Skip to main content

सरस दूध एवं दुग्ध पदार्थों की खुदरा विक्रेताओं के लिये नीति | Policy for retailers of Saras milk and milk products

राजस्थान को-ऑॅपरेटिव डेयरी फैडरेशन से सम्बद्ध दुग्ध संघों के सरस दूध एवं दुग्ध पदार्थों की खुदरा विक्रेताओं के लिये नीति

SARAS Dairy Policy for retailers of SARAS milk and milk products of milk unions affiliated to Rajasthan Co-operative Dairy Federation

SARAS Dairy Policy for retailers

1. प्रारम्भिक

1. संक्षिप्त नाम, प्रारम्भ और प्रसार
 
I. इस नीति का नाम राजस्थान को-ऑॅपरेटिव डेयरी फैडरेशन एवं इससे सम्बद्ध दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थो की खुदरा विक्रेताओं की नीति वर्ष 2017 हैं।

 
II. यह नीति राजस्थान के समस्त जिला दुग्ध संघों में लागू होगी।

2. उद्देश्य:-


इस नीति का उद्देश्य सहकारिता मूवमेन्ट के अन्तर्गत राजस्थान में उच्च गुणवत्तायुक्त दूध एवं दुग्ध पदार्थ उचित मूल्य से उपभोक्ताओं को समय पर उपलब्ध करवाना हैं।


3. परिभाषा:-

जब तक सन्दर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, इस नीति में:-
 

  • i. ‘‘आर.सी.डी.एफ.‘‘ से अभिप्राय ऐसी शीर्ष सोसायटी जो राज्य मे समस्त जिला दुग्ध संघों पर एक परिसंघीय निकाय है ओर सहकारी क्षेत्र मे सम्बद्ध दुग्ध संघो के दुग्ध संकलन, प्रसंस्करण एवं विपणन के कार्य क्षेत्रों मे दुग्ध संघो को मार्गदर्शन, सहायता एवं प्रोत्साहित करती है।
  • ii. ‘‘दुग्ध संघ‘‘ सहकारी क्षेत्र में पंजीकृत दुग्ध संघ जो दूध एवं दूध पदार्थो को क्रय एवं विक्रय का व्यापार करते हो।
  • iii. ‘‘उपनियम‘‘ आर.सी.डी.एफ. एवं सम्बन्धित दुग्ध संघों को राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम 2001 एवं नियम 2003 के अन्तर्गत पंजीकृत उपनियम हैं।
  • iv. ‘‘प्रबन्ध संचालक, आर.सी.डी.एफ.‘‘ से अभिप्रेत ऐसे मुख्य कार्यकारी अधिकारी से है जो आरसीडीएफ के उप नियमों के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किया गया हो।
  • v. ‘‘प्रबन्ध संचालक, दुग्ध संघ‘‘ से अभिप्राय है ऐसे मुख्य कार्यकारी अधिकारी से है जो दुग्ध संघ के उपनियमों के अनुसार आर.सी.डी.एफ. द्वारा नियुक्त किया गया हो एवं दुग्ध संघ के समस्त कारोबार एवं संचालन के जिम्मेदार हो।
  • vi. ‘‘स्थानीय निकाय‘‘ स्थानीय निकाय का तात्पर्य नगर निगम/नगर परिषद/नगर पालिका से होगा।
  • vii. ‘‘राज्य सरकार‘‘ जो राजस्थान राज्य सरकार हैं।
  • viii. ‘‘अधिकारी‘‘ आर.सी.डी.एफ. एवं सम्बद्ध दुग्ध संघों में प्रबन्ध संचालक के अधिनस्थ कार्यरत अधिकारी हैं।
  • ix. ‘‘डेयरी बूथ‘‘ अधिकृत स्थान पर स्थापित कियोस्क जहां से दुग्ध संघ से उत्पादित दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थो का विक्रय हो।
  • x. ‘‘शॉप ऐजेन्सी‘‘ अधिकृत किराना, टी स्टाल, मिठाई आदि कोई भी दुकान जो आवेदनकर्ता द्वारा संचालित की जा रही हो।
  • xi. ‘‘पार्लर‘‘ अधिकृत स्थान जहा उपभोक्ता हेतु बैठकर सरस उत्पाद उपभोग करने की सुविधा (बैठने की उचित सुविधा सहित) उपलब्ध हो।
  • xii. ‘‘हाईवे पार्लर‘‘ राज्य के राष्ट्रीय व राज्य राजमार्गो पर ऐसे अधिकृत स्थान जहां राहगीरों हेतु रूककर (बैठने की उचित सुविधा सहित) सरस उत्पादों का उपभोग करने की सुविधा हो।
  • xiii. ‘‘डेयरी बूथ एजेन्ट/खुदरा विक्रेता‘‘ दुग्ध संघ द्वारा उत्पादित दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थो का विक्रय करने हेतु अधिकृत व्यक्ति।
  • xiv. ‘‘अमानत राशि‘‘ जो राशि दुग्ध संघ डेयरी बूथ एजेन्ट से दुग्ध एंव दुग्ध पदार्थो के विक्रय मूल्य की राशि के एवज में प्राप्त की जाती हैं।
  • xv. ‘‘लाईसेन्सर‘‘ निगम/नगर परिषद/नगर पालिका जो डेयरी बूथ के लिये स्थान आवंटित करेगी।
  • xvi. ‘‘लाईसेन्स फीस‘‘ जो राशि निगम/नगर परिषद/नगर पालिका द्वारा डेयरी बूथ एजेन्ट को आवंटित स्थान के एवज में प्राप्त राशि।
  • xvii. ‘‘शपथ पत्र‘‘ जो पत्र डेयरी बूथ एजेन्ट द्वारा दुग्ध संघ को बूथ आवंटन के समय प्रस्तुत किया जाता हैं।
  • xviii. ‘‘अन्य क्षेत्र’’ जो शहरी क्षेत्रों के अलावा बूथ आवंटन का अधिकार सम्बन्धित दूध संघ के अधीन रहेगा।

