Know, What is ARAVALI Sangh- an Association For Rural Development जानिए क्या है ग्रामीण विकास के निर्मित अरावली संघ
जानिए क्या है ग्रामीण विकास के निर्मित अरावली संघ
(एसोसिएशन फाॅर रूरल एडवांसमेंट थ्रू वाॅलएन्टरी एक्शन एण्ड लोकल इनवाॅल्वमेंट -ARAVALI )
स्थापना का उद्देश्य:-
अरावली की स्थापना राजस्थान सरकार द्वारा वर्ष 1994 में बजटीय भाषण के तहत् सरकार और गैर सरकारी (स्वैच्छिक संगठनों) के बीच साझेदारी को सशक्त करने एवं राज्य में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य हेतु की गई।
कार्यव्यवस्था:-
- अरावली का पंजीकरण 23 जुलाई 1994 को ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया गया। वर्तमान में अरावली का प्रशासनिक विभाग ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग है।
- अरावली के अध्यक्ष माननीय मंत्री, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग, राजस्थान सरकार हैं। संस्था की कार्यकारिणी समिति, शासकीय परिषद एवं साधारण सभा में राजस्थान सरकार के वित्त, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज, आयोजना, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, कृषि, वन एवं पर्यावरण एवं शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रमुख शासन सचिव/शासन सचिव भी पदेन सदस्य हैं।
- अरावली की साधारण सभा में राजस्थान सरकार के पदाधिकारियों के अतिरिक्त गैर सरकारी संगठनों के सदस्य भी पदेन सदस्यों के रूप में शामिल हैं।
- अरावली की सोच है कि राज्य में समुदायों के चहुँमुखी और व्यापक विकास के लिए ऐसे साझे प्रयासों एवं अभिगमों की आवश्यकता है जो किसी एक ही संस्था या प्रणाली द्वारा संभव नहीं हैं। विकास कार्य का लाभ सभी लोगों, विशेषकर गरीब एवं वंचित लोगों तक पहुँचे, यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि विकास के क्षेत्र में कार्यरत सभी व्यक्ति एवं संस्थाऐं परस्पर साझेदारी से कार्य करें।
- अरावली की सोच है कि राज्य में समुदायों के चहुँमुखी और व्यापक विकास के लिए ऐसे साझे प्रयासों एवं अभिगमों की आवश्यकता है जो किसी एक ही संस्था या प्रणाली द्वारा संभव नहीं हैं। विकास कार्य का लाभ सभी लोगों, विशेषकर गरीब एवं वंचित लोगों तक पहुँचे, यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि विकास के क्षेत्र में कार्यरत सभी व्यक्ति एवं संस्थाऐं परस्पर साझेदारी से कार्य करें।
- राजस्थान के विकास में अरावली ने अपना वृहद योगदान दिया है, वह पिछले 20 वर्षों से ग्रामीण विकास, जल संसाधन, कृषि एवं पशुपालन प्रबंधन व विकास, स्वास्थ्य, राज्य में स्वैच्छिक संस्थाओं का क्षमतावर्धन तथा गरीब परिवारों को सरकारी कार्यक्रमों से जुड़ाव आदि के क्षेत्र में बहुत से महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। अरावली ने राज्य में कुल 150 से अधिक गैर सरकारी संगठनों का सशक्तिकरण कर उपरोक्त क्षेत्रों में योगदान दिया है। इस कार्य में अरावली को विभिन्न दानदाता संगठनों ने अपना आर्थिक सहयोग दिया है जिनमें प्रमुख है: केन्द्र एवं राजस्थान सरकार, विश्व बैंक, आगा खाॅ फाउण्डेशन, सर रतन टाटा ट्रस्ट, यूनीसेफ, यू.एन.डी.पी., पाॅल हेमलिन फाउण्डेशन, सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट आदि।
अरावली के प्रमुख उद्देश्य -
अरावली के प्रमुख उद्देश्य निम्नांकित हैं:-
1. सरकार व गैर सरकारी संगठनों के मध्य साझेदारी को प्रोत्साहित करना।
