भारतीय शिल्प और डिजाइन संस्थान, IICD जयपुर भारत में अनुमानित 360 शिल्प समूहों के साथ 230 लाख शिल्पकार विभिन्न शिल्प क्षेत्रों में कार्यरत हैं। हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्र मिलकर लगभग 24,300 करोड़ का उद्योग हैं। भारत के निर्यात को 10,000 करोड़ रु. इस क्षेत्र से आता है। 12 वीं योजना के दस्तावेज़ के अनुसार, शिल्प उद्योग की कुल 1.62 लाख करोड़ रुपये की आय है। भारत सरकार इस उद्योग बढ़ावा देने के दक्ष व्यक्तियों के विकास के लिए विभिन्न रही है। भारतीय शिल्प और डिजाइन संस्थान, IICD जयपुर , ऐसे ही भारत के अग्रणी शिल्प और डिजाइन कॉलेजों में से एक है जो समकालीन सामाजिक-आर्थिक संदर्भ में शिल्प और शिल्पकारों के विकास की दिशा में काम करता है। IICD शिल्प और डिजाइन के क्षेत्र में अद्वितीय रूप कार्य करते हुए स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री कार्यक्रम संचालित कर रहा है। ये कार्यक्रम विद्यार्थी को शिल्प के संवेदनशील, रचनात्मक डिजाइनर और अभ्यासी के रूप में भारतीय संस्कृति और समाज को एक वैश्विक नागरिक के रूप में योगदान देने के स्पष्ट लक्ष्यों के साथ के विकसित होने का साधन प्रदान करते हैं। IICD को पहली
राजस्थान की कला, संस्कृति, इतिहास, भूगोल व समसामयिक तथ्यों के विविध रंगों से युक्त प्रामाणिक एवं मूलभूत जानकारियों की वेब पत्रिका "The web magazine of various colours of authentic and basic information of Rajasthan's Art, Culture, History, Geography and Current affairs