4. बूथ आवंटन का स्थान व आवंटन प्रक्रिया:-

  • i. इस हेतु स्थानीय निकाय व डेयरी 200 मीटर रेडियस/1000 की जनसंख्या की आबादी/250 परिवार का मापदण्ड अपनाकर नये बूथ लगाने हेतु संख्या का आंकलन करेगी।
  • ii. बूथ हेतु सम्बन्धित जिले के दुग्ध संघ को प्रार्थी द्वारा निर्धारित प्रपत्र में बूथ हेतु आवेदन करना होगा। बूथ हेतु आवेदन ऑनलाईन भी किया जा सकेगा, यदि सुविधा उपलब्ध हो। निर्धारित प्रपत्र के साथ स्थान का नक्शा संलग्न करना होगा। नगर निगम/शहरी स्थानीय निकायों द्वारा लोगिन व पासवर्ड उपलब्ध करवाया जावेगा।
  • iii. प्रार्थी को ट्रेफिक पुलिस की एन.ओ.सी. भी संलग्न करनी होगी।
  • iv. दुग्ध संघ द्वारा मौका निरीक्षण एवं आवश्यक अभिशंषा कर 15 दिवस में प्रपत्र को स्थानीय निकाय को भेजा जावेगा।
  • v. एक ही स्थान के लिए एक से अधिक प्रार्थना पत्र प्राप्त होने की स्थिति में स्थानीय निकाय द्वारा लॉटरी के आधार पर बूथ आंवटन किया जावेगा।
  • vi. स्थानीय निकाय स्तर पर बूथ आवंटन लाइसेन्स कमेटी द्वारा किया जा सकेगा।
  • vii. निकाय द्वारा बूथ आवंटन करने पर दुग्ध संघ द्वारा निर्धारित शर्ता पर दूध/दुग्ध पदार्थ/क्रेट के पेटे सुरक्षा राशि प्राप्त कर दूध सप्लाई शुरू की जावेगी।
  • viii. बूथ किराया/लीज मनी स्थानीय निकाय द्वारा प्रत्येक तीन माह में बूथ धारक से सीधा लिया जावेगा। राज्य सरकार द्वारा जब तक नई नीति अनुमोदित नहीं होती हैं तब तक वर्तमान व्यवस्था ही लागू रहेगी।
 

