Skip to main content

Rajasthan Krishi Budget 2022-23 राजस्थान का कृषि पर 'प्रथम पृथक बजट' 2022-23

Rajasthan Krishi Budget 2022-23 राजस्थान का कृषि पर 'प्रथम पृथक बजट' 2022-23

Rajasthan Agriculture Budget 2022-23 in Hindi
Rajasthan Agriculture Budget 2022-23


कृषि राजस्थान की अर्थव्यवस्था पर अत्यंत गहन प्रभाव रखती है । राज्य के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा कृषि पर प्रथम पृथक बजट 23 फरवरी 2022 को विधानसभा में प्रस्तुत किया , जिसके महत्वपूर्ण अंश निम्नानुसार है –

मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना-

इसमें मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना की राशि को ₹2000 हजार करोड़ से बढ़ाकर ₹5000 करोड़ करने की घोषणा की गई । इस योजना के अंतर्गत निम्न 11 मिशन प्रस्तावित है –

  • राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन

  • राजस्थान जैविक खेती मिशन

  • राजस्थान बीज उत्पादन एवं वितरण मिशन

  • राजस्थान मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन

  • राजस्थान संरक्षित खेती मिशन

  • राजस्थान उद्यानिकी विकास मिशन

  • राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन

  • राजस्थान भूमि उर्वरकता मिशन

  • राजस्थान कृषि श्रमिक संबल मिशन

  • राजस्थान कृषि तकनीक मिशन

  • राजस्थान खाद्य प्रसंस्करण मिशन

  • आगामी वर्ष में ₹2700 करोड़ की राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन प्रस्तावित है , जिसके तहत आगामी 3 वर्षों में ड्रिप या स्प्रीन्कलर  ( Drip/Sprinkler) से सिंचाई की व्यवस्था हेतु 4 लाख से अधिक किसानों को ₹1705 करोड़ का अनुदान दिया जाएगा तथा कुल 50000 किसानों को 20000 किलोमीटर में सिंचाई पाइप लाइन बिछाने हेतु ₹100 करोड रुपए का अनुदान दिया जाएगा ।

  • सूक्ष्म सिंचाई से संबंधित शोध एवं प्रशिक्षण के लिए सम्भागीय मुख्यालयों पर सूक्ष्म सिंचाई के लिए उतकृष्टता केंद्र (Center of Excellence for Micro Irrigation) स्थापित किए जाएंगे ।

  • 2019-20 में घोषित जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग के क्रम में ‘मुख्यमंत्री जैविक खेती मिशन’प्रारंभ  किया जाना प्रस्तावित है । ₹600 करोड़ के प्रावधान वाले इस मिशन के तहत जैविक खेती हेतु 3 लाख 80 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की वृद्धि की जाएगी ।

  • ₹15 करोड़ के प्रावधान से Organic Commodity Board का गठन होगा ।

  • 12 लाख लघु/सीमांत कृषकों को प्रमुख फसलों के प्रमाणित किस्मों के बीज के मिनीकिट नि:शुल्क उपलब्ध करवाए जाएंगे ।

  • लगभग ₹100 करोड़ के प्रावधान से राज्य को बाजरा हब (Millet Hub)के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से 'राजस्थान मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन' प्रस्तावित किया है ।

  • बाजरा (Millets)की प्रथम 100 प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना हेतु ₹40 करोड के अनुदान की घोषणा ।

  • जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत ''बाजरा उत्कृष्टता केंद्र (Center of Excellence for Millets)''की स्थापना की जाएगी ।

  • ‘राजस्थान संरक्षित खेती मिशन’ Rajasthan Protected Cultivation Mission के तहत 2 वर्षों में 25000 किसानों को ग्रीन हाउस/शेडनेट हाउस/ लो टनल की स्थापना के लिए चार सौ करोड़ रूपये का अनुदान दिया जाएगा ।

  • मसाला फसलों का 3000 हेक्टेयर क्षेत्र में और विस्तार किया जाएगा तथा औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए 1500 हेक्टेयर क्षेत्रफल का विस्तार किया जाएगा ।

  • राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन Rajasthan Crop Protection Mission के तहत 2 वर्षों में 1.25 करोड़ मीटर तारबंदी पर ₹100 करोड़ का अनुदान का प्रावधान ।

  • लवणीय व क्षारीय भूमि में सुधार तथा हरी खाद के प्रयोग से भूमि उर्वरता बढ़ाने हेतु ‘राजस्थान भूमि उर्वरकता मिशन Rajasthan Land Fertilization Mission’ शुरू होगा । जिप्सम के प्रयोग से 22000 हेक्टेयर क्षारीय भूमि का ₹11 करोड़ की लागत से सुधार किया जाएगा ।

  • कृषि कार्यों में भूमिहीन श्रमिकों के लिए ‘राजस्थान कृषि श्रमिक संबल मिशन Rajasthan Agricultural Workers Empowerment Mission’ प्रारंभ किया जाएगा । इसके तहत वर्ष 2022-23 में 2 लाख श्रमिकों को हस्तचालित कृषि यंत्र खरीदने के लिए ₹5000 प्रति परिवार अनुदान दिए जाने की घोषणा की गई है ।

  • कृषि यंत्रीकरण को प्रोत्साहन हेतु ‘Rajasthan Agricultural Technology Mission राजस्थान कृषि तकनीक मिशन’ प्रारंभ किया जाना है ।

  • कृषकों को महंगे यंत्र-उपकरण यथा- ट्रैक्टर, थ्रेसर आदि उपलब्ध कराने की दृष्टि से ग्राम सहकारी समिति (GSS)/कृषि उत्पादन संगठन (FPO)के माध्यम से 1500 कस्टम हायरिंग सेंटर और स्थापित किए जाएंगे ।

  • आगामी वर्ष में कृषि उत्पादन संगठन (FPO)तथा कस्टम हायरिंग केंद्रों को 1000 ड्रोन उपलब्ध कराए जाएंगे ।

  • IT/Mobile App आधारित समेकित कृषक सहायता प्रणाली Intergrated Farmer Support System लागू किया जाएगा ।

‘राजस्थान खाद्य प्रसंस्करण मिशन Rajasthan Food Processing Mission’– Processing Units हेतु अनुदान -

‘राजस्थान खाद्य प्रसंस्करण मिशन Rajasthan Food Processing Mission’ के तहत निम्नांकित Processing Units को 50% का अनुदान मिलेगा



 

1. लहसुन के लिए प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, कोटा व बाराँ ।

2. अनार के लिए बाड़मेर का जालौर । 

3. संतरे के लिए झालावाड़ व भीलवाड़ा ।

4. टमाटर व आंवले के लिए जयपुर ।

5. सरसों के लिए अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर जिलों में  ।

  • जोधपुर संभाग में जीरा व ईसबगोल की निर्यात आधारित प्रथम 10 प्रसंस्करण इकाइयों को पूंजीगत अनुदान में लागत का 50% या अधिकतम ₹2 करोड़ की सहायता का प्रावधान ।

  • मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित करने हेतु अनुदान के लिए ₹50 करोड़ का प्रावधान करते हुए 5000 किसानों को लाभान्वित किया जाएगा ।

  • भरतपुर में ₹7.50 करोड़ की लागत से ''मधुमक्खी पालन के लिए उत्कृष्टता केंद्र Center of excellence for Apiculture''की स्थापना की जाएगी ।

  • 1 लाख किसानों को सोलर पंप स्थापित करने के लिए 60% अनुदान । इसके साथ ही एससी व एसटी वर्ग के कृषकों को ₹45 हजार तक का अतिरिक्त अनुदान ।

कृषि ऋण प्रावधान  :-

  • आगामी वर्ष में ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण योजना के तहत ₹20000 करोड़ राशि के ऋण वितरण का लक्ष्य निर्धारित करते हुए 5 लाख नए कृषकों को सम्मिलित करने की घोषणा ।

