दुधारू पशुओं की होगी ईनाफ टेगिंग-
जयपुर जिले के समस्त दुधारू पशुओं (गाय एवं भैंस वंश) में टेगिंग कर
उनके पंजीकरण का कार्य बडे़ स्तर पर प्रारम्भ किया जा रहा है। इस डेटाबेस
के संग्रह से स्थानीय एवं वैश्विक स्तर पर पशुओं के क्रय-विक्रय में उचित
मूल्य हेतु ई-मार्केट का विकास किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह
योजना पशुपालकों की आमदनी बढाने में लाभकारी होगी एवं ईनाफ पोर्टल पर टेग
नम्बर के माध्यम से पशु की समस्त जानकारी घर बैठे ही प्राप्त की जा
सकेगी। पशुओं का विस्तृत डेटाबेस तैयार करने के इस
कार्य के लिए पशुपालन विभाग द्वारा सम्बन्धित संस्थाओं,
अधिकारियों-कर्मचारियों की टीमों का गठन किया गया है। पशुपालन विभाग के
अधिकारी-कर्मचारी पशुपालकों के यहां डोर-टू-डोर जाकर पशुओं का पंजीकरण एवं
टेगिंग कर रहे हैं। पशुओं का
पंजीकरण किए जाने से प्रत्येक पशु की पहचान सुनिश्चित की जा सकेगी। इससे
नस्ल सुधार संबंधित जानकारी के द्वारा उन्नत नस्ल के पशुवंश का संरक्षण एवं
संवर्धन हो सकेगा। साथ-साथ टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, नाकारा नस्ल के
पशुओं का बाधियाकरण का रिकॉर्ड संधारण करने में आसानी होगी। इस अभियान से एक राज्य से दूसरे राज्य में पशुओं के संक्रामक
रोगों के प्रसार एवं संक्रमण पर अंकुश लगेगा। पशुओं का अनुवांशिक ब्यौरा
संकलित किया जा सकेगा जिससे पशुओं की उन्नत नस्लों का संरक्षण एवं संवर्धन
होगा। इस कार्यक्रम से पशु स्वास्थ्य संबंधी समस्त जानकारी जैसे समस्त
टीकाकरण एवं रोगों की रोकथाम की संकलित जानकारी संधारित की जाएगी। समस्त
पंजीकृत पशुओं एवं पशुपालकों की सम्पूर्ण जानकारी ईनाफ सॉफ्टवेयर में
इंद्राज किया जाना आवश्यक है। ईनाफ टेगिंग में पशुओें की समस्त जानकारी
‘आधार कार्ड’ के समकक्ष महत्व की होगी, जिससे पशुपालकों को राज्य सरकार,
पशुपालन विभाग की नवीन योजनाओं का लाभ देने मेें सुगमता होगी।
संविधान की दसवीं अनूसूची की समीक्षा के लिए गठित समिति के अध्यक्ष बने डॉ. सी. पी. जोशी -
लोकसभा सचिवालय द्वारा राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी को संविधान की 10वीं
अनुसूची के अन्तर्गत बनाये गये नियमों के तहत पीठासीन अधिकारियों को
प्रदत्त्त. शक्तियों पर पुनर्विचार करने के लिए गठित समिति का सभापति
बनाया गया है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी को इससे पहले भी लोकसभा
अध्यक्ष द्वारा विधानमण्डल सचिवालय को वित्त्तीय स्वायत्त्ता दिये जाने के
परीक्षण के लिए गठित समिति का सभापति बनाया गया था । डॉ. जोशी ने इस संदर्भ
में 6 दिसम्बर 2019 को राजस्थान विधानसभा में बुलाई पहली बैठक में ही
प्रतिवेदन तैयार कर लोकसभा सचिवालय को भिजवा दिया था ।
देहरादून में 18 से 21 दिसम्बर, 2019 तक आयोजित पीठासीन अधिकारियों के
सम्मेलन में लोकसभा अध्यंक्ष की उपस्थिति में डॉ. सी.पी. जोशी द्वारा दिये
गए उद्बोधन व चर्चा को दृष्टिगोचर रखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें
10वीं अनुसूची के अन्तर्गत पीठासीन अधिकारियों को प्रदत्ति शक्तियों पर
समीक्षा की जिम्मेदारी सौंपी है।
नई दिल्ली के बीकानेर हाउस में बनाया ‘सेंटर फॉर कंटेंपरेरी आर्ट’
राजस्थान सरकार द्वारा राज्य की कला और संस्कृति को देश-विदेश में
पहुंचाने के प्रयासों में एक नया आयाम जुड़ा है। राज्य सरकार के दिल्ली
स्थित बीकानेर हाउस में नवनिर्मित सेंटर फॉर कंटेपरेरी आर्ट, बिल्डिंग में
प्रथम कला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। इस सेंटर में ‘नेचर मार्टे गैलेरी’ के सहयोग से ‘द आइडिया ऑफ द
एक्रोवेट, कला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। यह प्रदर्शनी 19 फरवरी तक
आम नागरिकों के लिए खुली रहेगी। यहां
शुरू किए गए इस सेंटर फॉर कटेंपरेरी आर्ट से राजस्थान की कला और संस्कृति
के साथ-साथ ऎतिहासिक विरासत को देश-विदेश में पहुंचानें के प्रयासों को नया
आयाम मिलेगा।
सिलिकोसिस पीड़ित परिवाराें को मिलेंगे पालनहार योजना के लाभ
राज्य सरकार ने एक संवेदनशील निर्णय लेते हुए प्रदेश के सिलिकोसिस