5. शॉप ऐजेन्सी आवंटन की प्रक्रिया:-

  • i. शॉप एजेन्सी आवंटन हेतु दो एजेन्सी की निकटतम दूरी की काई बाध्यता नही रहेगी।
  • ii. आवासीय क्षेत्र मे शॉप ऐजेन्सी चाहने वाले आवेदक को शॉप एवं वाणिज्यिक एक्ट के अन्तर्गत अनुज्ञा की प्रति संलग्न करना आवश्यक होगा।
  • iii. आवेदक को सम्बन्धित जिले के दुग्ध संघ को निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करना होगा।
  • iv. दुग्ध संघ द्वारा मौका निरीक्षण एवं आवश्यक अभिशंषा कर सात दिवस में शॉप ऐजेन्सी का आवण्टन किया जा सकेगा।
  • v. शॉप ऐजेन्सी आवंटन करने पर दुग्ध संघ द्वारा निर्धारित शर्तों पर दूध/दुग्ध पदार्थ/क्रेट के पेटे सुरक्षा राशि प्राप्त कर दूध सप्लाई शुरू की जावेगी।
  • vi. शॉप ऐजेन्सी आवेदनकर्ता को वर्तमान मे विक्रय किये जाने वाले पदार्थो का ब्योरा उल्लेखित करना होगा।
  • vii. आवंटी को सम्बन्धित जिला दुग्ध संघ मे संघ द्वारा निर्धारित सुरक्षा राशि जमा करानी होगी।


6. पार्लर एवं हाईवे पार्लर आवण्टन की प्रक्रियाः-

  • i. सरस पार्लर आवण्टन हेतु आवेदक को स्वयं/किराये का स्थान होना आवश्यक है, जहाँ सम्बन्धित दुग्ध संघ द्वारा अधिकृत डिजाईन के अनुसार पार्लर का निर्माण/बाहरी व आंतरिक सजावट करवायी जा सके।
  • ii. सम्बन्धित दुग्ध संघ द्वारा संघ की वित्तिय स्थिति के अनुसार सजावट हेतु सहायता प्रदान की जा सकती है।
  • iii. सरस पार्लर पर कम से कम 8 उपभोक्ताओं के बैठने की सुविधा होना आवश्यक है।
  • iv. उपभोक्ताओं हेतु शौचालय इत्यादि की सुविधा प्रदान किये जाने वाले आवेदक को प्राथमिकता देय होगी।
  • v. पार्लर को (हाईवे पार्लर के अतिरिक्त) दूध एवं दूध पदार्थो पर रिटेलर मार्जिन के अतिरिक्त मार्जिन भी दिया जा सकता है, परन्तु यह उस क्षेत्र के डिस्ट्रीब्यूटर मार्जिन से अधिक नही होगा। घी पर यह अतिरिक्त मार्जिन योजना लागू नही होगी।
  • vi. हाईवे पार्लर किसी भी राज्य एवं राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित ढाबा, होटल इत्यादि पर दिया जा सकेगा।
  • vii. हाईवे पार्लर पर वाहनों के आने, जाने व पार्किंग की उचित सुविधा होना आवश्यक है।
  • viii. दो हाईवे पार्लर के मध्य दूरी की कोई न्यूनतम/अधिकतम सीमा निर्धारित नही है।
  • ix. समस्त प्रकार के पार्लर पर डीप फ्रिज होना आवश्यक है।
  • x. सहकारी दुग्ध समितियाँ / स्वयं सहायता समूह द्वारा अपने परिसर मे व परिसर के बाहर आसपास के क्षेत्र मे पार्लर/हाईवे पार्लर/बूथ का संचालन किया जा सकेगा व इन्हें आवण्टन में प्राथमिकता दी जावेगी।