2. राज्य में स्वैच्छिक संस्थाओं एवं सरकारी अधिकारियों का क्षमतावर्धन विभिन्न प्रशिक्षणों एवं क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के माध्यम से करना।
3. ग्रामीण विकास के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने हेतु परियोजनाओं का निर्माण, क्रियान्वयन, परियोजनाओं का मूल्यांकन व प्रबोधन कार्य करना।
4. ग्रामीण क्षेत्रों के विकास हेतु उचित प्रौद्योगिकी का अनुसंधान कर पहचान करना व स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से पायलट करना।
5. स्वैच्छिक प्रयासों और स्थानीय भागीदारी के माध्यम से ग्रामीण विकास हेतु समग्र रणनीति व दृष्टिकोण को मजबूत करना।
6. ग्रामीण विकास के क्षेत्र में हुई प्रभावी प्रयासों का दस्तावेजीकरण करना व राज्य के प्रमुख स्टेक होल्डर के समक्ष रखना।
2. राज्य में स्वैच्छिक संस्थाओं एवं सरकारी अधिकारियों का क्षमतावर्धन विभिन्न प्रशिक्षणों एवं क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के माध्यम से करना।
3. ग्रामीण विकास के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने हेतु परियोजनाओं का निर्माण, क्रियान्वयन, परियोजनाओं का मूल्यांकन व प्रबोधन कार्य करना।
4. ग्रामीण क्षेत्रों के विकास हेतु उचित प्रौद्योगिकी का अनुसंधान कर पहचान करना व स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से पायलट करना।
5. स्वैच्छिक प्रयासों और स्थानीय भागीदारी के माध्यम से ग्रामीण विकास हेतु समग्र रणनीति व दृष्टिकोण को मजबूत करना।
6. ग्रामीण विकास के क्षेत्र में हुई प्रभावी प्रयासों का दस्तावेजीकरण करना व राज्य के प्रमुख स्टेक होल्डर के समक्ष रखना।
विशेषता-
अरावली ने कुल 150 से अधिक स्वंयसेवी संगठनों की क्षमतावर्धन किए हैं जो राजस्थान के ग्रामीण विकास के क्षेत्र में अपना योगदान दे रहें हैं। अरावली ने पिछले 20 वर्षों से ग्रामीण विकास, गरीबी उन्मूलन के तहत् गरीब परिवारों की आजीविका संवर्द्धन व सरकार के कार्यक्रमों व योजनाओं से जुड़ाव का कार्य, कृषि, जल संसाधन, स्वास्थ्य परियोजना, आदि के क्षेत्र में कार्य किए हैं। राज्य सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों में स्वयंसेवी संगठनों के जुड़ाव हेतु कार्यरत है।
अरावली के प्रमुख कार्यक्रम -
1. प्रशिक्षण एवं क्षमतावर्धन कार्यक्रम -
प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण जैसे कार्यक्रम आयोजित करना। राज्य में स्वैच्छिक संस्थाओं का क्षमतावर्धन व प्रशिक्षण कार्य। विभिन्न विषयों पर जैसे ग्रामीण विकास, जल संसाधन, कृषि एवं पशुपालन प्रबंधन व विकास, स्वास्थ्य, गरीबी आंकलन, आजीविका संवर्धन, जल एवं स्वच्छता आदि पर प्रशिक्षण कार्यक्रम करना।
2. मानवीय एवं संस्थागत विकास कार्यक्रम -
- विभिन्न विषयों पर कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।
- सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं के लोगों में प्रबन्धन कौशल बढ़ाने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।
- सूचना का आदान प्रदान व परस्पर ज्ञान बांटना।
- प्रबन्धन, क्रियाकलापों व शोध के लिए दक्ष सहायता उपलब्ध करवाना।
- स्वैच्छिक संगठनों एवं विकास कार्य से जुड़े संस्थाओं के मध्य सूचनाओं को पहुँचाने हेतु ‘अरावली विकास फीचर सेवा‘ का संकलन कर तकरीबन 350 से अधिक संस्थाओं तक प्रेषित करना।
3. अनुसंधान एवं ज्ञान (नाॅलेज बिल्डिंग)-
- अनुसंधान एवं ज्ञान (नाॅलेज बिल्डिंग) विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों हेतु आजीविका संवर्धन करना व सरकारी योजनाओं के साथ जुड़ाव, नवाचार प्रयासों को प्रोत्साहित कर दस्तावेजीकरण करना।