पीड़ितों की संतानों को पालनहार योजना के लाभ देने का निर्णय लिया है।
प्रदेश में सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित परिवारों के
कल्याण के लिए राज्य सरकार ने बीते दिनों ही राजस्थान सिलिकोसिस नीति-2019
घोषित की थी। प्रस्ताव के अनुसार, परिवार में
माता अथवा पिता के सिलिकोसिस से पीड़ित होने की स्थिति में 0 से 18 वर्ष आयु
वर्ग के बच्चों को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित
पालनहार योजना के लाभ देय होंगे। इसके लिए पालनहार योजना की पात्रता सूची
में सिलिकोसिस पीड़ित परिवार की श्रेणी जोड़ी जाएगी। इस निर्णय से प्रदेशभर में सिलिकोसिस पीड़ित परिवारों के करीब
15,828 बच्चे लाभान्वित हो सकेंगे और राज्य सरकार पर 193 करोड़ रूपए से अधिक
का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा। पालनहार योजना में 0 से 6 वर्ष आयु वर्ग के
बच्चों के लिए प्रति माह 500 रूपए तथा 6 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के
लिए प्रति माह 1000 रूपए का अनुदान देने का प्रावधान है।
वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी श्री बृज किशोर शर्मा का निधन-
वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी श्री बृज किशोर शर्मा का 26 जनवरी की दोपहर को 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। श्री शर्मा
ने गोवा मुक्ति आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वे राष्ट्रपति
पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके हैं। श्री शर्मा नगर पालिका केकडी के
अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने आजादी के संघर्ष में बढ़ चढकर भाग लिया। वे अपने
पीछे पुत्र सुनिल कुमार शर्मा एवं विनोद कुमार शर्मा सहित भरा पूरा परिवार
छोड़ गए हैं।
राजस्थान की पांच हस्तियां पद्म श्री से सम्मानित-
राजस्थान की पांच हस्तियों को 71 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर वर्ष 2020 के लिए भारत सरकार के पद्म श्री सम्मान से राष्ट्रपति द्वारा
सम्मानित किया गया। इनमें सामाजिक कार्यों में उत्कृष्ट सेवा करने के लिए
श्री हिम्मता राम भाम्बू, श्रीमती उषा चौमार और सुंदरम वर्मा को तथा
उस्ताद अनवर खान मंगनियार और श्री मुन्ना मास्टर को कला क्षेत्र में
सर्वोच्च कार्य करने के लिए देश के चौथे सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान से
सम्मानित किया गया।
- श्री हिम्मता राम भाम्बू को राजस्थान के रत्ना राम के नाम से जाना जाता है। इन्होंने रेगिस्तान में लाखों की संख्या में पौधारोपण करके पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए अतुलनीय योगदान दिया है।
- श्रीमती उषा चौमार ने सुलभ इंटरनेशनल के सहयोग से राजस्थान में स्वच्छता की अलख जगाई। श्रीमती उषा 7 वर्ष से ही इस कार्य को लगातार कर रही है।
- राजस्थान के जयपुर (बगरू) के भजन गायकी के सरताज मुन्ना मास्टर कृष्ण और गाय पर भजन गायकी के लिए काफी प्रसिद्ध है इन्होंने राजस्थान सहित देश में अपने भजनों के माध्यम से सर्व धर्म समभाव तथा भाईचारे का पैगाम दिया है।
- राजस्थान के श्री सुंदरम वर्मा ने शेखावाटी क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण तथा बायोडायवर्सिटी के संरक्षण के लिए ड्राई लैंड एग्रोफोरेस्टर तकनीकी का विकास कर सूखे प्रदेश को हरा-भरा करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस तकनीकी के सहयोग से एक पौधे को 1 लीटर पानी के माध्यम से हरा भरा बनाए रखने में सहयोग मिलता है।
- राजस्थान की कला को देश-विदेश में पहुंचाने के लिए उस्ताद अनवर खान मंगनियार का सहयोग भी अतुलनीय है। कला में अपने इसी योगदान के लिए श्री मंगनियार को भी पदम श्री से सम्मानित किया गया।
अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग का लोकसभा व राज्य विधानसभाओं में दस वर्ष आरक्षण और बढ़ाने का संकल्प प्रस्ताव पारित
राज्य विधानसभा ने शनिवार 25 जनवरी को लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं में