7. बिक्री किये जा सकने वाली वस्तुओं का निर्धारण:-

बूथ पर सरस दूध व दुग्ध पदार्थ के अतिरिक्त पदार्थो को बेचने का निर्णय स्थानीय निकाय द्वारा किया जावेगा तथा इनका उल्लेख आवंटन पत्र मे भी किया जायेगा। शॉप ऐजेन्सी पर सरस दूध व दुग्ध पदार्थ के अतिरिक्त पूर्व मे विक्रय किये जाने वाले पदार्थ विक्रय किये सकेगे। 


8. बूथ एजेन्ट द्वारा दुग्ध एवॅं दुग्ध पदार्थो के विक्रय से संबंधित दुग्ध संघ के नियम व शर्ते पालनार्थ:-

  • i. बूथ व अन्य सभी प्रकार के आउटलेटस् के लिए निर्धारित आवेदन पत्र दुग्ध संघ के कैश काउन्टर व ऑनलाईन उपलब्ध होंगे जिन्हे जमा कराये जाने पर आवेदन पत्र शुल्क रू. 50/- संघ कार्यालय मे देय होंगे।
  • ii. दुग्ध संघ द्वारा बूथ लगाये जाने वाले स्थान का मौका निरीक्षण एवं आवश्यक अभिशंषा कर 15 दिवस में प्रपत्र को स्थानीय निकाय को भेजा जायेगा।
  • iii. संघ द्वारा आवण्टित बूथ/शॉप ऐजेन्सी/पार्लर हेतु निर्धारित सुरक्षा राशि जमा करायी जानी होगी, परन्तु यह शहरी क्षेत्र मे रू. 5000/- एवं ग्रामीण क्षेत्र हेतु रू. 3000/- से अधिक नही होगी।
  • iv. संघ द्वारा पार्लर पर ग्लोसाईन बोर्ड, पब्लिसिटी मैटेरियल, आवश्यकतानुसार पेन्टिंग एवं गार्डन अम्बरेला इत्यादि उपलब्ध करवाया जायेगा।
  • v. बूथ ऐजेन्टों को आवश्यकतानुसार समस्त वैधानिक अनुज्ञा पत्र जैसे की फूड लाईसेंस, जी.एस.टी इत्यादि लेना अनिवार्य होगा।
  • vi. सरस पार्लर /हाईवे पार्लर हेतु 20 X 20 की दुकान अथवा 325 स्कवायर फुट कवर्ड एरिया एवं 275 स्कवायर फुट खुला स्थान होना आवश्यक है। फर्नीचर, फ्रिज की व्यवस्था आवण्टी को स्वयं करनी होगी।
  • vii. खुदरा विक्रेता की नियुक्ति अस्थाई रूप से तीन माह के लिए की जाएगी। यदि दुग्ध संध चाहे तो अवधि बढाई भी जा सकती है। दुग्ध संघ की शर्तो की पालना नही करने पर 7 दिवस का नोटिस दिया जाकर आवण्टन निरस्त किया जा सकता है।
  • viii. खुदरा विक्रेता को संघ द्वारा निर्धारित दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थ, केरट के पेटे राशि जमा करवानी होगी, जिस पर कोई ब्याज देय नहीं होगा। एजेन्सी आवंटन के बाद भी दुग्ध एवॅं दुग्ध पदार्थो के एवज में राशि में वृद्धि की जा सकती है। एजेन्सी धारक को तद्नुसार राशि जमा करवाना अनिवार्य होगा।
