आजादी का अमृत महोत्सव की आधिकारिक यात्रा 12 मार्च 2021 को शुरू हुई, जिसने हमारी आजादी की 75वीं वर्षगांठ के लिए 75 सप्ताह की उलटी गिनती शुरू की और यह अगले वर्ष 15 अगस्त 2023 को समाप्त होगी।
एकेएएम के पांच स्तंभ हैं-
स्वतंत्रता संग्राम,
75 वर्ष पर कल्पनाएं,
75 वर्ष पर उपलब्धियां,
75 वर्ष के कार्य और
75 वर्ष पर संकल्प।
एकेएएम के तहत 136000 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जिनमें हर घर तिरंगा, वंदेभारतम, कलांजलि जैसे कई बड़े कार्यक्रम शामिल हैं।
प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन:
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अप्रैल, 2022 को 'प्रधानमंत्री संग्रहालय' का उद्घाटन किया। आज़ादी का अमृत महोत्सव जश्न के दौरान संग्रहालय का उद्घाटन किया गया, जो देश के प्रधानमंत्रियों के जीवन और योगदान के माध्यम से स्वतंत्रता के बाद भारत की कहानी बताता है।
भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की यात्रा पर प्रधानमंत्री संग्रहालय का पहला ध्वनि और प्रकाश शो भी 7 दिसंबर, 2022 को शुरू किया गया।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा की स्थापना:
- प्रधानमंत्री ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर इंडिया गेट के पास स्थित कैनोपी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के होलोग्राम का उद्घाटन किया। कैनोपी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की ग्रेनाइट प्रतिमा स्थापित की गई ।
- प्रधानमंत्री ने 8 सितम्बर, 2022 को, कैनोपी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का उद्घाटन किया गया । नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 28 फुट ऊंची यह प्रतिमा भारत में सबसे बड़ी, सबसे सजीव, विशालकाय और हाथ से तैयार की गई मूर्तियों में से एक है। प्रतिमा को पारंपरिक तरीकों और समकालीन उपकरणों दोनों का उपयोग करके पूरी तरह से हाथ से बनाया गया है।
- नेताजी की विशाल प्रतिमा को 280 मीट्रिक टन की ग्रेनाइट की एक चट्टान से तैयार किया गया है। ग्रेनाइट चट्टान की 65 मीट्रिक टन की आकृति बनाने में कलाकारों को लगभग 26,000 मानव-घंटे का कठोर श्रम लगा।
"हर घर तिरंगा" (HGT) अभियान और तिरंगा उत्सव:
देश पर आजादी का अमृत महोत्सव के देशभक्तिपूर्ण प्रभाव को बढ़ाने के लिए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 22 जुलाई, 2022 को "हर घर तिरंगा" (HGT) अभियान शुरू किया, ताकि भारत की आजादी के 75वें वर्ष का जश्न मनाने के लिए लोगों को अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने/प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
यह अभियान 23 करोड़ घरों तक पहुंचा और डिजिटल रूप से 6 करोड़ 'सेल्फी विद तिरंगा' भी पंजीकृत की गई। आधिकारिक वेबसाइट में 'पिन ए फ्लैग' की सुविधा भी थी, जिसमें 5 करोड़ से अधिक प्रविष्टियां आईं।
संस्कृति मंत्रालय ने पिंगली वेंकय्या (जिन्होंने मूल ध्वज को डिजाइन किया) का योगदान देश के सामने लाने के लिए 2 अगस्त, 2022 को "तिरंगा उत्सव" का आयोजन किया। तिरंगा उत्सव सांस्कृतिक और संगीतमय प्रदर्शनों से भरी एक शाम थी। इसे पिंगली वेंकय्या की 146वीं जयंती के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित किया गया था जहां हर घर तिरंगा थीम गीत की भी शुरूआत की गई।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने भी हर घर तिरंगा के हिस्से के रूप में विभिन्न गतिविधियाँ कीं:
- केन्द्रीय संरक्षित 154 स्मारकों पर 15 मीटर ऊंचे ऊंचे स्तंभ पर ध्वज फहराया गया।
- केन्द्र द्वारा संरक्षित 154 स्मारकों पर तिरंगे में रोशनी।
बौद्ध संस्कृति के लिए भारत अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र की आधारशिला:
प्रधानमंत्री ने 16 मई, 2022 को नेपाल के प्रधानमंत्री श्री शेर बहादुर देउबा की उपस्थिति में बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर नेपाल के लुंबिनी में बौद्ध संस्कृति और विरासत के लिए इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के निर्माण की आधारशिला रखी। केन्द्र को संस्कृति मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित किया जाता है और इसका निर्माण मंत्रालय के एक अनुदेयी निकाय, अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) द्वारा किया जा रहा है।
एक बार पूरा हो जाने पर यह केन्द्र बौद्ध धर्म के आध्यात्मिक पहलुओं के सार का आनंद लेने के लिए दुनिया भर के तीर्थयात्रियों और पर्यटकों का स्वागत करने के लिए एक विश्व स्तरीय सुविधा होगी।
मंगोलिया में भगवान बुद्ध के पवित्र कपिलवस्तु अवशेषों की 11 दिवसीय प्रदर्शनी:
मंगोलियाई बुद्ध दिवस के अवसर पर, विधि और न्याय मंत्री श्री किरेन रीजीजू के नेतृत्व में 25 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा भगवान बुद्ध के चार पवित्र कपिलवस्तु अवशेषों को 11 दिवसीय प्रदर्शनी के लिए मंगोलिया ले जाया गया। अवशेषों को ''राजकीय अतिथि'' के रूप में नामित किया गया था । पहली बार बुद्ध के पवित्र अवशेषों को मंगोलिया के पवित्र अवशेषों के साथ गंडानलेगचिनलेन मठ में प्रदर्शित किया गया।
मानगढ़ धाम की गौरव गाथा:
प्रधानमंत्री ने आदिवासी नायकों और स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों के बलिदानों को श्रद्धांजलि देने के लिए मानगढ़ हिल, बांसवाड़ा, राजस्थान में एक सार्वजनिक कार्यक्रम - 'मानगढ़ धाम की गौरव गाथा' में भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने भील स्वतंत्रता सेनानी श्री गोविंद गुरु को श्रद्धांजलि अर्पित की ।
एएसआई द्वारा प्राचीन वस्तुओं की पुन: प्राप्ति
सुपुर्दगी समारोह:
1 जून, 2022 को अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से पुन: प्राप्त की गई दस प्राचीन वस्तुओं की सुपुर्दगी के लिए समारोह आयोजित किया गया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने आईजीएनसीए, नई दिल्ली में आयोजित एक रंगारंग समारोह में इन प्राचीन मूर्तियों को आइडल विंग, तमिलनाडु को सौंप दिया।
प्राचीन वस्तुओं में शामिल मूर्तियाँ-
- द्वारपाल,
- नटराज,
- कंकालमूर्ति कदयम,
- नादिकेश्वर कदयम,
- चतुर्भुज विष्णु,
- श्री देवी,
- शिव और पार्वती,
- खड़े बाल संबंदर और
- बाल संबंदर।
'हैदराबाद मुक्ति दिवस' का उत्सव:
तेलंगाना में 75वां 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' 17 सितम्बर 2022 को बहुत धूमधाम और देशभक्ति के उत्साह के साथ मनाया गया।
हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाने का उद्देश्य निज़ाम के राज से मुक्ति के महान युद्ध के इतिहास को पुनर्जीवित करना और युवा पीढ़ी के मन में देशभक्ति की लौ को पुनर्जीवित करके गुमनाम शहीदों की कहानियों को पुनर्जीवित करना है।
साथ ही, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के हैदराबाद सर्कल ने हैदराबाद में स्थित गोलकोंडा किले और चारमीनार को रोशन किया।
जन्म और पुण्य तिथि :
श्री गुरु तेग बहादुर सिंह जी का 400वां प्रकाश पर्व :
श्री गुरु तेग बहादुर सिंह जी के 400वें प्रकाश पर्व के एक वर्ष की समाप्ति पर 21-22 अप्रैल, 2022 को लाल किला, नई दिल्ली में भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जहां प्रधानमंत्री ने एक स्मारक सिक्का, डाक टिकट जारी किया ।
भीमावरम में स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू की जयंती:
प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश के भीमावरम में महान स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती समारोह का शुभारंभ किया और अल्लूरी सीताराम राजू की 30 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया।
