फसलों को बचाने के लिए किसान लगा सकेंगे सरकारी अनुदान से तारबंदी
- कृषि मंत्री श्री लालचन्द कटारिया ने शुक्रवार 28 जून को राज्य विधानसभा में जानकारी देते के लिए बताया कि किसानों को तारबंदी हेतु पेरीफेरी (परिधि) लागत का 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम राशि 40 हजार रूपये जो भी कम हो प्रति कृषक 400 रनिंग मीटर तक अनुदान देय है।
- वर्ष 2019-20 में राज्य के समस्त जिलों में तिलहनी फसलों के क्षेत्रफल को मध्यनजर रखते हुए राशि 562.200 लाख रूपये का वित्तीय एवं 5 लाख 62 हजार 250 मीटर भौतिक लक्ष्यों का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है।
- कृषि विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन-तिलहन के अन्तर्गत नीलगाय व अन्य जंगली जानवरों से फसलों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए सभी श्रेणी के कृषकों को लक्षित कर सामुदायिक आधार पर कांटेदार/ चैनलिंक तारबंदी कार्यक्रम चालू किया गया है जिसमें कम से कम 5 हैक्टेयर क्षेत्रफल हो एवं 3 कृषको का समूह हो।
- प्रदेश में किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले रोजड़ों को कृषकों द्वारा आवेदन करने पर राज्य सरकार ने वन्यजीव (सुरक्षा) अधिनियम, 1972 की धारा 11 (1) (बी) के अन्तर्गत मारने हेतु अधिसूचना 03 मार्च 1994 से उप वन संरक्षकों को, 19 जनवरी 1996 व 30 अप्रेल 1997 से क्षेत्रीय वन अधिकारियों रेंजर्स एवं अधिसूचना 31 अगस्त 2000 द्वारा राज्य के समस्त जिलों में पदस्थापित जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, उप खण्ड अधिकारी, पुलिस उप अधीक्षक, सहायक वन संरक्षक, विकास अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं थाना प्रभारी अधिकारी को परमिट देने हेतु प्राधिकृत किया हुआ है।
- फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले जंगली सुअरों को मारने की अनुमति देने हेतु राज्य सरकार के आदेश 31 मार्च 1998 की पालना में मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, राजस्थान जयपुर द्वारा उप वन संरक्षकों को जिला कोटा, बून्दी, सवाईमाधोपुर, करौली, पाली, सिरोही, उदयपुर, चित्तौडगढ़, झालावाड़, अलवर, जयपुर, डूंगरपुर, जालौर, बीकानेर, तथा श्रीगंगानगर, में अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में वन्यजीव अभयारण्यों/राष्ट्रीय उद्यानों से 15 किलोमीटर की परिधि के बाहर प्राधिकृत किया गया है।
- साथ ही उप मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक/क्षेत्र निदेशक/उप निदेशक तथा उप वन संरक्षक (वन्यजीव) को अपने-अपने क्षेत्रधिकार वाले जिलों में वन्यजीव अभयारण्य /राष्ट्रीय उद्यान की सीमा से 15 किलोमीटर तक की परिधि में प्राधिकृत किया गया है।
तारबंदी कार्यक्रम के प्रमुख बिंदु-
- कार्यक्रम कृषि विभाग द्वारा संचालित।
- एनएफएसएम-तिलहन फ्लेक्सी फण्ड में स्थानीय आवश्यकता के अनुसार कार्यक्रम।
- राज्य के समस्त जिले जहाँ नील गाय/आवारा पशुओं का खतरा हो।
- वर्ष 2018-19 से सामुदायिक आधार पर तारबंदी कराई जाएगी। जिसमें कम कम 10 हेक्टेयर शामिल हो या कम से कम 5 किसान लाभान्वित हो।
- पेरीफेरी के किसानों को आधार कार्ड संख्या देना अनिवार्य होगा।
- कृषक के स्वयं के नाम से भू-स्वामित्व नहीं होने की स्थिति में (कृषक के पिता के जीवित होने या मृत्यु पश्चात नामान्तरण के अभाव में) यदि आवेदक कृषक स्वयं के पक्ष में भू-स्वामित्व में नोशनल शेयर धारक का प्रमाण-पत्र राजस्व/हल्का पटवारी से प्राप्त कर आवेदन के साथ प्रस्तुत करता है तो ऐसे कृषक को भी अनुदान हेतु पात्र माना जाएगा अथवा इस आशय का सरपंच से प्रमाण पत्र प्राप्त कर प्रस्तुत करे कि वह परिवार से अलग रहता है तथा उनका अलग राशन कार्ड व नरेगा जॉब कार्ड बना हुआ है।
- तारबंदी हेतु पेरीफेरी (परिधि) के किसानों को लागत का 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम राशि 40 हजार रूपये जो भी कम हो प्रति कृषक 400 रनिंग मीटर तक अनुदान देय है। यदि रनिंग लम्बाई 400 मीटर से अधिक है तो शेष खर्च किसान द्वारा स्वयं वहां किया जायेगा
