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उद्योग विभाग के अंतर्गत राजस्थान में स्थित लवण क्षेत्रों की सूची | List of salt Fields Located in Rajasthan under the Department of Industries

उद्योग विभाग के अंतर्गत लवण क्षेत्रों की सूची List of salt fields under Department of Industries राजस्थान में स्थित लवण क्षेत्रों की सूची List of salt fields located in Rajasthan राजस्थान में जिले व तहसीलवार स्थित लवण क्षेत्रों की सूची निम्नानुसार हैः- क्र.सं. जिला तहसील लवण क्षेत्र का नाम 1 बाड़मेर सेडवा नवापुरा   दासोरिया   बाबरवाला   चांदासनी   2 चुरू सुजानगढ़ तालछापर   3 जैसलमेर पोकरण गुडी रिण   पोकरण रिण   4 जोधपुर फलोदी मलार रिण   बाप बाप रिण   5 नागौर नावा जाबदीनगर   उल्हाणा   खारडिया   कुचामनसिटी सरगोठ   कुचामन लेक   6 जयपुर सांभर लालपुर   7 जयपुर/नागौर सांभर/नावा सांभर साल्ट लिमिटेड़ केन्द्र सरकार का उपक्रम   8 बाड़मेर बालोतरा पंचपदरा राजकीय उपक्रम विभाग (राजस्थान सरकार) के अधीन है।   9 नागौर डीडवाना डीडवाना   नोट- सांभर साल्ट लिमिटेड, जिला-नागौर/जयपुर केन्द्र सरकार का उपक्रम है तथा पचपदरा जिला बाड़मेर एवं डीडवाना जिला नागौर राजकीय उपक्रम विभाग (

Sugar Industries in Rajasthan - जानिए कहाँ है राजस्थान में चीनी उद्योग

Sugar Industries in Rajasthan -  जानिए कहाँ है राजस्थान में चीनी उद्योग चीनी उद्योग कृषि‍ आधारित एक महत्‍वपूर्ण उद्योग है जिससे गांवों में लगभग 50 मिलियन गन्‍ना किसानों को आजीविका मिलती है और इसमें लगभग 5 लाख कामगारों को चीनी मिलों में सीधे रोजगार मिला हुआ है।  इसके साथ ही चीनी उद्योग से जुडे विविध सहायक कार्यों जैसे परिवहन, व्‍यापार , मशीनरी की सर्विसिंग तथा कृषि आदानों की आपूर्ति से जुड़ी गतिविधियों में भी रोजगार सृजित होते हैं।  भारत विश्‍व में ब्राजील के बाद दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्‍पादक देश है और चीनी की सबसे अधिक खपत वाला देश भी है।  आज भारतीय चीनी उद्योग का वार्षिक उत्‍पादन लगभग 80,000 करोड़ रूपए मूल्‍य का है। 31.01.2018 की स्‍थिति के अनुसार देश में इस समय 735 चीनी मिलें स्‍थापित हैं जिनकी पेराई क्षमता लगभग 340 लाख टन चीनी उत्‍पादन की है।  इस क्षमता को मोटे तौर पर निजी क्षेत्र की तथा सहकारिता क्षेत्र की यूनिटों में बराबर विभाजित किया गया है। राजस्थान में सर्वप्रथम 1932 में चित्तौड़गढ़ जिले के भोपाल सागर में 'दी मेवाड़ शुगर मिल्स' चीनी मिल क

Udhyam Protsahan Sansthan (UPS) Rajasthan उद्यम प्रोत्साहन संस्थान, राजस्थान

उद्यम प्रोत्साहन संस्थान, राजस्थान Udhyam Protsahan Sansthan (UPS) Rajasthan- राज्य सरकार ने दस्तकारों, बुनकरों एवं लघु उपक्रमियों के उत्पादों की मार्केटिंग हेतु राष्ट्रीय, राज्य एवं जिला स्तर पर औद्योगिक प्रदर्शनियों का आयोजन, क्रेता-विक्रेता मिलन (Buyer-Seller meet) आदि कराने के लिए 'उद्यम प्रोत्साहन संस्थान' का गठन माह अक्टूबर, 1995 में किया था। इसका मुख्यालय जयपुर में उद्योग भवन में है . इसका पूर्ण पता निम्न है - Udhyam Protsahan Sansthan (UPS) OFFICE OF THE COMMISSIONER INDUSTRIES, UDYOG BHAWAN, TILAK MARG Jaipur - 302006, Rajasthan , India इस संस्थान के माध्यम से वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक 500 से अधिक प्रदर्शनियों का आयोजन किया जा चुका है। इनमें लगभग 51,000 इकाईयों, दस्तकारों, बुनकरों एवं लघु उपक्रमियों ने भाग लिया तथा लगभग 100 करोड़ से अधिक की बिक्री एवं क्रय आदेश प्राप्त किए गए।यह संस्थानराज्य के दस्तकारों को राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए राज्य के बाहर कोलकाता, नई दिल्ली, नागपुर, औरंगाबाद, रायपुर आदि स्थानों पर भी प्रदर्शनियों का आयोजन करता है।