  • ix. खुदरा विक्रेता को दुग्ध एंव दुग्ध उत्पाद, वितरक से नकद भुगतान (रिटेलर कमीशन कम करके) प्राप्त करने होंगें। दुग्ध/दुग्ध उत्पाद बिक्री राशि बकाया रखने पर सप्लाई तुरन्त प्रभाव से बन्द की जा सकती है एवं एजेन्सी निरस्त करते हुए सुरक्षा राशि समायोजित/जप्त की जा सकती है।
  • x. बूथ एजेन्ट को बूथ आवण्टन की दिनांक से एक माह तक औसतन 25 लीटर दूध प्रतिदिन, तत्पश्चात् तीन माह तक औसतन 50 लीटर दूध प्रतिदिन बिक्री एवं उसके पश्चात् प्रतिदिन औसतन 100 लीटर दूध प्रतिदिन बिक्री करना आवश्यक होगा। समान प्रकार से शॉप ऐजेन्सी हेतु दूध बिक्री का लक्ष्य प्रथम माह मे 15 लीटर दूध प्रतिदिन, तत्पश्चात् तीन माह तक प्रतिदिन न्यूनतम 30 लीटर दूध व उसके पश्चात् न्यूनतम 50 लीटर दूध प्रतिदिन रहेगा। उपरोक्त मात्रा दूध संघो की आवश्यकता के अनुसार भिन्न-भिन्न हो सकती है, जो बूथ संचालक / शॉप ऐजेन्सी द्वारा बिक्री किया जाना अनिवार्य होगा। यदि बूथ/एजेन्सी धारक द्वारा लक्ष्यों के अनुसार दूध विक्रय नहीं किया जाता है तो बिना सूचना के बूथ/एजेन्सी आवण्टन निरस्त की जा सकती है।
  • xi. खुदरा विक्रेताओं को उनकी मांग के अनुसार दूध एवं दूध उत्पाद सप्लाई किये जाते हैं। साधारणतया बचा हुआ दूध/दूध उत्पाद वापस स्वीकार नहीं किये जावेगें। यदि किसी कारणवश ग्राहक की कोई समस्या आती है या उत्पाद में कोई कमी प्रतीत होती है तो उसका निराकरण बूथ धारक/शॉप ऐजेन्सी धारक अपने स्तर पर डेयरी से करवायेंगे। ग्राहक की सन्तुष्टि सर्वोपरि है।
  • xii. बिक्री राशि एवं दूध/दुग्ध उत्पादों के साथ सप्लाई की गयीं क्रेटें खुदरा विक्रेता को निर्धारित प्रक्रियानुसार पूरी मात्रा में वापस जमा करानी होंगी। इसकी पालना नहीं किये जाने पर एजेन्ट की सप्लाई बन्द की जा सकती है तथा लगातार ऐसा करने पर एजेन्सी निरस्त की जा सकती है।
  • xiii. खुदरा विक्रेता को ग्राहकों/वितरकों एवं संघ प्रतिनिधियों से शालीन व्यवहार करना होगा। अभद्र व्यवहार करने, लड़ाई झगड़ा करने एवं तथ्यहीन निराधार शिकायतें करने तथा ऐसा प्रमाणित होने पर सम्बन्धित एजेन्ट के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जावेगी। जिसके अन्तर्गत एजेन्टशिप निरस्त करते हुए सुरक्षा राशि जब्त की जा सकती है।
  • xiv. खुदरा विक्रेता को संघ द्वारा निर्धारित समयानुसार बूथ/एजेन्सी पर दूध/दुग्ध उत्पाद की बिक्री सुनिश्चित करनी होगी।