श्री अरबिंदो:
महर्षि अरबिंदो की 150वीं जयंती और स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के अवसर पर, संस्कृति मंत्रालय ने 12 से 15 अगस्त, 2022 के बीच देश भर की 75 जेलों में आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित करके श्री अरबिंदो के जीवन और दर्शन को याद किया।
इन कार्यक्रमों का उद्देश्य श्री अरबिंदो के दर्शन की शिक्षा, योग और ध्यान के अभ्यास के माध्यम से जेल के कैदियों के जीवन को 'बदलना' है।
26 जनवरी, 2022 को गणतंत्र दिवस परेड के दौरान संस्कृति मंत्रालय ने श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती पर झांकी प्रदर्शित की।
प्रधानमंत्री ने 13 दिसम्बर, 2022 को श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक डाक टिकट और एक सिक्का भी जारी किया।
श्री राजा राम मोहन राय:
22 मई 2022 से 22 मई 2023 तक श्री राजा राम मोहन राय की 250वीं जयंती मनाने के लिए, उद्घाटन समारोह राजा राम मोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन, साल्ट लेक, कोलकाता और साइंस सिटी ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया।
संस्कृति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग:
वैश्विक धरोहर:
यूनेस्को की अंतर सरकारी समिति ने दिसम्बर, 2021 में 'कोलकाता की दुर्गा पूजा' को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में अंकित किया है।
जुलाई, 2022 में भारत को आईसीएच पर यूनेस्को की प्रतिष्ठित अंतर-सरकारी समिति में चुना गया, जिसमें 24 सदस्य (180 सदस्य राज्यों में से) हैं।
विश्व विरासत समिति को 2022-23 चक्र के लिए 31.1.2022 को "होयसला के पवित्र संपरिधानों" पर नामांकन डोजियर प्रस्तुत किया गया।
यह तीन स्मारकों से युक्त एक क्रमिक नामांकन है;
(A): होयसलेश्वर मंदिर; हलेबेदु,
(B) : सोमनाथपुर मंदिर, सोमनाथपुर;
(C): कर्नाटक में चन्नाकेशव मंदिर, बेलूर
यूनेस्को की संभावित सूची:
तीन स्मारक:
1. कोंकण क्षेत्र के जियोग्लिफ्स,
2. जिंग किन्गजरी, लिविंग रूट ब्रिज कल्चरल लैंडस्केप्स, मेघालय और
3. श्री वीरभद्र मंदिर और विशालकाय बैल(नंदी), लेपाक्षी (विजयनगर मूर्तिकला और पेंटिंग कला परंपरा)
उक्त तीन स्मारक को यूनेस्को की संभावित सूची में विश्व धरोहर के रूप में शामिल किया गया है। इससे यूनेस्को की संभावित सूची में भारत के स्थलों/स्मारकों की कुल संख्या 49 हो जाती है।
यूनेस्को-मोंडियाकल्ट 2022 विश्व सम्मेलन:
संस्कृति राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने मेक्सिको में यूनेस्को-मोंडियाकल्ट 2022 विश्व सम्मेलन में भाग लिया।
प्रदर्शनियां और सम्मेलन:
"देवायतनम", भारत मंदिर वास्तुकला की एक लंबी यात्रा:
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने 25-26 फरवरी 2022 को हम्पी में मंदिर वास्तुकला की एक लंबी यात्रा "देवायतनम" पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। इसमें मंदिर वास्तुकला की विभिन्न शैलियों जैसे नागरा, वेसरा, द्रविड़, कलिंग और अन्य के उद्भव और विकास पर एक संवाद भी शुरू किया गया।
"भारत में संग्रहालयों की पुनर्कल्पना":
संस्कृति मंत्रालय ने आजादी का अमृत महोत्सव के तत्वावधान में 15-16 फरवरी 2022 को हैदराबाद में "भारत में संग्रहालयों की पुनर्कल्पना" पर अपनी तरह का पहला 2 दिवसीय वैश्विक शिखर सम्मेलन आयोजित किया। वैश्विक शिखर सम्मेलन भारत और दुनिया भर के संग्रहालय विकास और प्रबंधन क्षेत्र के अग्रणी दिग्गजों, डोमेन विशेषज्ञों और चिकित्सकों को सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों और रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए एक स्थान पर लाया।
विश्व विरासत दिवस, 18 अप्रैल 2022 को एएसआई द्वारा पुराना किला, दिल्ली में दिल्ली की बावलियों पर एक फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
