भारत की संसद द्वारा पारित एक अधिनियम 'मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम- 1993' के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर ' राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ' एवं राज्य स्तर पर ' राज्य मानव अधिकार आयोग' को स्थापित करने की व्यवस्था की गई है। ' मानवाधिकार ' शब्द मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम की धारा 2 ( घ) में परिभाषित है , जिसके अन्तर्गत मानवाधिकार से अभिप्राय है संविधान में उल्लिखित अथवा अन्तर्राष्ट्रीय प्रसंविदा में अंगीभूत व्यक्ति की जीवन , स्वतंत्रता , समानता और प्रतिष्ठा से संबंधित अधिकार जो न्यायालय द्वारा लागू योग्य हो। ' मानवाधिकार ' की परिभाषा इस प्रकार काफी व्यापक है , जिसके अन्तर्गत वे सब मुद्दे आते हैं जो जीवन , स्वतंत्रता , समानता और गरिमा के परिधि के भीतर हैं । राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग देश के अग्रणी राज्य आयोगों में से एक है। इस आयोग ने अल्प अवधि में ही मानव अधिकारों के संरक्षण एवं उन्नयन को बढ़ावा देने के लिये अपने उद्देश्य में कई मील के पत्थर हासिल किए हैं। राजस्थान की राज्य सरकार ने दिनांक 18 जनवरी 1999 को एक अधि
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