  • अकृषि क्षेत्र में भी एक लाख परिवारों को दो हजार करोड़ रूपये के ब्याज मुक्त ऋण वितरित किए जाने की घोषणा ।

सिचाई हेतु प्रावधान :-

  • राज्य में सिंचाई हेतु जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राजस्थान सिंचाई पुनर्गठन कार्यक्रम (Rajasthan Irrigation Restructuring Programme)प्रारंभ करने का प्रस्ताव ।

  • प्रदेश के 12 जिलों में काश्तकारों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु लगभग ₹550 करोड़ की सौर ऊर्जा आधारित 37 माइक्रो सिंचाई परियोजना पर कार्य आरम्भ प्रस्तावित ।

  • बांसवाड़ा जिले में माही परियोजना के नहरी तंत्र/ वितरिकाओं के ₹545 करोड़ की लागत से सुदृढ़ीकरण व जीर्णोद्धार के कार्य किए जाएंगे ।

  • पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (Eastern Rajasthan Canal Project-ERCP) में आगामी वर्ष में नवनेरा-लवा-बीसलपुर-ईसरदा लिंक, महलपुर बैराज एवं रामगढ़ बैराज के ₹9600 करोड़ के काम किए जाएंगे ।

  • पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना निगम Eastern Rajasthan Canal Project Corporation के गठन की घोषणा ।

  • वर्ष 2022-23 में राजस्थान फीडर के पंजाब क्षेत्र में 53 किलोमीटर तथा सरहिंद फीडर की 15 किलोमीटर लंबाई में रिलाइनिंग के कार्य करवाए जाने का प्रस्तावित ।(₹425 करोड़ )

  • मरू क्षेत्र के लिए राजस्थान जल क्षेत्र में पुनर्संरचना (Restructuring in Rajasthan Water Sector for Desert Area-RWSRPD)में लगभग ₹600 करोड़ की लागत से इंदिरा गांधी फीडर व मुख्य नहर के 68 किलोमीटर लंबाई में तथा वितरिकाओं/माइनरों के लगभग 227 किलोमीटर लंबाई में जीर्णोद्धार के कार्य ।

  • राजीव गांधी जल संचय योजना – द्वितीय चरण के अंतर्गत आगामी 2 वर्षों में 20 लाख हेक्टेयर भूमि में 2 लाख जल संग्रहण व संरक्षण संबंधी कार्य करवाए जाएंगे ।

कृषि भंडारण एवं वितरण :-

  • ₹220 करोड़ की लागत से 11 मिनी फूड पार्क बनाए जाने के साथ ही चैनपुरा (निवाई-टोंक) में मिनी एग्रो पार्क की स्थापना की जाएगी ।

11 मिनी फूड पार्क –

  • करावन (पचपहाड़, झालावाड़), मांडल (भीलवाड़ा), खटौटी (नदबई, भरतपुर) सहित कोटा, सोनवा (टोंक), बूँदी, बारां, हनुमानगढ़, चित्तौड़गढ़ ,अजमेर तथा उदयपुर जिलों में ।

विशेष प्रयोगशाला एवं मंडी स्थापना -

  • राज्य में ईसबगोल,जीरा, धनिया एवं फल सब्जी इत्यादि के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कीटनाशक अवशेष परीक्षण और विश्लेषण (Pesticide residue testing and Analysis) हेतु ₹12 करोड़ की लागत से कोटा व जोधपुर में फाइटो-सैनिटरी प्रयोगशाला (Phyto-Sanitary Lab) की स्थापना की जाएगी ।

  • टोंक में जैव कीटनाशक और जैव एजेंट एकीकृत प्रयोगशाला (Bio Pesticide and Bio Agents Integrated Lab) स्थापना का प्रस्ताव ।

  • बीकमपुर (कोलायत, बीकानेर), चामूं (शेरगढ़, जोधपुर ), मण्डरायल (सपोटरा, करौली) में गौण मण्डी स्थापित की जाएगी ।

