What is Energy Swaraj Yatra क्या है ऊर्जा स्वराज यात्रा
- यह यात्रा सौर ऊर्जा अपनाने को जन आंदोलन बनाने के मिशन के लिए प्रतिबद्ध आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर डॉ. चेतन सिंह सोलंकी ने प्रारंभ की है ।
यह यात्रा एक ऐसी बस में की जा रही है जिसके भीतर सौर ऊर्जा से हर कार्य किया जाता है और इसमें दफ्तर तथा घर की हर सुविधा दी गई है। बस में सोने, काम करने, खाना पकाने, नहाने, बैठक और प्रशिक्षण सहित सभी दैनिक गतिविधियां करने की सुविधा है। - बस में 3.2 किलोवाट का सौर पैनल और 6 किलोवाट की बैटरी स्टोरेज स्थापित किया गया है।
- ऊर्जा स्वराज यात्रा वर्ष 2020 में 26 नवंबर को शुरू हुई थी और 2030 तक जारी रहेगी अर्थात यह यात्रा लगभग 11 साल चलेगी।
इस यात्रा पर सौर गांधी के नाम से मशहूर प्रोफेसर चेतन सोलंकी रवाना हुए थे, जो देशभर में सौर ऊर्जा के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं। - गौरतलब है कि सोलंकी को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सौर ऊर्जा के लिए प्रदेश के सौर ऊर्जा के ब्रांड एम्बेसडर से सम्मानित किया है।
- केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने दिनांक 19 MARCH अपने निवास से अपने कार्यालय तक ऊर्जा स्वराज यात्रा बस की सवारी की।
कौन हैं चेतन सिंह सोलंकी
- मध्यप्रदेश के खरगौन जिले के झिरनिया तहसील के छोटे से गांव में जन्मे प्रोफेसर सोलंकी मुंबई की आईआईटी से पढ़े हैं।
- गृहस्थ जीवन के बावजूद अब वे सौर ऊर्जा की जनजागृति के लिए 11 वर्षों तक अब अपने परिवार से पूरी तरह दूर रहेंगे।
- चेतन 20 वर्षों से इस विषय पर काम कर रहे हैं।
- चेतन को कई अवार्ड से नवाजा जा चुका है। आईईईई की ओर से इस विषय पर उनके इनोवेशन और शोध पर 10 हजार डॉलर का पुरस्कार भी मिला था।
- चेतन सोलंकी को प्राइम मिनिस्टर अवार्ड फॉर इनोवेशन से भी नवाजा गया था।
- इनके त्याग और लगन को देख उन्हें अब 'सौर गांधी' भी कहा जाता है।
- वैज्ञानिक होने के साथ ही वे सौर प्रौद्योगिकी से जुड़ी कई समितियों के सदस्य भी हैं।
- सोलंकी ने गांधी के आदर्शों का पालन करते हुए इसे 'ऊर्जा स्वराज' शब्द दिया है।
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