- किसान द्वारा तारबन्दी का कार्य स्वयं के संसाधनों या बैंक क़र्ज़ सहायता से करने पर अनुदान देय होगा।
- तारबंदी से पूर्व तथा इसके पश्चात् जियोटैगिंग अनिवार्य किया गया है।
- अनुदान राशि किसान के खाते में जमा होगी।
- पेरीफेरी का निर्धारण सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) या उप निदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद् द्वारा किया जाएगा।
- आवेदक को आवेदन के साथ जमाबंदी की नक़ल देना अनिवार्य है, जो ६ माह से अधिक पुरानी नहीं हो।
- ट्रस्ट/सोसायटी/स्कूल/कॉलेज/मंदिर/धार्मिक संस्थान पात्र नहीं होंगे।
- तारबंदी में किसी प्रकार का करंट प्रवाहित नहीं किया जा सकता है ताकि पशुओं को किसी प्रकार की हानि नहीं हो।
- तारबंदी के रखरखाव एवं मरम्मत की जिम्मेदारी किसान की रहेगी।
- 10-15 % श्रमिक कार्य मनरेगा से कराये जा सकते हैं।
- आदर्श ग्राम योजना को प्राथमिकता।
कैसे किया जा सकता है आवेदन -
- किसान अथवा किसान समूह नागरिक सेवा केंद्र/ईमित्र कियोस्क पर अपना ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। जिसमें आवश्यक दस्तावेजो को अपलोड करना आवश्यक है। आवेदन की स्थिति को एसएमएस द्वारा आवेदक को दी जाएगी। आवेदन करने के आवेदन का प्रिंट ले लेना चाहिए। मूल दस्तावेजों को ईमित्र कियोस्क/लोकल सर्विस प्रोवाइडर के माध्यम से महीने में दो बार कृषि विभाग को भेजना होता है जिसकी रसीद विभाग के कर्मचारी द्वारा दी जाएगी।
- किसान अथवा किसान समूह स्वयं भी अपने स्तर पर अपना ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। जिसमें भी आवश्यक दस्तावेजो को अपलोड करना आवश्यक है। मूल दस्तावेजों को स्वयं या डाक द्वारा कृषि विभाग को भेजना होता है जिसकी रसीद विभाग के कर्मचारी द्वारा दी जाएगी।
ये अवश्य ध्यान रखें -
आवेदन प्रार्थना पत्र को मूल दस्तावेजो सहित ईमित्र कीओस्क/लोकल सर्विस प्रोवाइडर/स्वयं कृषक द्वारा आवेदित दिनांक से 30 दिवस की अवधि में संबंधित कृषि विभाग के कार्यालय में नहीं भिजवाया जाता है तो आवेदन स्वत: ही निरस्त माना जायेगा।
किसान तारबंदी अथवा चेन लिंक फेंसिंग दोनों में से किसी एक का प्रयोग कर सकते हैं जिनके मानदंड निम्नानुसार हैं -
आवेदन प्रार्थना पत्र को मूल दस्तावेजो सहित ईमित्र कीओस्क/लोकल सर्विस प्रोवाइडर/स्वयं कृषक द्वारा आवेदित दिनांक से 30 दिवस की अवधि में संबंधित कृषि विभाग के कार्यालय में नहीं भिजवाया जाता है तो आवेदन स्वत: ही निरस्त माना जायेगा।
किसान तारबंदी अथवा चेन लिंक फेंसिंग दोनों में से किसी एक का प्रयोग कर सकते हैं जिनके मानदंड निम्नानुसार हैं -
कांटेदार तारबंदी के मानदंड -
अगर किसान कांटेदार तारबंदी नहीं करके चेन लिंक फेंसिंग लगाना चाहे तो उसके मानदंड निम्नानुसार हैं -
- अगर किसान तारबंदी करना चाहे तो किसान को निम्नानुसार मानदंड की कांटेदार तारबंदी करनी होगी-
- तारबंदी 150 सेमी ऊंचाई की होनी चाहिए।
- प्रत्येक 3-3 मीटर की दूरी पर 30 x 30 x 45 सेमी प्रीकास्ट सीमेंट / लोहे के एंगल/पत्थर की पट्टी सीमेंट कंक्रीट में 1:3:6 में करनी होगी।
- प्रीकास्ट 2 सीमेंट कंक्रीट पिलर का आकार ऊपर से 10 x 10 सेमी एवं नीचे से 15 x 15 सेमी, प्रत्येक 10 वें पिलर के पिलर को इसी आकार के अतिरिक्त पिलर से मजबूत करना होगा। दो पिलर्स के बीच में 6 लाइन में क्षैतिज व 2 विकर्ण में काले कांटेदार तारों से मजबूत करना होगा।
चेन लिंक फेंसिंग के मानदंड-
प्रत्येक 3-3 मीटर की दूरी पर 30 x 30 x 45 सेमी, सीमेंट कंक्रीट 1:3:6 में स्थापित 50 x 50 x 6 mm के लोहे के एंगल पर स्थापित किया जाएगा। 100 mm x 10 mm x 3.15साइज की चेन लिंक का प्रयोग किया जायेगा।इसको स्थापित करने की डिजाइन निम्नानुसार होगी -
इस आलेख को पढने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद् और आभार. (h)(h)
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