राज्य विधानसभा में गुरुवार 25 अप्रैल को राजस्थान सुनवाई का अधिकार विधेयक- 2012 ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। संसदीय कार्य मंत्री शांतिलाल धारीवाल ने सदन में विधेयक को प्रस्तुत करते हुए विधेयक लाए जाने के कारणों एवं उद्देश्य की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लोक शिकायतों एवं समस्याओं की प्रभावी और समयबद्ध तरीके से उनके निकटतम स्थानों पर सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए इस विधेयक को लाया गया है। यह महसूस किया जा रहा था कि लोगों की शिकायतों की वक्त पर सुनवाई नहीं होती थी एवं उन पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं हो पा रहा था। जितने समय में उसे न्याय मिलना चाहिए वह नहीं मिल पा रहा था। यदि ऐसी सुनवाई शिकायत के प्रारम्भ में ही उपलब्ध करा दी जाए तो इससे जनसामान्य की ऊर्जा और आर्थिक व्यय दोनों को बचेंगे। श्री धारीवाल ने कहा कि राज्य सरकार ने पूरे देश में सर्वप्रथम पहल करते हुए निर्णय लिया है कि लोक शिकायतों और समस्याओं को संवेदनशीलता एवं सहानुभूति से सुना जाए और उनका त्वरित निराकरण किया जाए। यह विधेयक पारदर्शी एवं उत्तरदायी प्रशासन को मूर्त रूप देने के लिए पूरे देश के लिए एक उदाहरण बनेगा। > सुनवा
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