राजस्थान की ग्रामीण विकास की योजनाएँ - मगरा क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम
कार्यक्रम का परिचय -
राजस्थान राज्य के दक्षिणी-मध्य के जनजाति उपयोजना क्षेत्र के अलावा वह क्षेत्र जो पहाड़ियों से घिरा हुआ है तथा जहां अन्य पिछड़ी जाति एवं अल्पसंख्यक लोगों का अधिवास है, को मगरा क्षेत्र कहा जाता है। मगरा क्षेत्र में रहने वाले लोगों के आर्थिक एवं सामाजिक विकास के साथ-साथ इस क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं के विकास हेतु वर्ष 2005-06 में मगरा क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है।
उद्देश्य -
प्रदेश का मगरा क्षेत्र जिसमें अन्य पिछड़ी जाति एवं अल्पसंख्यक लोग निवास करते हैं, राज्य के अन्य क्षेत्रों की तुलना में पिछड़ा हुआ है। मगरा क्षेत्रीय विकास योजना के दिशा निर्देशों से निम्न उद्देश्यों की पूर्ति हो सकेगी:-
मगरा क्षेत्र का आर्थिक एवं सामाजिक आधारभूत ढ़ांचागत विकास।सामुदायिक एवं अन्य आधारभूत भौतिक परिसम्पत्ति सृजन।श्री योजना में शामिल 5 मूल आधारभूत सुविधाएं यथा ग्राम स्वच्छता एवं स्वच्छ पेयजल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ग्रामीण आंतरिक सड़के, शिक्षा एवं ग्राम में रोशनी की व्यवस्था के कार्योंं का प्राथमिकता से सम्पादन।जनसंख्या के आधार पर मगरा ग्रामीण क्षेत्र का चरणबद्ध समग्र विकास।मगरा ग्रामीण क्षेत्र की ग्राम पंचायत मुख्यालयों एवं ग्राम की जनसंख्या के आधार पर गाँवों का समग्र विकास ।मगरा क्षेत्रीय विकास योजना एवं अन्य विकास योजनाओं में निर्मित परिसम्पत्तियों का रख-रखाव।स्थानीय नागरिकों को रोजगार एवं जीविकोपार्जन हेतु लघु एवं कुटीर उद्योगों की स्थापना एवं आवश्यक संसाधनों का विकास।शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पुरातत्व तथा पर्यावरण संरक्षण आदि से सम्बंधित कार्य।
कला संस्कृति एवं पर्यटन विकास।
कार्य क्षेत्र -
मगरा क्षेत्र में राज्य के 5 जिलों यथा अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद एवं पाली की कुल 16 पंचायत समितियों के 1715 ग्रामों को सम्मिलित किया गया है।
वित्त पोषण -
यह शत-प्रतिशत राज्य वित्त पोषित योजना है।
विशेषताएं -
योजना मगरा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में क्रियान्वित की जा रही है।
इस योजना का आवश्यक होने पर अन्य योजनाओं के साथ डवटेलिंग किया जा सकता है।
योजना के तहत जन सहयोग से प्राप्त राशि का भी उपयोग किया जासकता है।
योजनान्तर्गत ग्राम के समग्र विकास की संकल्पना को ध्यान में रखते हुए श्री योजनान्तर्गत शामिल 5 घटकों यथा - 1. ग्रामीण स्वच्छता, शौचालय निर्माण व तरल एवं ठोस कचरा प्रबंधन 2. स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता 3. गाँव की आंतरिक सड़कें मय नाली निर्माण एवं अप्रोच रोड़ 4. शिक्षा, चिकित्सा की सुविधायें 5. ग्रामीण क्षेत्र में रोशनी की व्यवस्था से सम्बंधित गतिविधियों के कार्य प्राथमिकता से लिए जाते हैं।
मगरा विकास निधि का व्यय -
योजनान्तर्गत विकास कार्यों के लिए उपलब्ध निधि में से 80 प्रतिशत राशि मगरा क्षेत्र के समग्र विकास हेतु आधारभूत ढांचा विकसित करने के लिए व्यय की जाती है। इन्फ्रास्ट्रक्चर गैप्स का चिन्हींकरण कर समग्र ग्राम विकास योजना तैयार की जाती है। इसी समग्र ग्राम विकास योजना की प्राथमिकता के अनुसार कार्य सम्पादित किये जाते हैं।
मगरा विकास निधि का उपयोग श्री योजना में शामिल 5 गतिविधि कार्यों पर ही प्राथमिकता से व्यय की जाने के निर्देश हैं।
मगरा योजना क्षेत्र में शामिल समग्र ग्राम पंचायत मुख्यालय प्राथमिकता से विकसित किये जाते हैं। शेष गाँवों का जनसंख्या के आधार पर चरणबद्ध समग्र विकास किए जाने के निर्देश हैं।
योजनान्तर्गत उपलब्ध 80 प्रतिशत निधियों की 15 प्रतिशत राशि का मगरा योजना एवं अन्य योजनाओं में निर्मित परिसम्पित्तियों के रख-रखाव, मरम्मत सुदृढ़ीकरण एवं जीर्णोद्धार पर व्यय की जाती है।
मगरा योजनान्तर्गत उपलब्ध निधियों में से राज्य स्तर पर संरक्षित 20 प्रतिशत राशि का उपयोग वर्ष 2016-17 से मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के कार्यों पर वरीयता के आधार पर किया जा रहा है। वर्ष 2017-18 से उक्त 20 प्रतिशत राशि में से 19 प्रतिशत राशि का उपयोग मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के कार्यों पर किया जायेगा एवं एक प्रतिशत राशि का उपयोग प्रशासनिक मद के लिये जिले द्वारा किए जाने के निर्देश हैं।
योजनान्तर्गत कराये जाने वाले कार्य-
योजनान्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में स्थानीय समुदाय के लाभ एवं उपयोगिता का कोई भी सार्वजनिक कार्य कराया जा सकेगा, जिसमें किसी राजकीय विभाग या पंचायती राज संस्था के स्वामित्व वाली सामुदायिक परिसम्पत्तियों/आधारभूत सुविधाओं के सृजन के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास एवं रोजगार के अवसर सृजित हो।
योजनान्तर्गत नहीं कराये जाने वाले कार्य-
किसी भी पंजीकृत संस्था/ट्रस्ट की स्वयं की परिसम्पत्तियां बनाने के लिये राशि स्वीकृत नहीं की जायेगी। इस योजनान्तर्गत अनुदान एवं ऋण, वाणिज्यिक संगठन/ निजी संस्था के लिए सम्पत्ति, वस्तु/सामान की खरीद, भूमि के अधिग्रहण एवं अधिग्रहित भूमि के लिए मुआवजा, व्यक्तिगत लाभ के लिए परिसम्पत्ति, धार्मिक पूजा स्थल एवं आवृतक व्यय हेतु राशि स्वीकृत नहीं की जा सकेगी।
Nich
ReplyDeleteआपका हार्दिक आभार...
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