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Showing posts from October, 2019

पल्ला रे पल्ला पर दादर मोर राजस्थानी गीत अर्थ सहित

और रंग दे रे म्हाने औजू रंग दे  म्हारा सासुजी के दाय कोनी आई रे  नीलगर और रंग दे .... अर्थ- हे नीलगर (रंगने वाले रंगरेेेज) तुम्हारा रंगा हुआ मेरी सासूजी को पसंद (दाय) नहीं आया है, अतः हे नीलगर और रंग दे मेरा यह पुनः (ओजू) रंग दे। अल्ला रे पल्ला पर दादर मोर रंग दे  घूँघट पर बाई सा रो बीरो ये नीलगर और रंग दे। अर्थ- इसके अल्ले पल्ले पर दादुर और मोर पक्षी की चित्रकारी कर दे और घूंघट पर मेरी ननद का भाई (बाईसा रो बीरो) अर्थात मेरे पतिदेव को चित्रित कर दे। इस प्रकार इसे और रंग दे।  और रंग दे रे म्हाने औजू रंग दे  म्हारा सासुजी के दाय कोनी आई रे नीलगर और रंग दे । अर्थ- हे नीलगर, तुम्हारा रंगा हुआ मेरी सासूजी को पसंद नहीं आया है, अतः हे नीलगर और रंग दे मुझे ओजू (पुनः) रंग दे। सुसरो जी रंगाई म्हारे लाल ओढनी  म्हारा सासुजी के दाय कोणी आई रे  नीलगर और रंग दे। अर्थ- ससुर जी ने जो लाल ओढ़नी मंगाई थी वो मेरी सासुजी को पसंद नहीं आई है। अतः नीलगर इसे दुबारा रंग दे। जेठजी रंगाई म्हारे पीलो पोमचो म्हारी जेठानी के दाय कोणी आई रे नीलगर और रंग दे। अर्थ- जेठ जी ने मेरे लिए पीले

Early rural development projects (pre and post independence) ग्रामीण विकास की आरम्भिक परियोजनाएं (स्वतंत्रता के पूर्व एवं पश्चात्)

भारत में ग्रामीण विकास की आरम्भिक परियोजनाएं (स्वतंत्रता के पूर्व एवं पश्चात्) क्र. सं. परियोजना नाम आरम्भ होने का वर्ष योजना के प्रणेता परियोजना क्षेत्र 1 श्रीनिकेतन परियोजना 1921 श्री रविन्द्र नाथ टैगोर श्रीनिकेतन (पश्चिमी बंगाल) 2 मार्ताडम परियोजना 1921 डॉ. स्पेन्सर हैच मार्ताडम (कन्या कुमारी) केरल 3 गुड़गांव परियोजना 1927 एफ.एल. ब्रायन गुड़गांव (हरियाणा) 4 बड़ौदा परियोजना 1932 बी.टी. कृष्णाचारी कोसाला (बड़ौदा, गुजरात) 5 सेवाग्राम परियोजना 1936 महात्मा गांधी सेवाग्राम (वर्धा, गुजरात) 6 फिरका विकास परियोजना 1947 मद्रास राज्य मद्रास क्षेत्र (वर्तमान तमिलनाडु) 7 इटावा परियोजना 1948 अलवर्ट मायर मेहागांव (इटावा, उत्तरप्रदेश) 8 नीलाखेड़ी परियोजना 1949 एस. के. डे नीलाखेड़ी (हरियाणा) 9 सामुदायिक विकास परियोजना 1952 योजना आयोग सम्पूर्ण भारत स्रोत - कुरुक्षेत्र पत्रिका, जनवरी, 2005

International Horticulture Innovation and training centre (IHITC), इंटरनेशनल हॉर्टिकल्चर इन्नोवेशन एंड ट्रेनिंग सेंटर (आईएचआईटीसी)