  • गौण मण्डी सायला (जालोर) में, अनार मंडी भोपालगढ़ (जोधपुर) एवं रेवदर (सिरोही) में कृषि मंडी की स्थापना की जाएगी ।

  • बिलाड़ा (जोधपुर) की कृषि मंडी को सौंफ जिन्स की विशिष्ट मंडी घोषित किया जाना प्रस्तावित है ।

संस्थागत विकास एवं सुदृढी़करण :-

  • आगामी 2 वर्षों में शेष रहे 4,171 ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर ग्राम सहकारी समितियाँ (GSS) स्थापित किए जाने की घोषणा ।

  • मुंडावर (अलवर), केकड़ी (अजमेर), बाड़मेर, पोकरण (जैसलमेर ), केशवाना (सायला, जालौर ), नोहर व जोगीवाला (भादरा, हनुमानगढ़ ), डीडवाना (नागौर ), मंडावा (झुंझुनू ), ओसियां (जोधपुर), कामां (भरतपुर), महवा (दौसा) , टोडाभीम (करौली), प्रतापगढ़ तथा खेरवाड़ा (उदयपुर) में कृषि महाविद्यालय खोले जाएंगे ।

  • देवली (उनियारा, टोंक) में ‘कृषि विज्ञान केंद्र’ खोला जाएगा ।

  • नाथद्वारा (राजसमंद) में ‘पशुपालक प्रशिक्षण संस्थान (Animal Husbandry Training Institute)’ खोला जाना है ।

    डेयरी एवं पशुपालन :-

  • 2500 नवीन दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का पंजीकरण किया जाएगा ।

  • 500 से अधिक गांव को जोड़ते हुए 51 नवीन milk routes (दूध मार्ग) चालू किए जाएंगे ।

  • 5000 नए डेयरी बूथ खोले जाएंगे, जिनमें से 1000 डेयरी बूथ महिला एवं महिला समूह सहायता समूह को आवंटित किए जाएंगे ।

  • राजसमंद जिले में ₹30 करोड की लागत से "दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र Milk Processing Plant" की स्थापना की जाएगी ।

  • जैसलमेर जिला दुग्ध संघ के  "दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र Milk Processing Plant" का ₹10 करोड़ की लागत से सुदृढ़ीकरण किया जाएगा ।

  • प्रदेश में राज्य पशु ऊँट के पालन, पोषण तथा समग्र विकास हेतु ‘ऊँट संरक्षण एवं विकास नीति’ लागू किया जाना प्रस्तावित है । (₹10 करोड़ )

  • ब्लॉक स्तर पर ₹1.57 करोड़ प्रति नंदी शाला उपलब्ध कराने का प्रावधान ।

  • पंचायत समिति स्तर पर संचालित प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय में ब्लॉक पशु चिकित्सा स्वास्थ्य कार्यालय Block Veterinary Health Office (BVHO) एवं प्राथमिक रोग निर्धारण प्रयोगशालाओं की स्थापना की जाएगी।

  • मलसीसर (मंडावा, झुंझुनू) में पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय खोले जाने का प्रस्ताव ।

  • राजकीय पशु चिकित्सालय (चाकसू जयपुर) तथा कुचामन सिटी (नागौर) को बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय में क्रमोन्नत किया जाएगा ।

  • पशु आहार की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नियामक प्राधिकरण (Regulatory Authority)का गठन किए जाने का प्रस्ताव है ।

  • पशु आहार की गुणवत्ता जांच के लिए प्रत्येक जिले में टेस्टिंग लैब स्थापित की जाएगी ।

कृषि बजट में घोषित प्रमुख योजनाएं :-

(1) मुख्यमंत्री Work from Home & Job Work योजना-

महिलाओं के लिए ‘मुख्यमंत्री Work from Home & Job Work योजना’ प्रारम्भ करने का प्रस्ताव है । आगामी वर्ष में 20000 महिलाओं को इस योजना अंतर्गत लाभान्वित किया जाना प्रस्तावित है । इस पर लगभग ₹100 करोड़ का व्यय होगा ।