  • xv. खुदरा विक्रेता को एजेन्सी के स्थान से ही दुध/दुग्ध उत्पाद बिक्री करने होंगे। अन्य स्थान/अन्य एजेन्सी के पास बिक्री करने पर एजेन्सी समाप्त की जा सकती है। एजेन्सी/बूथ आवंटन अहस्तान्तरणीय है। इस हेतु खुदरा विक्रेता को फूड लाईसेन्स लेना अनिवार्य है।
  • xvi. वितरण सम्बन्धी आदेश जो भी समय-समय पर दिये जायेगे वे मान्य होगें तथा खुदरा विक्रेता उनकी पूर्ण रूप से पालना करेगें।
  • xvii. बूथ/शॉप एजेन्सी जिसके नाम से आवंटन की जाएगी उसका संचालन उसे स्वयं ही करना होगा, किसी और के द्वारा संचालन करवाने या एजेन्सी/बूथ सबलेट करने पर एजेन्सी निरस्त की जा सकती है। खुदरा विक्रेता का स्वयं का परिचय-पत्र/ऐड्रेस प्रूफ देना होगा।
  • xviii. खुदरा विक्रेता/बूथ एजेन्ट द्वारा सरस के प्रतिस्पर्धी ब्राण्ड के दूध/दुग्ध उत्पाद बिक्री किया जाना एवं इनके साथ किसी भी तरह का व्यवसायिक सम्बन्ध रखने पर एजेन्सी तुरन्त प्रभाव से निरस्त की जाकर सुरक्षा राशि जप्त करली जावेगी।
  • xix. खुदरा विक्रेता आवेदन के साथ दिये गये दस्तावेज/सूचना गलत पाये जाने पर एजेन्सी निरस्त करते हुए सुरक्षा राशि जप्त की जा सकती है।
  • xx. स्वीकृति मिलने के तीन माह में यदि बूथ शुरू नहीं किया जाता है तो स्थानीय निकाय द्वारा आवंटन निरस्त किया जा सकता है।
  • xxi. सरकार द्वारा प्रतिबन्धित पदार्थ एवं बीड़ी, सिगरेट, गुटखा एवं जर्दा इत्यादि की बूथ पर भण्डारण/प्रदर्शन एवं बिक्री नहीं की जायेगी। बिक्री किये जाने पर बूथ आवंटन निरस्त किया जा सकता है।
  • xxii. यदि एजेन्सी धारक द्वारा दुग्ध बिक्री मात्रा में वृद्धि सुरक्षा राशि के अनुपात में अधिक होती है तो संघ प्रशासन द्वारा सुरक्षा राशि में दुग्ध बिक्री के अनुपात में वृद्धि करने के लिये स्वतन्त्र होगा।
  • xxiii. स्थानीय निकाय द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण-पत्र के अनुसार बूथ धारकों को समयानुसार ही निर्धारित किराया राशि जमा करवानी होगी।
  • xxiv. डेयरी बूथ धारक के द्वारा आंवटित बूथ स्थान के अलावा किसी प्रकार का अनाधिकृत कब्जा नहीं किया जावेगा एवं साफ सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जावेगी व बूथ पर एक डस्टबीन रखना अनिवार्य होगा।