- विभिन्न विकास के कार्यक्रमों का मूल्यांकन, प्रबोधन एवं योजनाओं के प्रभावी आंकलन कार्य करना। अरावली ने भारत सरकार, राजस्थान सरकार व अन्य संगठनों हेतु आंकलन कार्य किए हैं।
- अरावली ने ग्रामीण विकास से जुडे़ विषयों पर शोध एवं अध्ययन कार्य किए हैं विशेषकर वर्षा आधारित कृषि, जलग्रहण विकास कार्यक्रम, पशुपालन, वानिकी, समुदाय आधारित लघुवित्त कार्यक्रम, तथा राज्य में आजीविका के क्षेत्र में शोध कार्य आदि।
- अरावली ने कृषि विभाग हेतु राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 8 जिलों के 54 ब्लाक एवं 54 ग्राम पंचायतों हेतु विकेन्द्रिकृत नियोजन कार्य किए हैं। तथा राज्य के सभी जिलों के कृषि अधिकारियों हेतु नियोजन प्रशिक्षण कार्यक्रम किए हैं।
- अरावली ने राजस्थान में कार्यरत गैर सरकारी संगठनों का डेटा बेस प्रबंधन कार्य किए हैं।
4. सरकार एवं गैर सरकारी संगठनों के मध्य साझेदारी को सशक्त करना-
- राज्य एवं जिले स्तर पर इंटरफेस कार्यशाला (संवाद बैठक) का आयोजन करना।
- स्वैच्छिक संगठनों, सिविल सोसायटी एवं उपभोक्ता मंच के साथ बजट पूर्व संवाद बैठक (प्री-बजट संवाद बैठक) मुख्यमंत्री महोदयकी अध्यक्षता में आयोजित करना।
- राज्य में कई विषयों को लेकर राज्य स्तरीय फोरम का गठन एवं संचालन करना।
- राज्य में गैर सरकारी संगठनों का आंकलन तथा सरकारी योजनाओं का मूल्यांकन कार्य राज्य एवं केन्द्र सरकार हेतु करना।
अन्य परियोजनाएँ एवं कार्यक्रम -
1. राजस्थान कृषि प्रतिस्पर्द्धात्मक परियोजना:-
यह परियोजना जो कि विश्व बैंक की सहायता से विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों में गाँवों का समूह (क्लस्टर्स) का चयन कर कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्र में उत्पादकता को विकसित किया जायेगा। अरावली इस परियोजना में पार्टनर एजेन्सी के तौर पर विभिन्न स्तर पर प्रशिक्षण व क्षमतावर्धन कार्यक्रम आयोजित करने का कार्य कर रही है। क्षमतावर्द्धन व प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत् अरावली द्वारा किसानों हेतु जागरूकता कार्यक्रम क्लस्टर्स एवं ग्राम पंचायत स्तर पर आयोजित किए गए हैं।
- अरावली द्वारा पशुपालन विभाग हेतु विभिन्न जिलों से चयनित लेडी लिंक वर्कर हेतु 7 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर विभिन्न क्लस्टरों में पशुपालन संवर्द्धन (बकरी पालन) हेतु कार्य किया जा रहा है।
- अरावली द्वारा किसानों की सूचनाओं को एकत्रित करने हेतु ऑनलाईन बेसलाईन प्रपत्र तैयार करवाया गया जिससे क्लस्टरों से किसानों की सूचनाओं को क्लस्टर स्तर से ही ऑनलाईन सूचनाऐं भरी गई जिसके आधार पर परियोजना अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों का नियोजन किया गया।
- अरावली द्वारा मोखमपुरा क्लस्टर में किसान समूहों हेतु एक फारमर प्रोड्यूसर कंपनी रजिस्टर्ड करवाया गया। इस कंपनी के माध्यम से किसान अपने कृषि उत्पाद को विभिन्न कंपनियों को बेचान कर सकता है।
- अरावली ने विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं जिनमें प्रमुख हैं - वाटर बजटिंग, सामुदायिक जागरूकता, प्रशिक्षण आवश्यकता आंकलन, एग्री बिजनेस प्रमोशन फैसेलिटी इत्यादि।
- सरकारी अधिकारियों (कृषि एवं पशुपालन विभाग) का आमुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम सभी क्लस्टर्स हेतु आयोजित किए हैं। साथ ही परियोजना सम्वयकों व अन्य अधिकारियों हेतु भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किए हैं।