(2) मुख्यमंत्री पुनर्वास गृह योजना Chief Minister Rehabilitation Home Scheme-

राज्य में बेघर, वृद्धजन, कामकाजी महिलाओं एवं असहाय/ निराश्रित व्यक्तियों के लिए , आवासीय संस्थान उपलब्ध कराने की दृष्टि से “अपना घर” संस्था की तर्ज पर ‘मुख्यमंत्री पुनर्वास गृह योजना’ लागू की जाएगी ।

(3) इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना Indira Gandhi Maternity Nutrition Scheme-

वर्ष 2022-21 में प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, उदयपुर, डूंगरपुर व बारां जिलों के लिए प्रारंभ की गई ‘इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना’ अब संपूर्ण राज्य में लागू की जाएगी ।

(4) राजस्थान स्मार्ट सिटी योजना Rajasthan Smart City Scheme-

प्रदेश के संभाग मुख्यालयों- जोधपुर, बीकानेर एवं भरतपुर सहित अलवर, भीलवाड़ा एवं चित्तौड़गढ़ शहर के समग्र विकास की दृष्टि से आगामी 2 वर्षों में ₹1500 करोड़ के प्रावधान से ‘राजस्थान स्मार्ट सिटी योजना’ लागू की जाएगी ।

(5) मुख्यमंत्री क्षेत्रीय ग्रामीण विकास योजना Chief Minister Regional Rural Development Scheme-

प्रदेश के दुर्गम दूरस्थ एवं पिछड़े क्षेत्रों में व्यवस्थित आधारभूत संरचना एवं ग्रामीण विकास के लिए 'मुख्यमंत्री क्षेत्रीय ग्रामीण विकास योजना' प्रारंभ की जाएगी । (₹100 करोड़ का प्रावधान )

(6) मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना Chief Minister Digital Service Scheme-

इसके तहत लगभग 1.33 करोड़ चिरंजीवी परिवारों की महिलाओं मुखियाओं को 3 वर्ष की इंटरनेट सिक्योरिटी के साथ स्मार्टफोन प्रदान किए जाएंगे ।

(7) मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादन संबल योजना Chief Minister Milk Production Support Scheme

इस योजना के तहत देय ₹2 प्रति लीटर दुग्ध अनुदान को बढ़ाकर ₹5 प्रति लिटर किए जाने की घोषणा की गई है ।

Comments

Popular posts from this blog

Baba Mohan Ram Mandir and Kali Kholi Dham Holi Mela

Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली''  में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन...

राजस्थान का प्रसिद्ध हुरडा सम्मेलन - 17 जुलाई 1734

हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋत...

Civilization of Kalibanga- कालीबंगा की सभ्यता-
History of Rajasthan

कालीबंगा टीला कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले में घग्घर नदी ( प्राचीन सरस्वती नदी ) के बाएं शुष्क तट पर स्थित है। कालीबंगा की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। इस सभ्यता का काल 3000 ई . पू . माना जाता है , किन्तु कालांतर में प्राकृतिक विषमताओं एवं विक्षोभों के कारण ये सभ्यता नष्ट हो गई । 1953 ई . में कालीबंगा की खोज का पुरातत्वविद् श्री ए . घोष ( अमलानंद घोष ) को जाता है । इस स्थान का उत्खनन कार्य सन् 19 61 से 1969 के मध्य ' श्री बी . बी . लाल ' , ' श्री बी . के . थापर ' , ' श्री डी . खरे ', के . एम . श्रीवास्तव एवं ' श्री एस . पी . श्रीवास्तव ' के निर्देशन में सम्पादित हुआ था । कालीबंगा की खुदाई में प्राक् हड़प्पा एवं हड़प्पाकालीन संस्कृति के अवशेष प्राप्त हुए हैं। इस उत्खनन से कालीबंगा ' आमरी , हड़प्पा व कोट दिजी ' ( सभी पाकिस्तान में ) के पश्चात हड़प्पा काल की सभ्यता का चतुर्थ स्थल बन गया। 1983 में काली...