भारतीय संग्रहालय ने दुर्गा शीर्षक से एक प्रदर्शनी आयोजित की :
"मातृरूपेण" और "शक्तिरूपेण" रूप में देवी दुर्गा को प्रदर्शित करते हुए "दुर्गा: द डिवाइन पावर" शीर्षक से स्त्रीत्व के गौरव और मानवता के लिए मुक्ति के प्रतीक के रूप में एक इन-हाउस प्रदर्शनी भी आयोजित की।
साइंस सिटी, कोलकाता का रजत जयंती समारोह
साइंस सिटी, कोलकाता का रजत जयंती समारोह 1 जुलाई, 2022 को उपयुक्त रूप से मनाया गया। इस अवसर पर, स्पेस थिएटर में एक फुलडोम फिल्म "कोलकाता: द सिटी ऑफ जॉय" और स्पेस ओडिसी हॉल में "साइंस सिटी का 25वां वर्ष" विषय पर एक प्रदर्शनी आयोजित की गई। इसके बाद साइंस पार्क में एक विशाल प्रदर्शनी "एकेएएम सन डायल" का उद्घाटन किया गया।
एकेएएम के तहत जनभागीदारी के साथ संस्कृति का उत्सव:
वंदेभारतम नृत्य उत्सव:
संस्कृति मंत्रालय ने आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में तीन महीने तक चलने वाली एक अखिल भारतीय नृत्य प्रतियोगिता 'वंदेभारतम-नृत्य उत्सव' का आयोजन किया, जिसकी परिणति दिल्ली में 26 जनवरी को राष्ट्रीय गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान एक शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम के रूप में हुई।
'कला कुंभ':
गणतंत्र दिवस 2022 समारोह के लिए राजपथ पर अनूठी पहल 'कला कुंभ' के तहत बनाए गए विशाल और शानदार स्क्रॉल को स्थापित किया गया।
कलांजलि:
कलांजलि के तहत सेंट्रल विस्टा में हर हफ्ते सांस्कृतिक प्रदर्शन जैसे कहानी सुनाना, नृत्य, रंगमंच, कठपुतली का आयोजन किया जाता है। कलांजलि की शुरुआत 5 और 6 नवंबर, 2022 को कर्तव्य पथ और इंडिया गेट (सेंट्रल विस्टा) पर राजा राममोहन राय के जीवन पर आधारित नृत्य नाटिका से हुई। ।
राष्ट्रीय ध्वज फहराने का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड:
गृह मंत्री श्री अमित शाह की उपस्थिति में भारत ने 23 अप्रैल 2022 को जगदीशपुर, भोजपुर, बिहार के दुलेर मैदान में "वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव" कार्यक्रम में एक साथ एक समय में 78,220 राष्ट्रीय तिरंगा झंडा फहराने का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड आजादी का अमृत महोत्सव के तहत बनाया।
विप्लबी भारत गैलरी :
आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए और शहीद दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री ने भारत के क्रांतिकारी राष्ट्रवादियों पर विप्लबी भारत गैलरी-विक्टोरिया मेमोरियल हॉल का 23 मार्च, 2022 को उद्घाटन किया गया।
उड़ान पतंग महोत्सव के अवसर पर अखिल भारतीय कार्यक्रम आयोजित किए गए जहां 1.5 करोड़ से अधिक प्रतिभागियों ने पतंग उड़ाई।
विज्ञान सर्वत्र पूज्यते:
"विज्ञान सर्वत्र पूज्यते" अमृत महोत्सव विज्ञान प्रदर्शनी: 2047 समारोह का खाका विभिन्न क्षेत्रीय विज्ञान केन्द्रों में 22-28 फरवरी, 2022 को आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में हमारी वैज्ञानिक परंपरा और तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन किया गया। 22 फरवरी, 2022 को 'धारा' - भारतीय ज्ञान प्रणाली के लिए एक स्रोत श्रृंखला का पहला कार्यक्रम आयोजित किया
भारत भाग्य विधाता, निजी और सार्वजनिक कंपनियों और संगठनों को "स्मारक मित्र" बनने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार की "एडॉप्ट ए हेरिटेज: अपनी धरोहर, अपनी पहचान" योजना को बढ़ावा देकर लाल किले में मनाया जाने वाला एक सांस्कृतिक उत्सव था, जिसका आयोजन संस्कृति मंत्रालय द्वारा 25 मार्च से 3 अप्रैल, 2022 तक किया गया।
"टेंपल 360" वेबसाइट:
2 अप्रैल, 2022 को आईजीएनसीए, नई दिल्ली में "टेंपल 360" वेबसाइट के शुभारंभ के साथ-साथ नव संवत्सर के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। वेबसाइट 12 ज्योतिर्लिंगों और 4 धामों के वर्चुअली ई-दर्शन कराती है।
