की प्रक्रिया -
कैलाश मानसरोवर की यात्रा हेतु आवेदन की प्रक्रिया विदेश मंत्रालय भारत सरकार के माध्यम से संपादित की जाती है।
देवस्थान विभाग से अनुदान हेतु आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन है, जिसकी तिथि विभागीय विज्ञप्ति अनुसार घोषित की जाती है। सामान्यतः यह प्रक्रिया जून से सितम्बर माह में की जाती है। सहायता अनुदान हेतु ऑनलाइन आवेदन में भी आवेदन-पत्र का प्रिंट वांछित दस्तावेज सहित यात्रा करने के दो माह के अन्दर जमा कराना होता है।
ऑफलाइन की स्थिति में सहायता अनुदान हेतु आवेदन-पत्र विभागीय वेबसाइट से डाउनलोड कर सहायक आयुक्त कार्यालय देवस्थान विभाग में जमा कराना होता है। आवेदन की ऑफलाइन प्रक्रिया तभी मान्य होगी, जब इस हेतु विशेष निर्देश जारी हो।
यदि निर्धारित कोटे से अधिक संख्या में आवेदन प्राप्त होते हैं, तो लॉटरी (कम्प्यूटराईज्ड ड्रा आफ लाट्स) द्वारा यात्रियों का चयन किया जाता है।
आवेदन के साथ वांछित दस्तावेज-
1. राजस्थान के मूल निवास प्रमाण पत्र की प्रमाणित फोटो प्रति।
2. पासपोर्ट (मय स्थायी पते) की प्रमाणित फोटो प्रति।
3. यात्रा संबंधी वांछित वीजा सील/अंकन की प्रमाणित फोटो प्रति।
4. विदेश मंत्रालय, भारत सरकार से यात्रा सफलतापूर्वक सम्पन्न करने के प्रमाण पत्र की प्रमाणित फोटो प्रति।
5. आधार कार्ड/मतदाता पहचान-पत्र/ भामाशाह कार्ड की फोटो-प्रति।
चयन व आवंटन की प्रक्रिया -
कैलाश मानसरोवर की विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के माध्यम से यात्रा करने वाले श्रद्धालु यात्रा समाप्ति के दो माह के अन्दर अपना आवेदन संबंधित उपखण्ड अधिकारी/सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग के कार्यालय में मय मूल दस्तावेज स्वयं उपस्थित होकर प्रस्तुत करना होता है।
प्रस्तुतकर्ता अधिकारी संलग्न दस्तावेजों को मूल से मिलान कर, सही पाये जाने पर, इस आशय का नोट अंकित करते हैं।
उपखण्ड अधिकारी प्राप्त आवेदन पत्रों को 15 दिवस के अन्दर संबंधित सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग को अग्रेषित करते हैं, जो 15 दिवस में बाद जांच स्वीकृति जारी करते हैं।
इस वेबपेज पर पधारने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद और आभार.
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