International Horticulture Innovation and training centre (IHITC) : राज्य सरकार ने वाणिज्यिक बागवानी को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक उच्च तकनीक बागवानी पहलुओं पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु पीटीसी + इंटरनेशनल; नीदरलैंड (प्रैक्टिकल ट्रेनिंग सेंटर, नीदरलैंड) के तकनीकी सहायता से अंतर्राष्ट्रीय बागवानी नवाचार और प्रशिक्षण केंद्र (IHITC) की स्थापना की है। IHITC लघु अवधि के प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के स्पेक्ट्रम युक्त ऐसा सबसे उत्तम स्थल है, जो वाणिज्यिक बागवानी, कृषि उद्यमशीलता को बढ़ावा देने, उन्नत बागवानी प्रौद्योगिकी के प्रदर्शन के लिए मूल्य संवर्धन या प्रसंस्करण से संबंधित क्षेत्रों में कर्मियों के कौशल को उन्नत करने, वाणिज्यिक बागवानी फसलों के लिए और खुदरा विपणन के संबंध में बागवानी में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने हेतु प्रकृति में व्यावहारिक और अभिनव प्रशिक्षण प्रदान करता है।  केंद्र के पास कॉर्पोरेट खेती या कॉर्पोरेट टाई-अप से बागवानी श्रृंखला के विकास को प्रोत्साहित करने और उत्पादकों के साथ उत्पादन के निर्यात को सुविधाजनक बनाने का जनादेश है। यह बढ़ती उष्णकटिबंधीय औ

RAJHANS - Rajasthan Horticulture And Nursery Society

राजस्थान हॉर्टिकल्चर एवं नर्सरी सोसायटी (राजहंस)- राजस्थान में पारंपरिक कृषि अब व्यावसायिक कृषि में परिवर्तित हो रही है। इसके परिणामस्वरूप, राज्य में बेर, संतरा, किन्नो, आंवला आदि फलों, जीरा, मेथी, धनिया आदि मसालों, सब्जियों, फूलों एवं कई औषधीय पादप फसलों ने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। आजकल किसानों का ध्यान कम पानी में कम जोखिम वाली अधिक लाभदायक फसलों को लेने की ओर आकृष्ट हुआ है।  राज्य में उद्यानिकी विकास की विपुल सम्भावनाओं को देखते हुए विभिन्न कार्यक्रम उद्यान विभाग द्वारा संचालित किये जा रहे हैं। राज्य में उद्यान विभाग 1989-90 में स्थापित किया गया ताकि उद्यानिकी गतिविधियों को गति मिल सके। राज्य के किसानों को गुणवत्तापूर्ण पौधरोपण सामग्री उपलब्ध कराना उद्यान विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती था। RAJHANS की स्थापना से पहले, सीमित बजट आवंटन और लेखांकन नियमों की सीमाओं के कारण राज्य में अच्छी गुणवत्ता वाले पौधरोपण सामग्री के उत्पादन में कठिनाई थी। सरकारी नर्सरियों के पास पर्याप्त बजट न होने तथा और पौधों को तैयार करने में अधिक समय लगने के कारण अच्छी गुणवत्ता की रोपण साम

Current Affairs October 2019

  Current Affairs October 2019 शांति का नोबल पुरस्कार इथोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद को - इस साल 2019 का नोबल शांति पुरस्कार इथोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद को मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय शांति और सहयोग में उनके प्रयासों और विशेषकर शत्रु देश इरिट्रिया के साथ शांति स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री अबी अहमद अली का नाम नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। स्वीडन की जानी-मानी हस्ती अल्फ्रेड नोबल के नाम पर नोबल पुरस्कारों की शुरुआत की गयी थी और 1969 में पहला पुरस्कार दिया गया था। वर्ष 2018 व 2019 के साहित्य नोबेल पुरस्कार की घोषणा- पोलिश लेखक ओल्गा टोकार्चुक को वर्ष 2018 का नोबेल साहित्य पुरस्कार और ऑस्ट्रीयाई उपन्यासकार पीटर हैंडका को वर्ष 2019 के साहित्य नोबेल पुरस्कार मिला। पिछले साल 2018 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार नहीं दिया गया था। नोबेल पुरस्कार देने वाली प्रतिष्ठित स्वीडिश एकेडमी ​ने पिछले साल एक यौन उत्पीड़न कांड के कारण 2018 का नोबेल साहित्य पुरस्कार की घोषणा नहीं की थी। टोकार्चुक को पिछले साल मैन बुकर इंटरनेशनल पुरस्कार भी दिया गया था। स्वीडिश एकेडमी ने एक बयान मे