धरा-इंडियन एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रो-फिजिक्स:
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर इंडियन नॉलेज सिस्टम्स (सीओई-आईकेएस), आईआईटी खड़गपुर ने 14 से 18 जून, 2022 तक एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन इंडियन नॉलेज सिस्टम्स - द भारत तीर्थ II आयोजित किया। इसका आयोजन आईआईटी खड़गपुर के भौतिकी विभाग और इंडियन हिस्ट्री अवेअरनैस एंड रिसर्च (आईएचएआर) ह्यूस्टन, अमेरिका, आईएचएआर, भारत, धरा, भारतीय ज्ञान प्रणाली के स्रोत, संस्कृति मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से किया गया।
ज्योतिर्गमय:
विश्व संगीत दिवस मनाने के लिए, संगीत नाटक अकादमी ने देश भर के दुर्लभ संगीत वाद्ययंत्रों और विभिन्न कलाकारों और उनके प्रदर्शन को प्रदर्शित करने के लिए एक संगीत कार्यक्रम- ज्योतिर्गमय का आयोजन किया। यह कार्यक्रम भारत की अनूठी संगीत संस्कृति की रक्षा करने और इसे प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करने पर केन्द्रित था।
कारगिल विजय दिवस:
कारगिल विजय दिवस पर, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय ने अपना नया नाटक 'कारगिल: एक शौर्य कथा' प्रस्तुत किया। 25 जुलाई को भारतीय सेना और विशिष्ट अतिथियों के लिए इंडिया गेट के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर नाटक का एक विशेष शो प्रस्तुत किया गया। जनता के लिए नाटक के दो शो 26 और 27 जुलाई को आयोजित किए गए थे।
संकल्प से सिद्धि की योजना संस्कृति मंत्रालय और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के बीच विजन 2047 के लिए एक उद्योग-नागरिक चार्टर विकसित करने के लिए बनाई गई थी। संकल्प से सिद्धि के तहत दो बड़े कार्यक्रम आयोजित किए गए, एक दिल्ली में और दूसरा मुंबई में। इस कार्यक्रम का तीसरा संस्करण 4 अगस्त, 2022 को बेंगलुरु में आयोजित किया गया था।
बढ़े चलो: 'आजादी का अमृत महोत्सव' -
भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के जश्न के तहत भारत सरकार की एक पहल थी। हमारे देश के युवाओं के साथ जुड़ने और उनमें देशभक्ति की गहरी भावना पैदा करने के उद्देश्य से, संस्कृति मंत्रालय ने अमृत महोत्सव के तहत युवाओं तक अधिक से अधिक पहुंच के लिए युवा-केंद्रित 'बढ़े चलो' नाम का कार्यक्रम करने का फैसला किया। बढ़े चलो एक राष्ट्रव्यापी फ्लैश डांस कार्यक्रम था, जिसका आयोजन 5 से 12 अगस्त, 2022 तक 8 दिन तक देश भर में 75 से अधिक स्थानों पर किया गया। .
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस:
देश का विभाजन एक ऐसी त्रासदी है जिसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है जिसमें लाखों लोग मारे गए या बेघर हो गए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अगस्त को "विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस" मनाने का आह्वान किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विभाजन का दर्द सहने वाले लाखों परिवारों की पीड़ा हमारी स्मृतियों से ओझल नहीं हो।
मेला पल देश भर में मेलों को लोकप्रिय बनाने की दिशा में काम करने के लिए संस्कृति मंत्रालय की एक पहल है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उनके मन की बात के दौरान घोषित इस अभियान का उद्देश्य मेलों में जाकर आने वाले त्योहारों की भावना को बढ़ाना है। यह 7 अक्टूबर, 2022 से 31 मार्च, 2023 तक आयोजित किया जा रहा है।
बथुकम्मा उत्सव:
संस्कृति मंत्रालय ने 27 सितम्बर को कर्तव्यपथ, इंडिया गेट, नई दिल्ली में बथुकम्मा उत्सव का आयोजन किया। बथुकम्मा उत्सव तेलंगाना के लोगों की संस्कृति और पहचान का प्रतिनिधित्व करता है और इसमें गौरी देवी के रूप महागौरी - "जीवन दाता" की पूजा शामिल है।
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