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Showing posts from February, 2021

251 Important Facts about Rajasthan - राजस्थान सम्बन्धी 251 अत्यंत महत्त्वपूर्ण तथ्य

राजस्थान सम्बन्धी 251 अत्यंत महत्त्वपूर्ण तथ्य- राजस्थान का राज्य पशु - चिंकारा राजस्थान का राज्य खेल - बास्केटबॉल राजस्थान का राज्य पक्षी - गोडावण राजस्थान का राज्य नृत्य - घूमर राजस्थान का राज्य वृक्ष - खेजड़ी राजस्थान राज्य का राज्य पुष्प - रोहिड़ा राजस्थान राज्य का शास्त्रीय नृत्य - कत्थक राजस्थान राज्य का वाद्य यंत्र - अलगोजा राजस्थान का पूर्वी द्वार/प्रवेशद्वार - भरतपुर राजस्थान का ह्रदय - अजमेर राजस्थान की सूर्य नगरी - जोधपुर राजस्थान का कश्मीर/झीलों की नगरी  - उदयपुर फाउंटेन व मांउटेन का शहर  - उदयपुर राजस्थान की जलमहलों की नगरी - डीग सुवर्णगिरि/ग्रेनाईट शहर/जाबालिपुर  - जालौर थार का प्रवेश द्वार/मरुप्रदेश  - जोधपुर बावड़ियों का शहर  - बूंदी राजस्थान का रेड डायमंड - धौलपुर राजस्थान का कानपुर - कोटा राजस्थान की स्वर्ण नगरी - जैसलमेर राजस्थान की लता मंगेशकर - सीमा मिश्रा राजस्थान का उद्योगो का शहर - कोटा राजस्थान का स्कॉटलैंड - अलवर गुलाबी नगर/पिंकसिटी - जयपुर भारत का पेरिस -  जयपुर नवाबों की नगरी -  टोंक राजस्थान का सिंहद्वार -  अलवर राजस्थान का हृदय/ भारत का मक्का -  अजमेर गलियों

Kumbhalgarh, Jaisalmer Fort and Ramdevra were selected as Swachh Iconic Places by Ministry of Jal Shakti | कुंभलगढ़, जैसलमेर किले और रामदेवरा का स्वच्छ पर्यटक स्थलों के विकास के लिए 12 स्थलों में चयन

चौथे चरण के “स्वच्छ पर्यटक स्थलों” के विकास के लिए 12 स्थलों के चयन की घोषणा - आइकॉनिक (प्रतिष्ठित) धरोहरों, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक स्थलों को स्वच्छ पर्यटन स्थलों में बदलने के विजन को आगे बढ़ाते हुए जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग ने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत स्वच्छ आइकॉनिक स्थल उपक्रम के चौथे चरण में निम्न 12 प्रतिष्ठित आइकॉनिक स्थलों के चयन की घोषणा की है - 1.         अजंता गुफाएं, महाराष्ट्र 2.         सांची स्तूप , मध्य प्रदेश 3.         कुंभलगढ़ किला, राजस्थान 4.         जैसलमेर किला, राजस्थान 5.         रामदेवरा, जैसलमेर, राजस्थान 6.         गोलकुंडा फोर्ट, हैदराबाद, तेलंगाना 7.         सूर्य मंदिर, कोणार्क,ओडिशा 8.         रॉक गार्डन, चंडीगढ़ 9.         डल झील, श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर 10.       बांके बिहारी मंदिर, मथुरा, उत्तर प्रदेश 1

ग्लोबल बायो-इंडिया 2021 आयोजित होगा 1 से 3 मार्च, 2021 तक

ग्लोबल बायो-इंडिया 2021 आयोजित होगा 1 से 3 मार्च, 2021 तक क्या है ग्लोबल बायो इंडिया (Global Bio-India) पिछले कुछ दशकों के दौरान जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के अभिन्न अंग के रूप में उभरा है और भारत सरकार 2025 तक 150 अरब डॉलर की जैव अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए एक परिवर्तनकारी और उत्प्रेरक की भूमिका निभा रही है।  भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य के लिए जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र को प्रमुख क्षेत्रों में से एक क्षेत्र के रूप में पहचान की गई है। ग्लोबल बायो-इंडिया जैव प्रौद्योगिकी पक्षधारकों के सबसे बड़े संगठनों में से एक है, जिसे जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार और उसके सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) के साथ मिलकर उद्योग संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई), एसोसिएशन ऑफ

CENTRAL ELECTRICITY REGULATORY COMMISSION (CERC) | केन्‍द्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीईआरसी)

