गोडावण यानी "ग्रेट इंडियन बस्टर्ड" राजस्थान का राज्य पक्षी है। इसका वैज्ञानिक नाम Choriotis Nigriceps या Ardeotis Nigriceps है। उड़ने वाले पक्षियों में यह सबसे अधिक भारी पक्षियों में से एक है। यह जैसलमेर के मरू उद्यान , सोरसन (बारां) व अजमेर के शोकलिया क्षेत् र में पाया जाता है। राष्ट्रीय मरु उद्यान (डेज़र्ट नेशनल पार्क) को गोडावण की शरणस्थली भी कहा जाता है। यह पक्षी अत्यंत ही शर्मिला है और सघन घास में रहना इसका स्वभाव है। जैसलमेर की सेवण घास ( Lasiurus sindicus) इसके लिए उपयुक्त है। गोडावण को 1981 में राज्य पक्षी घोषित किया गया था। यह पक्षी सोहन चिडिया तथा शर्मिला पक्षी के उपनामों से भी प्रसिद्ध है। यह एक शांत पक्षी है, लेकिन जब इसे डराया जाए तो यह हुक जैसी ध्वनि निकालता है। इसीलिए उत्तरी भारत के कुछ भागों में इसे हुकना के नाम से भी पुकारा जाता है। इसके द्वारा बादल के गरजने अथवा बाघ के गुर्राने जैसी ध्वनि उत्पन्न करने के कारण गगनभेर या गुरायिन का नाम से भी जाना जाता है। गोडावण का अस्तित्व वर्तमान में खतरे में है तथा इनकी बहुत कम संख्या ही बची हुई है अ...