 

9.  दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थो की बिक्री पर दुग्ध संघ द्वारा देय कमीशन:- 


दुग्ध संघो द्वारा समय-समय पर निर्धारित कमीशन देय होगा। डेयरी बूथ पर समय-समय पर पेन्ट, ग्लोसाईन बोर्ड इत्यादि का कार्य सम्बन्धित दुग्ध संघो द्वारा कराया जावेगा।


10.  किराया/लीज मनी:-

बूथ ऐजेन्टों को स्थानिय निकाय द्वारा समय समय पर निर्धारित किराया नियमित रूप से दुग्ध / स्थानिय निकाय मे जमा कराना होगा जबकि शॉप ऐजेन्सी धारक/पार्लर/हाईवे पार्लर द्वारा दुग्घ संघ को कोई किराया देय नही होगा।

11. किराया/लीज मनी का संग्रहण:-


(i)

(A) सम्बन्धित निकाय द्वारा संग्रहण किया जावेगा। आवंटी को त्रैमासिक किराया स्थानीय निकाय में जमा कराना होगा।

(B) किराया लीज राशि का भुगतान नहीं करने पर स्थानीय निकाय द्वारा कार्यवाही की जावेगी। बूथ आवंटन निरस्त भी किया जा सकेगा।

(ii) हस्तान्तरण:-

साधारणतः बूथ/शॉप ऐजेन्सी/ पार्लर/ हाईवे पार्लर अहस्तान्तरणीय है लेकिन बूथ संचालक की मृत्यु होने पर ही कानूनी रूप से वारिस के नाम बूथ के स्वामित्व का हस्तान्तरण किया जावेगा।

(iii) निरस्तीकरण:-

बूथ एजेन्ट द्वारा निर्धारित नियम शर्तो की अनुपालना नहीं करने पर बूथ का आवंटन संबंधित दुग्ध संघ की अनुशंषा पर स्थानीय निकाय द्वारा निरस्त किया जा सकता हैं। जबकि शॉप ऐजेन्सी का निरस्तिकरण दुग्ध संघ द्वारा किया जावेगा।

(iv) बूथ आवंटन सम्बन्धित निर्णयों पर पुनःविचार:-

(क) भविष्य मे यदि अपरिहार्य कारणों से लोकहित मे यदि बूथ/शॉप ऐजेन्सी/ पार्लर/ हाईवे पार्लर हटाना/ स्थानांतरण करना अपेक्षित हो तो यथेष्ठ कार्यवाही स्थानीय निकाय के स्तर पर ही की जायेगी। ऐसी स्थिति में बूथ संचालक का पुनर्वास स्थानीय निकाय विभाग द्वारा ही किया जावेगा।

(ख) यदि बूथ एजेण्ट को भविष्य में यदि दुग्ध व्यवसाय से सम्बन्धित कोई शिकायत हो तो सम्बन्धित दुग्ध संघ द्वारा निराकरण किया जायेगा।

(अ) अनुपालना:-

स्थानीय निकायों द्वारा पूर्व की भांति ही दूध बूथों का आवंटन केवल आरसीडीएफ से सम्बद्ध दुग्ध संघ द्वारा उत्पादित पदार्थो के विपणन के उद्देश्य से ही किया जावेगा। चूँकि सहकारिता आंदोलन से जुडे पशुपालकों को उनके द्वारा उत्पादित दूघ का उचित मूल्य प्राप्त हो सके तथा साथ ही शहरी क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता के पदार्थ उपलब्ध करवाए जा सके।

12. निकाय द्वारा बूथ आवंटन से संबंधित विवाद होने की दशा में विवाद का निस्तारण स्थानीय निकाय द्वारा गठित लाइसेन्स कमेटी द्वारा ही किया जावेगा।

आवेदन पत्र का प्रारूप - Format for Application Form

................................जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लि.

शॉप ऐजेन्सी / बूथ आवण्टन /पार्लर/ हाईवे पार्लर - आवेदन पत्र

नाम आवेदक श्री /सुश्री:.................................................................................................................
पिता / पति का नाम:....................................................................................................................
जन्म दिनांक:............................................................
आवेदक का पताः
1. वर्तमान पता: ..................................................................................................................
..........................................................................................................................................
2. स्थायी पता: ..................................................................................................................
........................................................................................................................................
(स्थायी पते का प्रमाण पत्र - मूल निवास/ राशन कार्ड/वोटर आईडी/अन्य......................................)
दूरभाष नं. लैण्डलाईन: .................................................मोबाईल नं. ..........................................
वर्तमान व्यवसाय: ................................................पहचान पत्र.............................(प्रति संलग्न करें)
एफ.एस.एस.आई लाईसेंस: ................................................................................................. (प्रति संलग्न करें)
शॉप एजेन्सी / बूथ/ पार्लर का प्रस्तावित स्थान का पूर्ण पता: .................................................................................................................................................
...........................................................................................................................................................
(शॉप एजेन्सी / बूथ/ पार्लर के लिये स्थल मानचित्र संलग्न करें) .................................................................................................................................................
मुझे ..........    जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ द्वारा दूध एवं दुग्ध पदार्थो विक्रय व शॉप एजेन्सी / बूथ/ पार्लर के संचालन हेतु निर्धारित शर्ते पूर्णरूप से मान्य है तथा मैं इनका नियमित रूप से पालन करूंगा, इसके लिये मैं दुग्ध संघ के साथ अनुबन्ध करने को तैयार हूँ। निर्धारित शर्तो का उल्लंघन करने पर मेरी ऐजेंसी निरस्त की जा सकती है।