अनुसूचित जाति व जनजातियों हेतु आरक्षण दस वर्ष ओर बढ़ाने के लिए भारत के
संविधान के अनुच्छेद-368 के खण्ड (2) के परन्तुक के खण्ड (घ), के परिधि के
अन्तर्गत संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित संविधान ( एक सौ छब्बीसवां
संशोधन) विधेयक 2019 के प्रस्ताव के संकल्प का सर्व सहमति से अनुसमर्थन कर
पारित किया। इससे पहले सदन के पक्ष व
विपक्ष के सदस्यों ने अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के लोगों को लोकसभा एवं
राज्य विधानसभा में आगामी दस वर्षों तक आरक्षण और बढ़ाने के प्रस्ताव के
पक्ष में लाये गये प्रस्ताव का अनुसमर्थन किया।
विधानसभा मेें सीएए पर पुनर्विचार के लिए शासकीय संकल्प ध्वनिमत से पारित-
राज्य विधानसभा में 25 जनवरी को नागरिकता (संशोधन)
अधिनियम-2019 (सी.ए.ए.) पर पुनर्विचार के लिए केन्द्र सरकार से आग्रह करने
के शासकीय संकल्प को ध्वनिमत से पारित किया।
उद्योग आयुक्त श्री मुक्तानन्द अग्रवाल को राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर राज्य स्तरीय पुरस्कार
उद्योग आयुक्त श्री मुक्तानन्द अग्रवाल को निर्वाचन विभाग
द्वारा 25 जनवरी को आयोजित दसवें राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर निर्वाचन कार्य
में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए राज्य स्तरीय वार्षिक स्टेट अवार्ड पुरस्कार
से सम्मानित किया गया गया। यह पुरस्कार भारत निर्वाचन आयोग निर्वाचन विभाग
के निर्धारित मापदण्डों के विभिन्न मानकों एवं भारत निर्वाचन आयोग के
अनुमोदन पर निर्वाचन संबंधी कार्यो को पूर्ण निष्ठा एवं समर्पण के साथ
संपन्न कराए जाने पर दिया गया।
पोलियो अभियान - 2020
19, 20, 21 और 22 जनवरी को जयपुर में और 19 से 20 जनवरी को प्रदेश भर में
घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई गई। इस
अभियान में प्रदेश के लगभग 1 करोड़ 8 लाख बच्चों को पोलियो वैक्सीन की दवा
पिलाने के लिए कुल 54 हजार 159 बूथ बनाए गए। अभियान में 1 लाख 69 हजार
वैक्सीनेटर्स एवं 3 हजार 376 मोबाइल टीमों द्वारा पोलियो वैक्सीन पिलाई
जाएगी गई। राज्य में पोलियो का अंतिम मामला नवम्बर 2009 में सामने आया। इसके
बाद से अब तक पोलिया का एक भी प्रकरण सामने नहीं आया है। हमारे देश में जनवरी 2011 के बाद पल्स पोलियो का नया केस नहीं पाया गया।
गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 27 मार्च 2014 को भारत पोलियो
मुक्त घोषित किया गया। जनवरी 2017 में 109.72 लाख, अप्रैल 2017 में 108 लाख, जनवरी 2018 में 109
लाख और मार्च 2018 में 108 लाख बच्चों को दवा पिलाई गई। इसी तरह 10 मार्च
2019 को 10 लाख बच्चों को दवाई पिलाई जा चुकी है। पड़ौसी राष्ट्रोें में विगत वर्षों में पाए गए पोलियो को ध्यान
में रखते हुए प्रदेश में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। राष्ट्रीय चरण के अतिरिक्त राज्य के बाड़मेर, जोधपुर, अलवर एवं भरतपुर जिलों
में उप राष्ट्रीय चरण भी आयोजित किये जाते हैं, क्योंकि जोधपुर एवं बाडमेर
में पाकिस्तान से आने वाले नागरिकों में पोलियो वायरस भारत लेकर आने की
संभावना होती है तथा भरतपुर एवं अलवर जिले में उत्तरप्रदेश राज्य से सीमा
लगी होने के कारण पोलियो वायरस फैलने की संभावना रहती है।
आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री अभय कुमार ने बुधवार को यहां आमजन की सुविधा के लिए राज्य में जन्म, मृत्यु एवं विवाह प्रमाण पत्र डिजीटल रूप से डिजिलॉकर से प्राप्त करने की सुविधा का शुभारंभ किया। उन्होंने बताया कि आमजन को और अधिक सुविधा देने के लिए जन्म, मृत्यु एवं विवाह प्रमाण पत्रों को डिजिलॉकर पर उपलब्ध करवाया गया है जिसके माध्यम से आमजन अपने प्रमाण पत्रों को डिजीलॉकर पर डिजीटल रूप से प्राप्त कर सकते है। उल्लेखनीय है कि आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय द्वारा एनआईसी के माध्यम से पहचान पोर्टल बनवाया गया है जिससे राज्य के सभी रजिस्ट्रारों द्वारा जन्म, मृत्यु एवं विवाह के पंजीकरण किये जा रहे है। डिजीलॉकर भारत सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा डिजीटल रूप मे सभी प्रमाण पत्रों को रखने के लिए सुविधा प्रदान की गयी है। राज्य मे इस सुविधा को प्रारंभ करने वाला आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय पहला विभाग है।