केन्‍द्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीईआरसी) CENTRAL ELECTRICITY REGULATORY COMMISSION (CERC) -   केन्‍द्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीईआरसी) की स्‍थापना भारत सरकार ने विद्युत नियामक आयोग अधिनियम 1998 के प्रावधानों के तहत की थी।  सीईआरसी विद्युत अधिनियम 2003 के तहत गठित एक केन्‍द्रीय आयोग है।  विद्युत अधिनियम 2003 को ईआरसी अधिनियम 1998 के स्‍थान पर लाया गया था।  आयोग में एक अध्‍यक्ष और केन्‍द्रीय विद्युत प्राधिकार के अध्‍यक्ष, जोकि आयोग के पदेन सदस्‍य होते हैं, समेत चार अन्‍य सदस्‍य होते हैं। अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी - श्री पी.के. पुजारी, (1 फरवरी 2018 - कार्यरत) सदस्य - श्री इंदु शेखर झा - सदस्य (21 जनवरी 2019 से पदासीन) पदेन सदस्य - अध्यक्ष, केन्‍द्रीय विद्युत प्राधिकार ( सीईए) (पूर्व अधिकारी) सदस्य - श्री अरुण गोयल ( 07-04-2020 से पदासीन) सदस्य (विधि) - प्रवास कुमार सिंह ( 22-02-2021 से पदासीन) केन्‍द्रीय विद्युत नियामक आयोग के उद्देश्य : भारतीय विद्युत ग्रिड संहिता, उपलब्धता आधारित टैरिफ (एबीटी) के माध्यम से क्षेत्रीय पारेषण प्रणालियों के प्रचालन और प्रबंधन में सु

Current affairs 15 से 21 फ़रवरी 2021

 नेशनल current affairs डीआरडीओ के एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम्स 'हेलिना' और 'ध्रुवस्त्र' का सफल परीक्षण हेलिना (आर्मी वर्जन) और ध्रुवस्त्र (एयरफोर्स वर्जन) मिसाइल सिस्टम्स के लिए संयुक्त उपयोगकर्ता परीक्षण (Joint User Trials) एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (एएलएच) प्लेटफॉर्म से डेज़र्ट रेंज में किए गए हैं। मिसाइल प्रणालियों को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है।   हेलिना (नाग पर आधारित हेलीकॉप्टर) एक तीसरी पीढ़ी की 'दागो और भूल जाओ' टैंक रोधी मिसाइल (एटीजीएम) प्रणाली है, जिसे आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) पर स्थापित किया गया है। यह प्रणाली, सभी मौसम में दिन और रात के समय सक्षम है तथा पारंपरिक कवच के साथ ही साथ विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच के साथ युद्धक टैंकों को नष्ट कर सकती है। हेलिना मिसाइल सीधे हिट मोड के साथ ही साथ टॉप अटैक मोड दोनों में टार्गेट्स पर निशाना लगा सकती है। हेलिना हथियार प्रणाली को भारतीय सेना (आईए) में शामिल किया जा रहा है। ध्रुवास्त्र नामक हेलिना हथियार प्रणाली के एक संस्करण को भ

जल जीवन मिशन : स्‍कूलों तथा आंगनबाड़ी केन्‍द्रों में पीने के लिए पाइपयुक्‍त जल आपूर्ति उपलब्‍ध कराने की विशेष मुहिम को 31 मार्च, 2021 तक बढ़ाया गया

जल जीवन मिशन : स्‍कूलों तथा आंगनबाड़ी केन्‍द्रों में पीने के लिए पाइपयुक्‍त जल आपूर्ति उपलब्‍ध कराने की विशेष मुहिम को 31 मार्च, 2021 तक बढ़ाया गया जल जीवन मिशन के तहत विद्यालयों , आंगनबाड़ी केन्‍द्रों (एडब्‍ल्‍यूसी) तथा आश्रमशालाओं में नल जल कनेक्‍शन उपलब्‍ध कराने के लिए जल शक्ति मंत्रालय के 100 दिवसीय विशेष अभियान को राज्‍यों तथा केन्‍द्र शासित प्रदेशों से बहुत अच्‍छी प्रतिक्रिया प्राप्‍त हुई है , जिसमें से कई राज्‍यों ने सभी विद्यालय तथा एडब्‍ल्‍यूसी में 100 प्रतिशत परिपूर्णता दर्ज कराई है। कुछ राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों ने संकेत दिया है कि उन्‍हें इस कार्य को पूरा करने तथा इस नेक प्रयोजन के लिए आरंभ किए जा रहे प्रयासों को बनाए रखने के लिए कुछ और अधिक समय की आवश्‍यकता है। अच्‍छी प्रतिक्रिया तथा प्रयासों को बनाए रखने की आवश्‍यकता पर विचार करते हुए जल शक्ति मंत्रालय ने अभियान को 31 मार्च , 2021 तक बढ़ा दिया है। 100 दिनों की अवधि के अभियान के तहत आंगनबाड़ी केन्‍द्रों (एडब्‍ल्‍यूसी) , स्‍कूलों तथा आश्रमशालाओं को पीने के पाइपयुक्‍त जल की आपूर्ति का प्रावधान करने के