                                                                                (आवेदक के हस्ताक्षर)
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
केवल कार्यालय उपयोग हेतु
सहायक विक्रय प्रतिनिधि की टिप्पणी
1. प्रार्थना पत्र प्राप्त करने की दिनांक:..........................वापसी जमा दिनांक ...................................
2. क्या प्रस्तावित स्थान पर अनुबन्धित गाडी जा सकती है-  1-हाँ   2-नहीं
3. क्या प्रार्थी के पास फ्रिज की सुविधा उपलब्ध है -  1- हाँ  2-नहीं
4. प्रस्तावित स्थल के पास स्थित बूथ / शॉप एजेन्सियों/पार्लर का विस्तृत विवरण -
क्रम सं.  बूथ / शॉप एजेन्सी सख्या  प्रस्तावित स्थल से दूरी (मीटर) प्रतिदिन की औसत बिक्री (लीटर)
1.
2.
3.
5. ऐजेन्सी आवंटन के बारे में रिपोर्ट: ......................................................................................................................................... ......................................................................................................................................... 


                                                                                                    संघ अधिकृत निरीक्षक
..........................................................................................................................................
वर्तमान में बूथ / शॉप ऐजेन्सी स्वीकृत/ अस्वीकृत की जाती है। कृपया धरोहर राशि रूपये.................. जमा करावें।
                                                                                                   संघ अधिकृत अधिकारी
......................................................................................................................................

धरोहर राशि रूपये: ....................................अग्रिम बूथ किराया राशि ..........................डी.डी. नं............................................राशि ....................................दिनांक ............................रसीद संख्या .................................दिनांक ...............................................शॉप एजेन्सी संख्या............................ क्षेत्र संख्या .............................. आवंटित करते हुऐ दिनांक ..................................... से सप्लाई प्रारम्भ की स्वीकृति प्रदान की जाती है।


                                                                                                   संघ अधिकृत अधिकारी

Comments

Popular posts from this blog

Baba Mohan Ram Mandir and Kali Kholi Dham Holi Mela

Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली''  में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन...

राजस्थान का प्रसिद्ध हुरडा सम्मेलन - 17 जुलाई 1734

हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋत...

Civilization of Kalibanga- कालीबंगा की सभ्यता-
History of Rajasthan

कालीबंगा टीला कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले में घग्घर नदी ( प्राचीन सरस्वती नदी ) के बाएं शुष्क तट पर स्थित है। कालीबंगा की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। इस सभ्यता का काल 3000 ई . पू . माना जाता है , किन्तु कालांतर में प्राकृतिक विषमताओं एवं विक्षोभों के कारण ये सभ्यता नष्ट हो गई । 1953 ई . में कालीबंगा की खोज का पुरातत्वविद् श्री ए . घोष ( अमलानंद घोष ) को जाता है । इस स्थान का उत्खनन कार्य सन् 19 61 से 1969 के मध्य ' श्री बी . बी . लाल ' , ' श्री बी . के . थापर ' , ' श्री डी . खरे ', के . एम . श्रीवास्तव एवं ' श्री एस . पी . श्रीवास्तव ' के निर्देशन में सम्पादित हुआ था । कालीबंगा की खुदाई में प्राक् हड़प्पा एवं हड़प्पाकालीन संस्कृति के अवशेष प्राप्त हुए हैं। इस उत्खनन से कालीबंगा ' आमरी , हड़प्पा व कोट दिजी ' ( सभी पाकिस्तान में ) के पश्चात हड़प्पा काल की सभ्यता का चतुर्थ स्थल बन गया। 1983 में काली...