डिजीटल लॉकर (Digital Locker) या डिजी लॉकर ( DigiLocker) एक तरह का वर्चुअल लॉकर है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narenda modi) ने जुलाई 2015 में लॉन्च किया था। डिजीटल इंडिया (digital india) अभियान के तहत डिजीलॉकर को शुरू किया गया था। जिसका उपयोग आप अपने डॉक्यूमेंट (document) को ऑनलाइन स्टोर (online store) करने के लिए कर सकते है। इस बात की जानकारी दें कि डिजीलॉकर खाता (digi locker account) खोलने के लिए आपके पास आधार कार्ड (aadhar card) का होना अनिवार्य है। डिजीलॉकर में देश के नागरिक पैन कार्ड (pan card), वोटर आईडी (voter id), पासपोर्ट (passport) आदि के साथ कोई भी सरकारी प्रमाण-पत्र स्टोर कर सकते हैं।
प्रदेश में स्थापित होगा एलोवीरा जैल एण्ड ज्यूस प्रोडक्शन प्लांट, कोरियाई कम्पनी ने दिया निवेश का प्रस्ताव
प्रदेश में कोरियाई कम्पनी एलोवीरा जैल एण्ड ज्यूस
प्रोडक्शन प्लांट स्थापित करेगी। यह कम्पनी प्रारम्भ में 5 मिलियन डॉलर का
निवेश कर 10 हजार टन एलोवीरा जैल और ज्यूस का उत्पादन करेगी। पांच वर्ष में
कम्पनी की अपना निवेश 31 मिलियन डॉलर तक बढ़ाकर 40 हजार टन जैल एवं ज्यूस
का उत्पादन करने की योजना है। मुख्यमंत्री श्री
अशोक गहलोत से कोरियाई कम्पनी केबीएम के चेयरपर्सन श्री हॉन्ग
रे रोह एवं सीईओ श्री जस्टिन ली ने इस संबंध में मुलाकात की। उन्होंने
जोधपुर जिले में इस निवेश के लिए प्रस्ताव दिया है।
राज्य में पहली बार हार्ट ट्रांसप्लांट -
सवाई मानसिंह अस्पताल के डॉ. अनिल शर्मा,
उनके सहयोगी चिकित्सगण और टीम के सदस्यों को सफलता पूर्वक पहली बार हार्ट
ट्रांसप्लांट किया।
दो विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्त
17 जनवरी 2020 को राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र ने राज्य सरकार के
परामर्श पर जय नारायण विश्वविद्यालय, जोधपुर में डॉ. प्रवीण चन्द्र
त्रिवेदी और राजऋषि भतृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय, अलवर में प्रो. जगदीश
प्रसाद यादव को कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष के लिए कुलपति
नियुक्त किया।
राजस्थान ट्रांसजेण्डर कल्याण बोर्ड की बैठक में निर्णय - आयुक्त की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मॉ. भंवरलाल मेघवाल की
अध्यक्षता में गुरूवार 6 फरवरी को यहां ट्रांसजेण्डर समुदाय की समस्याओं का निराकरण
करने के लिए गठित राजस्थान ट्रांसजेण्डर कल्याण बोर्ड की बैठक आयोजित हुई।
बैठक की मुख्य बातें -
- प्रदेश में 16517 व्यक्ति इस वर्ग से आते हैं जिन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए उन्हें विभिन्न विभागों की योजनाओं से जोड़ कर लाभान्वित करने पर विचार किया जा रहा है।
- इसके लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग आयुक्त की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जायेगा।
- समिति में समुदाय के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
- इन सुझावों को क्रियान्वित करने के लिए बोर्ड की आगामी बैठक में निर्णय लिया जायेगा।
- बैठक में समुदाय की प्रतिनिधि पुष्पा माई और मालिनी दास द्वारा रखे गए बिन्दुओं पर, पूरी संवेदनशीलता से विचार करने का आश्वासन दिया।
- बोर्ड के उपाध्यक्ष, प्रमुख शासन सचिव श्री अखिल अरोरा ने बताया कि ट्रांसजेण्डर समुदाय के लोगों को पहचान पत्र जारी करवाने, पहचान पत्र में अदर्स (अन्य) के ऑप्शन के स्थान पर तृतीय लिंग शब्द अंकित कराया जाने, पहचान पत्रों में पिता संरक्षक का नाम रखे जाने का प्रावधान कराये जाने के क्रम में विभाग द्वारा सभी जिला कलक्टरों को दिशा निर्देश एवं मार्गदर्शिका जारी की जा चुकी है।
- राजस्थान ट्रांसजेण्डर कल्याण बोर्ड में गैर सरकारी सदस्यों का मनोनयन करने के संबंध में इस समुदाय के व्यक्तियों से सम्पर्क कर नाम प्राप्त करने की कार्यवाही की जा रही है।
