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Showing posts from December, 2020

सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए अब राज्य में किसी भी ई-मित्र से करवा सकते है भौतिक सत्यापन

सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए अब राज्य में किसी भी ई-मित्र से करवा सकते है भौतिक सत्यापन       जयपुर, 30 दिसम्बर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा माह नवम्बर एवं दिसम्बर में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के अन्तगर्त पेंशन प्राप्त कर रहे लाभार्थियों के भौतिक सत्यापन का कार्य करवाया जा रहा है। अब पेंशनर्स प्रदेश के किसी भी ई-मित्र से यह कार्य करवा सकेंगे।   निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव श्री ओ.पी. बुनकर ने बताया कि पेंशनार्थियों की सुविधा के लिए नियमों में बदलाव करते हुए सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थियों को राज्य में किसी भी ई-मित्र से भौतिक सत्यापन कराये जाने हेतु छूट प्रदान की गई है। पूर्व में पेंशनर्स को उनके जिले में संचालित ई-मित्र से भौतिक सत्यापन करवाये जाने की व्यवस्था थीे। नवीन आदेशानुसार पेंशनर्स राज्य में संचालित किसी भी ई-मित्र केन्द्र से भौतिक सत्यापन करा सकते हैं।     उन्होने बताया कि विभाग द्वारा विभिन्न श्रेणियों यथा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृृद्धावस्था पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्तजन...

चम्बल लिफ्ट सिंचाई एवं पेयजल परियोजना और कालीतीर लिफ्ट परियोजना

चम्बल लिफ्ट सिंचाई एवं पेयजल परियोजना और कालीतीर लिफ्ट परियोजना  चम्बल लिफ्ट परियोजना- पूर्वी राजस्थान के धौलपुर जिले में अब सिंचाई और पेयजल के लिए पानी की कमी पूरी करने के लिए चम्बल लिफ्ट सिंचाई एवं पेयजल परियोजना से बीहड़ और डांग ईलाके में फसलों को सिंचाई के लिए अब संजीवनी मिलेगी। वहीं कालीतीर परियोजना से पार्वती एवं राम सागर बांधों तक पानी पहुंचाया जाएगा। जिसके बाद इन बांधों से जिले में पहले से मौजूद नहरी तंत्र से पूरे वर्ष सिंचाई सम्भव हो सकेगी।  2 सालों में धौलपुर लिफ्ट सिंचाई परियोजना के कार्य में आशातीत प्रगति हुई है।  जिले में सिंचाई से वंचित गांवों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से धौलपुर, राजाखेड़ा एवं सैपऊ तहसील के कुल 257 गॉवों में सिंचाई हेतु जल उपलब्ध कराने के लिए यह परियोजना परिकल्पित है। जिसके तहत चम्बल नदी से 6.54 क्यूमेक्स पानी प्रत्येक वर्ष माह अक्टूबर से माह मार्च तक 60 मीटर लिफ्ट करके माइक्रो सिंचाई पद्वति द्वारा दिए जाने का प्रावधान है। धौलपुर लिफ्ट सिंचाई एवं पेयजल परियोजना के पुरा होने के उपरान्त जिले की धौलपुर तहसील के 65, म...

सागवाड़ा के मुकेश पंवार ने खोजी देश की 1328 वीं तितली

‘बिग बटरफ्लाई मंथ’ में राजस्थान को मिला राष्ट्रीय गौरव सागवाड़ा के मुकेश पंवार ने खोजी देश की 1328 वीं तितली देशभर में तितलियों को गिनने, समझने व संरक्षण की मुहिम को आमजन तक ले जाने के लिए पांच सितंबर 2020 से  मनाए गए तितली माह यानी “बिग बटरफ्लाई मंथ“ के तहत राजस्थान में देश की 1328 वीं तितली की खोज हुई है। स्पीआलिया जेब्रा नामक इस तितली की खोज के सूत्रधार बने हैं उदयपुर संभाग अंतर्गत डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा कस्बे निवासी तितली विशेषज्ञ व शिक्षक मुकेश पंवार।  पिछले 15 वर्षों से तितलियों पर शोध कर रहे वागड़ नेचर क्लब के सदस्य व सरकारी स्कूल के शिक्षक मुकेश पंवार ने इस स्पीआलिया जेब्रा तितली को 8 नवम्बर 2014 को सागवाड़ा के धनराज फार्म हाउस पर देखा था और उसी दौरान उन्होंने फोटो क्लिक कर इसकी पहचान के लिए उत्तराखंड के भीमताल स्थित बटरफ्लाई शोध संस्थान को भेजा था। बटरफ्लाई शोध संस्थान ने इस तितली की पहचान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इस तितली पर करीब 6 साल की लंबी शोध प्रक्रिया के बाद संस्थान के निदेशक पीटर स्मेटाचौक ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि यह तितली भारत की 1...

राजस्थान की इन्दिरा रसोई योजना हिंदी में | Indira Rasoi Yojana Rajasthan in Hindi

राजस्थान की इन्दिरा रसोई योजना हिंदी में | Indira Rasoi Yojana Rajasthan in Hindi  राजस्थान सरकार  के “कोई भूखा ना सोए” के संकल्प के साथ स्व. श्रीमती इन्दिरा गाँधी के नाम पर राजीव गाँधी की जयन्ती 20 अगस्त 2020 पर शुरू की गई। इन्दिरा रसोई योजना के माध्यम से राज्य में साढे़ तीन माह की अल्प अवधि में ही एक करोड़ से अधिक लाभार्थियों को खाना खिलाने का आंकड़ा छू लिया है। प्रदेश भर के सभी 213 नगरीय निकायों में इंदिरा रसोई योजनान्तर्गत 358 स्थाई रसोईयां स्थापित की गई है, जहां लाभार्थी 8 रुपये में बैठकर भोजन कर सकता है।  भोजन में मुख्यतः दाल, सब्जी, आचार व चपाती है।  नगर पलिका एवं नगर परिषद क्षेत्रों में प्रतिदिन भोजन सीमा 300 थाली एवं नगर निगम क्षेत्र में प्रतिदिन 600 थाली प्रति रसोई प्रतिदिन है एवं आवश्यकता होने इसे 100 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है।  इन्दिरा रसोई योजना राज्य में प्रतिदिन की भोजन क्षमता 1,33,500 है। वहीं वार्षिक 4.87 करोड़ लंच/डीनर वितरित करने का लक्ष्य रखा है। जिस पर प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपये व्यय होगा। जिला स्तरीय समन्वय एवं मॉनिटरिंग समिति- ...