- आर.ए.सी.पी. परियोजना का हिन्दी में विभिन्न प्रकार के कृषि, पशुपालन, जलग्रहण, बागवानी, भूजल व जल संसाधन सम्बंधित पोस्टर्स भी प्रकाशित किये गये हैं।
2. राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद् (राजीविका) -
अरावली द्वारा राजीविका के साथ हुए एमओयू एवं कंवरजेन्स प्लान के तहत् 20 जिले (उदयपुर, प्रतापगढ़, डूंगरपूर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड़, अलवर, दौसा, टोंक, सवाई माधोपुर, राजसमंद, पाली, करौली, झूंझूनू, बीकानेर, भीलवाड़ा और भरतपुर) में महात्मा गाँधी नरेगा योजना के तहत् अपना खेत अपना काम में आवेदन मंजूरी, स्वीकृति क्रियान्वयन हेतु कार्य किया है।
3. ग्रामीण विकास विभाग (प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण) -
अरावली द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत् राज्य एवं जिले स्तर पर अधिकारियों, पंचायत प्रतिनिधियों एवं स्वंयसेवी संगठनों हेतु प्रशिक्षण एवं आमुखीकरण कार्यशालाओं का आयोजन किया गया है तथा कार्मिकों को प्रशिक्षित किया गया है।
अरावली द्वारा आवास योजनान्तर्गत टैग ऑफिसर हेतु राज्य के 10 जिलों (उदयपुर, जोधपुर, जालोर, प्रतापगढ़, पाली, करौली, डूंगरपूर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा एवं बांसवाड़ा) में कई प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर टैग ऑफिसर प्रशिक्षित किए हैं।
4. स्वैच्छिक संगठन, सिविल सोसायटी एवं उपभोक्ता मंच के साथ बजट पूर्व राज्य स्तरीय संवाद बैठक-
अरावली द्वारा ग्रामीण विकास विभाग को सहयोग करते हुए स्वैच्छिक संगठनों, सिविल सोसायटी एवं उपभोक्ता मंच के साथ बजट पूर्व संवाद बैठक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है जिसमें राज्य स्तर से विभिन्न स्वैच्छिक संगठन, सिविल सोसायटी व उपभोक्ता मंच के प्रतिनिधियों भाग लेकर राज्य बजट हेतु अपने सुझाव प्रस्तुत करते हैं।
5. प्राकृतिक स्टोन क्षेत्र में बाल अधिकार संरक्षण को प्रोत्साहित करना -
यूनीसेफ, जयपुर के सहयोग से बूंदी कोटा क्षेत्र में खनन् क्षेत्रों में स्वैच्छिक संगठनों के सहयोग से बाल अधिकार संरक्षण हेतु कार्य कर रही है। साथ ही खनन मजदूर परिवारों को सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों व योजनाओं से जुड़ाव का कार्य कर रही है। राज्य स्तर पर एक साझा प्रयासों के अनुभवों का आदान प्रदान करने के लिए राज्य स्तरीय फोरम भी स्थापित किया गया है जिनमें स्वंयसेवी संगठन, ट्रेड यूनियन, रिसर्च एजेन्सी एवं यूनीसेफ के प्रतिनिधि जुड़कर नियमित बैठकें आयोजित कर खनन मजदूरों के परिवारों के स्वास्थ्य, सुरक्षा, आजीविका संवर्द्धन आदि पर कार्य कर रही है।
अरावली द्वारा खनन मजदूरों के बच्चों के समक्ष आ रही चुनौतियों एवं जोखिम हेतु विभिन्न खनन क्षेत्रों में एक रिसर्च कार्य कर चुनौतियों को संकलित किया है। साथ ही जयपुर जिले में बच्चों के जोखिम मानचित्रण हेतु विभिन्न उद्योगों में आ रही चुनौतियों का भी संकलन किया गया है।
6. सर रतन टाटा ट्रस्ट व कोपन हेगन कंसेन्सस सेन्टर हेतु राजस्थान की विकास प्राथमिकताएं हेतु विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन -
राजस्थान प्रायोरिटिज इनिशियेटिव के तहत् अरावली ने कृषि व खाद्य सुरक्षा, जनजातीय विकास एवं गरीबी उन्मूलन पर कार्यशालाओं का आयोजन किया गया।
इस वेब पेज पर आने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद और आभार. (c)
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