- ट्रांसजेण्डर समुदाय के लोगों को विभिन्न योजनाओं से जोड़ने के क्रम में निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाऎ राज0 जयपुर द्वारा संचालित कल्याकारी योजनाओं में तृतीय लिंग का कॉलम जोड़ दिया गया है।
- आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय द्वारा जन्म/मृत्यु/मृत जन्म के प्रपत्रों में तृतीय लिंग का कॉलम जोड़ दिया गया है।
- नगरीय विकास विभाग राज0 जयपुर ने आवास योजनाओं के आवंटन के संबंध में फार्म/आवेदन पत्रों में तृतीयलिंग को जोड़ कर स्त्री व पुरूष के समान वर्ग मानते हुये आवंटन की कार्यवाही की जाती है।
- ट्रांसजेण्डर समुदाय के लोगों के आयु निर्धारण प्रमाण पत्र के सन्दर्भ में निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाऎ राज0 जयपुर के द्वारा तृतीय लिंग के लोगों की आयु निर्धारण प्रमाण पत्र के सन्दर्भ में परिपत्र जारी कर दिया गया है।
- राजस्थान सामाजिक सुरक्षा विशेष योग्यजन पेंशन नियम 2013 के अन्तर्गत प्राकृतिक रूप से हिंजडेपन ग्रस्त व्यक्ति के स्थान पर ट्रांसजेण्डर शब्द जोड़ दिया गया है।
- इसी प्रकार उच्चतम न्यायालय में सिविल रिट याचिका 400/2012 के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा गठित एक्सपर्ट कमेटी की अनुशंषाओं पर सुझाव/अभिमत के अनुसार कॉलेज शिक्षा विभाग राज0 जयपुर के प्रवेश नीति (राजकीय एवं निजी महाविद्यालयों के लिए) के पृष्ठ भाग (आरक्षण-रियायते एवं लाभ) में बिन्दु संख्या 6.6 पर समावेश कर इस वर्ग/लिंग के व्यक्तियों को निःशुल्क प्रवेश का प्रावधान किया गया है।
- प्रारम्भिक शिक्षा विभाग राज0 द्वारा प्राथमिक कक्षाओं में तृतीय लिंग के व्यक्तियों को प्रवेश दिया जाना प्रारम्भ कर दिया गया है।
बाबा मोहन राम किसान महाविद्यालय भिवाड़ी को राजकीय कॉलेज घोषित करने के प्रस्ताव को मंजूरी
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 4 फरवरी को बाबा मोहन राम किसान
महाविद्यालय, भिवाड़ी को राजकीय महाविद्यालय घोषित करने के प्रस्ताव को
मंजूरी दी है। साथ ही इस महाविद्यालय में
कार्यरत 11 शैक्षणिक एवं 8 अशैक्षणिक कार्मिकों के राज्य सेवा में समायोजन
की कार्यवाही के लिए एक विभागीय समिति का गठन करने को भी स्वीकृति दी है।
यह समिति इन कार्मिकों की पात्रता की गहन जांच कर निर्धारित नियमों के आधार
पर ही इनके समायोजन के संबंध में अनुशंसा करेगी।
भिखारियों एवं निर्धन व्यक्तियों के पुनर्वास गृृह के लिए एमओयू-
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और स्वयं सेवी संस्था ‘‘महिला
समग्र उत्थान समिति, बीकानेर‘‘ के मध्य गुरूवार, 6 फरवरी को प्रातः 10 बजे
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता के निदेशालय में भिक्षावृति में लिप्त
व्यक्तियों को प्रशिक्षण उपरान्त वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध करवाकर पुनर्वासित
करने हेतु जयपुर जिला मुख्यालय के लिये एम0ओ0यू0 किया गया। संस्था में भिक्षावृृति में
लिप्त व्यक्तियों को आवास-भोजन-वस्त्रादि की निःशुल्क सुविधाएं उपलब्ध
करवाई जायेगी। पुनर्वास गृृह संचालन के लिये संस्था को 2000 रुपये प्रतिमाह
प्रति रहवासियों के हिसाब से भोजन-वस्त्रादि के लिये राज्य सरकार द्वारा
अनुदान जारी किया जायेगा
भिखारियों या निर्धन व्यक्तियों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने, उनको
स्वावलम्बी एवं आत्मनिर्भर बनाने के दृष्टिकोण से भिक्षावृति में लिप्त
व्यक्तियों को प्रशिक्षण उपरान्त वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध करवाकर पुनर्वासित
करने हेतु पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर जयपुर जिला मुख्यालय के लिये
प्रतिष्ठित स्वयं सेवी संस्था/ट्रस्ट के माध्यम से पुनर्वास गृृह संचालन
किये जाने हेतु अभिरूचि की अभिव्यक्ति समाचार पत्रों में प्रकाशित की गई
थी। जिला कलक्टर द्वारा प्राप्त प्रस्तावों में से स्वयं सेवी संस्था महिला
समग्र उत्थान समिति, बीकानेर का चयन कर भिजवाया गया।
