पद्मभूषण उस्ताद सुल्तान खां का निधन पिया वसंती रे.. गाकर संपूर्ण भारत में एक अलग पहचान बनाने वाले देश के मशहूर सारंगीवादक पद्मभूषण उस्ताद सुल्तान खां का दिनांक 27 नवंबर को दोपहर ढाई बजे मुंबई में निधन हो गया। वे इकहत्तर वर्ष के थे तथा काफी समय से बीमार थे। मुंबई के विलेपार्ले फ्लैट से बॉम्बे हॉस्पिटल ले जाने के दौरान उनका निधन हो गया। उस्ताद की अंतिम इच्छा थी कि उनके निधन पर उनका अंतिम संस्कार जोधपुर में उनके वालिद के स्मारक के पास ही किया गया। उनका जन्म 15 अप्रैल 1940 को सीकर में हुआ था। कुछ समय पश्चात उनके पिता सारंगीवादक उस्ताद गुलाब खान जोधपुर आ गए। वर्ष 2010 में उन्हें पद्मभूषण अवार्ड से नवाजा गया। प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर के बुलावे पर पहले तो वे जोधपुर से नागपुर (महाराष्ट्र ) गए। उस्ताद सुल्तान खान ने कुछ समय बाद बंबई जा रुख किया और जल्दी ही फिल्मी दुनिया के मशहूर संगीतकारों गुलाम खां, नौशाद, खय्याम आदि के चहेते कलाकार बन गए। उन्होंने पाकीजा, उमराव जान सहित अनेक फिल्मों में सारंगी का कमाल दिखाया वहीं बैंडिट क्वीन, गंगाजल, बिग ब्रदर में अपने संगीत के रस से दर्शकों का मनोरंजन
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