MSME Development Institute Jaipur Rajasthan एमएसएमई विकास संस्थान जयपुर

एमएसएमई विकास संस्थान (एमएसएमई-डीआई), जयपुर MSME का शब्द विस्तार एवं अर्थ - MSME - Micro, Small & Medium Enterprises  अर्थ - सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एमएसएमई विकास संस्थान (एमएसएमई-डीआई), जयपुर 14, जनवरी 1958 को स्थापित किया गया था।  यह राजस्थान राज्य में लघु उद्योगों के प्रोत्साहन और विकास में संलग्न प्रमुख संस्थान है। संस्थान द्वारा प्रदान की जाने वाली महत्वपूर्ण परामर्श सेवाओं में तकनीकी, आर्थिक और प्रबंधकीय सेवाएं एवं नई इकाई स्थापित करने के लिए आवश्यक जानकारी के रूप में मूल इनपुट प्रदान करना शामिल हैं। इसके द्वारा उद्यमियों को उपयुक्त रूप से निर्देशन प्रदान किया जाता है ताकि वे अपने उद्यम शुरू कर सकें। यह संस्थान जयपुर के बाईस गोदाम औद्योगिक क्षेत्र  में स्थित है। संस्थान के महत्वपूर्ण कार्यों में राज्य में एमएसएमई क्षेत्र को प्रदान की जाने वाली सहायता और परामर्श सेवाएं निम्नानुसार हैं: 1. भावी उद्यमियों और मौजूदा इकाइयों के लिए सहायता व परामर्श 2. राज्य औद्योगिक प्रोफ़ाइल, जिला औद्योगिक संभावना सर्वेक्षण, नमूना सर्वेक्षण और उत्पादन सूचकांक आदि का निर्

Industry GK- felt or numdah of Rajasthan - राजस्थान का नमदा उद्योग

  राजस्थान का नमदा उद्योग - नमदा मूल नाम ''नमता'' शब्द से आता है, जो एक संस्कृत शब्द है और इसका मतलब 'ऊनी चीजें' हैं। नमदा भेड़ की ऊन से बनता है। नमदा को ऊनी गलीचा या चटाई कहा जा सकता है। नमदे की लोकप्रियता का मुख्य कारण यह भी है कि यह गलीचे के मुकाबले अत्यंत सस्ता होता है। नमदों की उत्कृष्ट कलाकृतियों की थीम अद्वितीय विषयों से युक्त फूलों, पत्तियों, कलियों और फलों के विभिन्न पैटर्न पर आधारित होते हैं। राजस्थान का टोंक शहर देश व विदेश में नमदों के शहर के रूप में विख्यात है। इसी कारण  टोंक को नमदो का शहर या नमदा नगरी भी कहा जा सकता है। गुणवत्ता के कारण टोंक के नमदे की मांग भारत में ही नहीं वरन विदेशों तक में है। ऐसा माना जाता है कि टोंक जिले के नमदा क्लस्टर में सामूहिक रूप से 500 से अधिक कारीगर और श्रमिक का निर्माण कार्य में संलग्न हैं। जिला उद्योग केंद्र, टोंक कार्यालय में नमदा आधारित शिल्प में नमदा निर्माण के लगभग 40 सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यम (एमएसएमई) पंजीकृत हैं, जिनमें से कुछ गैर कार्यात्मक को छोड़कर, शेष नमदा के सक्रिय विनिर्माण और व्यापार

Textile Industries in Rajasthan - राजस्थान का वस्त्र उद्योग

राजस्थान में वस्त्र उद्योग - वस्त्र उद्योग से सम्बंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य - सूती वस्त्र उद्योग देश का सबसे बड़ा कृषि आधारित उद्योग है। देश में प्रथम सूती मिल की स्थापना कलकता में घूसरी नामक स्थान पर 1818 र्इ . में की गई। महाराष्ट्र, तमिलनाडु तथा गुजरात सूती वस्त्र  उद्योग के प्रमुख केन्द्र हैं। सूती वस्त्र उद्योग राजस्थान का एक परम्परागत एवं प्राचीन उद्योग है। वस्त्र उद्योग देश के औद्योगिक उत्पादन, रोजगार सृजन तथा निर्यात आय में महत्वपूर्ण योगदान रखता है।  भारत सरकार की वर्ष 2015-16 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय वस्त्र उद्योग देश के विनिर्माण उत्पादन में 10 % , जीडीपी में 2 % तथा देश की निर्यात आय में 13 % योगदान करता है।  यह देश के लगभग 4.5 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करके रोजगार सृजन के बड़े स्रोतों में से एक क्षेत्र है।  भारत विश्व का सबसे बड़ा कपास उत्पादक देश है तथा दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है।  भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रेशम उत्पादक देश है।  वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार के अधीन कार्यरत "केन्द्रीय ऊन विकास बोर्