यूनेस्को ने जयपुर वर्ल्ड हैरिटेज सिटी का प्रमाण पत्र सौंपा
अपनी कलांं स्थापत्य और संस्कृति के लिए विश्व में एक खास पहचान
रखने वाले गुलाबी नगर जयपुर के सम्मान में एक और सितारा तब जुड़ गया जब
यूनेस्को की महानिदेशक श्रीमती ऑड्रे अजोले ने बुधवार 5 फरवरी को अलबर्ट हॉल पर
आयोजित समारोह में स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री श्री शांति
धारीवाल को जयपुर का वर्ल्ड हैरिटेज सिटी का प्रमाण पत्र प्रदान किया। यूनेस्को
की महानिदेशक श्रीमती ऑड्रे अजोले ने कहा कि मुझे जयपुर आकर बहुत खुशी
हुई। मैं यूनेस्को के हेड क्वार्टर पैरिस से एक संदेश लेकर आई हूँ। जयपुर
के लोगों द्वारा एक सतत् भविष्य के निर्माण के लिए सांस्कृतिक विरासत का
जो संरक्षण किया गया है उन प्रयासों को अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय ने मान्यता
प्रदान की है। यह गर्व का विषय है कि यूनेस्को द्वारा जयपुर परकोटा शहर को
विश्व विरासत सूची में अंकित किया गया है। इसमें कोई दो राय नही है कि
जयपुर अपनी विशिष्ट प्लानिंग के लिए पहले से ही विश्व में एक प्रतिष्ठित
शहर है। इसकी वास्तु कला, किले, महल और खगोलियें निर्माण इसे दुनिया का
अद्भुत शहर बनाते है। लेकिन वर्ल्ड हैरिटेज सिटी की सूची में
शामिल होना, भविष्य के लिए इस सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की एक
संयुक्त प्रतिबद्धता है। जयपुर हैरिटेज से संबंधित सभी
आयामों में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। यहां की वास्तुकला में फारसी, मुगल
और हिन्दु वास्तुकला का एक शानदार समावेश देखने को मिलता है। आमेर फोर्ट
इसका एक बेहतरीन उदाहरण है। जयपुर की विविधता इसे विश्व में एक विशिष्ट
स्थान प्रदान करती है। राजस्थान में केवल
वास्तुकला में ही नही बल्कि हस्तकला, संगीत, नृत्य, कटपुतली, कशीदाकारी,
ज्वैलरी तथा सभी परम्पराओं में जीवंतता और विविधता दिखती है। उन्होंने
पर्यटन विभाग एवं यूनेस्को के बीच पश्चिमी राजस्थान में इंटेंजेबल
हैरिटेज प्रमोशन के लिए किए गये करार (MoU) की सराहना करते हुए कहा कि यह करार यहां की कला एवं कलाकारों को विश्व में एक नई पहचान देगा।
क्या है ईन्टेन्जेबल हैरीटेज प्रमोशन प्रोजेक्ट-
कार्यक्रम
को संबोधित करते हुए पर्यटन मंत्री श्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में ईन्टेन्जेबल हैरिटेज
प्रमोशन प्रोजेक्ट (Intangible Cultural Heritage promotion project) के तहत 10 नये सांस्कृतिक गन्तव्य स्थल विकसित किये जा
रहे है। जोधपुर, बाड़मेर, बीकानेर और जैसलमेर में इन सांस्कृतिक केन्द्र के
विकसित होने से पर्यटन को नई दिशा एवं नये आयाम मिलेंगे और वहाँ के स्थानीय
कलाकारो को एक नई पहचान मिलेंगी। इस क्षेत्र में लंगा, मांगणयार, मीर, भोपा, कालबेलिया, गैर नृत्य, मृण्कला, पारम्परिक वस्त्र, दरी निर्माण, कशीदाकारी आदि की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं प्रोत्साहन आवश्यकता की पूर्ति हेतु यूनेस्को और पर्यटन विभाग के बीच हाल ही में (5 September 2019 को) हुए एमओयू के आधार पर शुरू
किये जा रहे ईन्टेन्जेबल हैरीटेज प्रमोशन प्रोजेक्ट के ब्राउसर का भी
विमोचन इस अवसर पर
यूनेस्को महानिदेशक एवं अतिथियो द्वारा किया गया।
वर्ष 2010 में जयपुर का जंतर मंतर
पहली बार यूनेस्को की वर्ल्ड हैरिटेज सूची में शामिल किया गया। इसके बाद
2013 में रणथंभौर, जैसलमेर, चित्तौड़, कुंभलगढ़, गागरोन तथा आमेर के किले को
वर्ल्ड हैरिटेज की सूची में शामिल किया गया था। अब जयपुर को इस प्रतिष्ठित
सूची में शामिल किया जाना न केवल गुलाबी नगर बल्कि पूरे राजस्थान के लोगों
के लिए गर्व की बात है।
जयपुर
शहर को विश्व विरासत सूची में शामिल करवाने के प्रयास 1998 सें ही शुरू कर
दिये गये थे। प्रयासों का ही नतीजा है कि अजर बैजान के बाकू में आयोजित
यूनेस्को के 43वें सम्मेलन में जयपुर को विश्वविरासत शहर का दर्जा प्राप्त
हुआ। जयपुर के हैरिटेज को संरक्षित रखने के लिए राज्य स्तरीय हैरिटेज कमेटी
गठित की जा चुकी है।
जन्म, मृत्यु एवं विवाह प्रमाण पत्र अब डिजिलॉकर पर उपलब्ध
आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री अभय कुमार ने बुधवार को यहां आमजन की सुविधा के लिए राज्य में जन्म, मृत्यु एवं विवाह प्रमाण पत्र डिजीटल रूप से डिजिलॉकर से प्राप्त करने की सुविधा का शुभारंभ किया। उन्होंने बताया कि आमजन को और अधिक सुविधा देने के लिए जन्म, मृत्यु एवं विवाह प्रमाण पत्रों को डिजिलॉकर पर उपलब्ध करवाया गया है जिसके माध्यम से आमजन अपने प्रमाण पत्रों को डिजीलॉकर पर डिजीटल रूप से प्राप्त कर सकते है। उल्लेखनीय है कि आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय द्वारा एनआईसी के माध्यम से पहचान पोर्टल बनवाया गया है जिससे राज्य के सभी रजिस्ट्रारों द्वारा जन्म, मृत्यु एवं विवाह के पंजीकरण किये जा रहे है। डिजीलॉकर भारत सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा डिजीटल रूप मे सभी प्रमाण पत्रों को रखने के लिए सुविधा प्रदान की गयी है। राज्य मे इस सुविधा को प्रारंभ करने वाला आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय पहला विभाग है।
क्या है डिजिलॉकर (DigiLocker )-
डिजीटल लॉकर (Digital Locker) या डिजी लॉकर ( DigiLocker) एक तरह का वर्चुअल लॉकर है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narenda modi) ने जुलाई 2015 में लॉन्च किया था। डिजीटल इंडिया (digital india) अभियान के तहत डिजीलॉकर को शुरू किया गया था। जिसका उपयोग आप अपने डॉक्यूमेंट (document) को ऑनलाइन स्टोर (online store) करने के लिए कर सकते है। इस बात की जानकारी दें कि डिजीलॉकर खाता (digi locker account) खोलने के लिए आपके पास आधार कार्ड (aadhar card) का होना अनिवार्य है। डिजीलॉकर में देश के नागरिक पैन कार्ड (pan card), वोटर आईडी (voter id), पासपोर्ट (passport) आदि के साथ कोई भी सरकारी प्रमाण-पत्र स्टोर कर सकते हैं।
उपराष्ट्रपति ने किया राज्यपाल की पुस्तक ‘‘भारत में उद्यमिता‘‘ का विमोचन
राज्यपाल श्री कलराज मिश्र की कृति ‘‘ भारत में उद्यमिता ‘‘ का विमोचन
05 फरवरी बुधवार को उपराष्ट्रपति श्री एम. वैंकया नायडू ने उपराष्ट्रपति भवन में
किया।
डा. एनएस धर्मशक्तु को अंतरराष्ट्रीय गांधी पुरस्कार
राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने (6 फरवरी 2020) कुष्ठ रोग के खिलाफ किए गए प्रयासों के लिए डा. एनएस धर्मशक्तु को व्यक्तिगत श्रेणी तथा कुष्ठ रोग मिशन ट्रस्ट को संस्थागत श्रेणी में अंतरराष्ट्रीय गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया।विधि विश्वविद्यालय में प्रथम कुलपति नियुक्त
राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र ने डॉ. भीमराव
अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय में डॉ. देव स्वरूप, अतिरिक्त सचिव,
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली को प्रथम कुलपति नियुक्त किया है। राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने गुरूवार 27 फरवरी को इस आशय के आदेश जारी किये है।
कम्प्यूटर शिक्षा की अनिवार्यता के मद्देनजर कम्प्यूटर शिक्षक का अलग संवर्ग सृजित
शिक्षा राज्य मंत्री श्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने गुरूवार 27 फरवरी को
विधानसभा में बताया कि स्कूली बच्चों के लिए कम्प्यूटर शिक्षा की
अनिवार्यता को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष की बजट घोषणा के तहत
कम्प्यूटर शिक्षक का अलग से संवर्ग सृजित किया गया है। उन्होंने बताया कि
प्रदेश में अब तक कम्प्यूटर शिक्षक का कोई संवर्ग नहीं होने से यह विषय
अन्य प्रशिक्षित अध्यापकों द्वारा पढ़ाया जाता है। 11वीं कक्षा में किसी भी संकाय के
विद्यार्थी कम्प्यूटर विषय ले सकते हैं। लेकिन कम्प्यूटर शिक्षक का कोई
संवर्ग नहीं होने के कारण यह संभव नहीं था। अब बजट घोषणा के तहत कम्प्यूटर
शिक्षक का नया संवर्ग सृजित होने के बाद 11वीं के विद्यार्थी भी कम्प्यूटर
विषय ले सकेंगे।
जल संरक्षण पर आधारित राजस्थानी फिल्म ‘टर्टल‘ को स्टेट जीएसटी से छूट
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने जल संकट से प्रभावित क्षेत्रों
