राज्य विधानसभा ने अपने बजट अधिवेशन में राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता विधेयक, 2012 को 25 अप्रैल को ध्वनिमत से पारित कर दिया। संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों की जानकारी दी कि उपापन प्रक्रिया में पारदर्शिता, बोली लगाने वालों को उचित एवं साम्यपूर्ण व्यवहार, प्रतियोगिता में अभिवृद्धि करने, दक्षता और मितव्ययता को बढ़ाने और सत्यनिष्ठा के संरक्षण के उद्देश्य से यह विधेयक लाया गया है। सदन में श्री धारीवाल ने बताया कि राज्य सरकार उपापन (प्रक्योरमेंट) में पूरी पारदर्शिता लाने के लिए संकल्पबद्ध है। इस कानून की प्रभावी क्रियान्विति के सभी उपाय सुनिश्चित किए जाएंगे। राज्य सरकार राज्य स्तरीय प्रक्योरमेंट पोर्टल बनाएगी जिसमें निविदा एवं कार्य के सम्बन्ध में पूर्ण जानकारी का उल्लेख होगा। प्रदेश में 50 लाख रुपए से ज्यादा के कार्यों के लिए वर्तमान में ई-टेण्डरिंग व्यवस्था लागू है। साथ ही क्रय-विक्रय, निर्माण एवं सेवा क्षेत्र को विवादों, आलोचनाओं एवं शंकाओं से दूर करते हुए ऐसी पारदर्शी व्यवस्था लागू की जाएगी, जो पूर्णतः दोष रहित हो। द्वैषपूर्ण अवरोध, कार्य में व्यवधा
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