Skip to main content

राज्य स्तरीय निर्यात पुरस्कार 2019


राज्य स्तरीय निर्यात पुरस्कार

विभिन्न श्रेणियों में 30 निर्यातको को मिलेंगे निर्यात पुरस्कार


राज्य सरकार ने शुक्रवार 13 दिसम्बर को राज्य स्तरीय निर्यात पुरस्कारों की घोषणा कर दी। अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार के लिए प्रदेश के 30 निर्यातकों को पुरस्कृत करने के लिए चयन किया गया है।

राज्य सरकार ने प्रदेश में निर्यातकों को प्रोत्साहित करने, निर्यात को बढ़ावा देने और निर्यातकों में स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा के लिए निर्यात पुरस्कार देने की घोषणा की थी।

ये पुरस्कार निम्न हैं -

एग्रो बेस्ड व फूड प्रोसेसिंग कैटेगरी - 

  1. नीलकण्ठ पॉलिमर्स चुरु

  2. सीजन्सं इंटरनेशनल भीलवाड़ा

  3. श्री फेट्स एण्ड प्रोटिन्स जयपुर

ज्वैलरी कैटेगरी- 

  1. वैभव ग्लोबल जयपुर

  2. सोनी इंटरनेशलन ज्वैलरी

  3. अशोक ज्वैल्स जयपुर

  4. लूनावत जेम्स कारपोरेशन जयपुर

हैण्डीक्राफ्ट कैटेगरी- 

  1. संकल्प इंटरनेशनल जयपुर

  2. खेमचंद हैण्डीक्राफ्ट जोधपुर

मिनरल बैस्ड प्रोडक्ट्स कैटेगरी-

  1. बाबा सुपर मिनरल नसीराबाद

  2. रॉक्स फोरेवर उदयपुर

टैक्सटाइल्स कैटेगरी-

  1. श्री राम रेयन्स कोटा

  2. सुदिवा स्पिनर्स भीलवाड़ा

रेडीमेड गारमेंट कैटेगरी- 

  1. लोढ़ा इंपेक्स, क्षीर सागर जयपुर

  2. ट्रेडिशनल गैलेरी जयपुर

केपीओ/बीपीओ/टूरिज्म/मेडिकल आदि कैटेगरी में -

  1. इनफोसिस जयपुर

  2. इनोवाना थिंकलेब्स जयपुर

इंजीनियरिंग कैटेगरी- 

  1. टेम्पसेन्स इन्सट्रूमेंट्स उदयपुर

  2. डायनमिक केबल्स जयपुर

केमिकल, फार्मास्युटिकल, एलाइड प्रोडक्ट्स कैटेगरी- 

  1. हारमोनी प्लास्टिक्स उदयपुर, 

  2. अजंता केमिकल भीलवाड़ा, 

  3. मेवाड पालिटेक्स उदयपुर, 

महिला उद्यमी कैटेगरी -

  • प्लास्टिक वीव इण्डस्ट्रीज उदयपुर, 

सेल्स एण्ड फारेन टूरिस्ट कैटेगरी- 

  1. अंटिक्यूरियट जयपुर

लेदर, मेटल और अन्य उत्पाद कैटेगरी- 

  1. श्री महालक्ष्मी इण्डस्ट्रीज हनुमानगढ़, 

  2. मित्तल पिगमेंट्स कोटा, 

  3. लूमी आर्ट जोधपुर, 

  4. शेरा मेटल्स सीकर और 

  5. रतन पेपर्स जयपुर।


उद्योग आयुक्त श्री मुक्तानन्द अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान निर्यात पुरस्कार 2018-19 के लिए निर्धारित प्रपत्र में 7 दिसंबर तक आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन मांगे गए थे। उन्होंने बताया कि प्राप्त आवेदनों पर विचार करते हुए ऑब्जेक्टिव तरीके से निर्धारित माक्रिंग के अनुसार पुरस्कारों के लिए चयन किया गया है।

आयुक्त श्री अग्रवाल ने बताया कि निर्यात पुरस्कारों का चयन निर्यात टर्न ओवर और निर्यात ग्रोथ के आधार पर किया गया है। उन्होंने बताया कि राजस्थान निर्यात पुरस्कार इसी माह जयपुर में आयोजित समारोह में वितरित किए जाएंगे।

Comments

Popular posts from this blog

Baba Mohan Ram Mandir and Kali Kholi Dham Holi Mela

Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली''  में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन...

राजस्थान का प्रसिद्ध हुरडा सम्मेलन - 17 जुलाई 1734

हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋत...

Civilization of Kalibanga- कालीबंगा की सभ्यता-
History of Rajasthan

कालीबंगा टीला कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले में घग्घर नदी ( प्राचीन सरस्वती नदी ) के बाएं शुष्क तट पर स्थित है। कालीबंगा की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। इस सभ्यता का काल 3000 ई . पू . माना जाता है , किन्तु कालांतर में प्राकृतिक विषमताओं एवं विक्षोभों के कारण ये सभ्यता नष्ट हो गई । 1953 ई . में कालीबंगा की खोज का पुरातत्वविद् श्री ए . घोष ( अमलानंद घोष ) को जाता है । इस स्थान का उत्खनन कार्य सन् 19 61 से 1969 के मध्य ' श्री बी . बी . लाल ' , ' श्री बी . के . थापर ' , ' श्री डी . खरे ', के . एम . श्रीवास्तव एवं ' श्री एस . पी . श्रीवास्तव ' के निर्देशन में सम्पादित हुआ था । कालीबंगा की खुदाई में प्राक् हड़प्पा एवं हड़प्पाकालीन संस्कृति के अवशेष प्राप्त हुए हैं। इस उत्खनन से कालीबंगा ' आमरी , हड़प्पा व कोट दिजी ' ( सभी पाकिस्तान में ) के पश्चात हड़प्पा काल की सभ्यता का चतुर्थ स्थल बन गया। 1983 में काली...