में जल संरक्षण के लिए जागरूकता पैदा करने का सन्देश देने वाली राजस्थानी
फिल्म ‘टर्टल‘ को राज्य माल एवं सेवा कर (एसजीएसटी) से छूट प्रदान करने के
प्रस्ताव को 26 फरवरी को मंजूरी दी। यह फिल्म जल संकट एवं संरक्षण पर आधारित
राजस्थान की वास्तविक घटना से प्रेरित है। गौरतलब है कि इस फिल्म को 66वें
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह 2018 में सर्वश्रेष्ठ राजस्थानी फिल्म के
पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उल्लेखनीय है
कि राज्य सरकार ने इससे पहले गरीब पृष्ठभूमि के मेधावी विद्यार्थियों को
आईआईटी की परीक्षा के लिए निःशुल्क कोचिंग देकर उनके भविष्य निर्माण पर
आधारित फिल्म ‘सुपर-30’ और महिला सशक्तीकरण पर आधारित फिल्म ‘सांड की आंख‘
को भी मल्टीप्लैक्स एवं सिनेमाघरों में प्रदर्शन के लिए राज्य माल एवं सेवा
कर से मुक्त किया था।
श्री आर. के. एस. धाकरे महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय, भरतपुर में कुलपति नियुक्त
राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र ने
राज्य सरकार के परामर्श पर महाराजा सूरजमल ब्रज विश्वविद्यालय, भरतपुर में
श्री आर. के. एस. धाकरे को कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष के लिए
कुलपति नियुक्त किया है। राज्यपाल श्री मिश्र ने इस आशय के आदेश मंगलवार
19 फरवरी को जारी किये।
राजस्थान जन आधार प्राधिकरण विधेयक, 2020 ध्वनिमत से पारित
राज्य विधानसभा ने मंगलवार 18 फरवरी को राजस्थान जन आधार प्राधिकरण विधेयक, 2020 ध्वनिमत से पारित कर दिया। संसदीय
कार्य मंत्री श्री शांति कुमार धारीवाल ने सदन में विधेयक प्रस्तुत किया।
उन्होंने विधेयक को सदन में लाने के कारणों एवं उद्देश्यों को रेखांकित
करते हुए बताया कि राजस्थान राज्य में निवास करने वाले व्यष्टि को सुशासन
के अध्युपाय के रूप में लोक कल्याणकारी प्रसुविधाओं और सेवाओं जिनके लिए
व्यय राज्य की समेकित निधि से उपगत किया जाता है, के दक्ष पारदर्शी और
लक्षि्यत परिदान के लिए जन आधार आई.डी. को अभिज्ञापक के रूप में उपयोग करते
हुए राजस्थान जन आधार प्राधिकरण के गठन का उपबंध करने के उदेद्श्य से
मुख्यमंत्री राजस्थान ने 2019-20 के उपांतरित बजट में राजस्थान जन आधार
योजना की घोषणा की थी।
राजस्थान जन आधार योजना को
कानूनी संस्थागत ढ़ांचा उपलब्ध कराने की दृष्टि से यह विधेयक अन्य बातों के
साथ-साथ निम्नांकित उपबंध करता है-
- (क) निवासियों को एक संख्याक, एक कार्ड, एक पहचान की मूल अवधारणा के साथ सरकारी सेवाओं के परिदान के लिए एक सर्वव्यापी बहुउदेद्शीय स्कीम को क्रियान्वित करना
- (ख) व्यष्टि निवासियों के लिए आधार को एकल अभिज्ञापक के रूप में घोषित करने हेतु विधायन का उपबंध करना
- (ग) इस स्कीम के क्रियान्वयन के लिए राजस्थान जन आधार प्राधिकरण का गठन करना
- ( घ ) ई-मित्र के विस्तृत नेटवर्क के लिए और ई-मित्र के प्रबंधन को प्राधिकरण के अधीन लाने के लिए कानूनी ढ़ांचा उपलब्ध कराना
- (ड) विभिन्न विभागों द्वारा क्रियान्वित समस्त प्रत्यक्ष प्रसुविधा अंतरण (डी.बी.टी.) स्कीमों को प्राधिकरण के अधीन लाना
- (च) ई-मित्र नेटवर्क के दक्ष प्रबंधन के माध्यम से निवासियों को घर तक प्रसुविधाओं और सेवाओं का परिदान करना
- (छ) ऎसी विभिन्न कल्याणकारी स्कीमें, जिनकी प्रसुविधाएं निवासियों को परिदत्त की जाती है, उनके समस्त डाटाबेसों को एकीकृत करना
- (ज) अंतिम छोर तक वित्तीय समावेश और संस्थागत वित्त के लिए सुविधाओं हेतु उपबंध करना (झ) ग्रामीण क्षेत्रों में ई-वाणिज्य की सुविधा का परिदान करना।
चूंकि राजस्थान राज्य विधान सभा
सत्र में नहीं थी और ऎसी परिस्थितियां विद्यमान थीं जिनके कारण राजस्थान
के राज्यपाल के लिए तुरन्त कार्रवाई करना आवश्यक हो गया था। इसलिए उन्होंने
18 दिसम्बर, 2019 को राजस्थान जन आधार प्राधिकरण अध्यादेश 2019 प्रख्यापित
किया जो राजस्थान राजपत्र, असाधारण, भाग 4(ख) में दिनांक 18 दिसम्बर 2019
को प्रकाशित हुआ।
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