राजस्थान के झुंझुंनू जिले के खेतड़ी कस्बे का स्वामी विवेकानंद से गहरा नाता है। खेतड़ी के राजा अजीत सिंह भारत के महान संत नरेन्द्र अर्थात स्वामी विवेकानंद के अनन्य मित्र तथा शिष्य थे। दोनों एक दूसरे को प्रेरणा प्रदान करते थे। लगभग 115 साल पूर्व राजा अजीतसिंह ने सन् 1897 में स्वामी विवेकानंद को शिकागो में होने वाले सर्वधर्म सम्मेलन के लिए वहाँ जाने हेतु तैयार किया था तथा आर्थिक सहयोग प्रदान किया था। कहा जाता है कि खेतड़ी में ही स्वामी विवेकानन्द को राजा अजीत सिंह ने ही नरेन्द्र से स्वामी विवेकानन्द नाम दिया था तथा साफा व बाना पहनाकर शिकागो के लिए रवाना किया था जहाँ उन्होंने सनातन धर्म पर ऐतिहासिक ओजस्वी भाषण देकर सनातन धर्म की पताका को विश्व विजयी बना दिया था। बताया जाता है कि इसके पश्चात स्वामी विवेकानंद पुनः खेतड़ी आए तब उनके स्वागत में चालीस मण (सोलह सौ किलो) देशी घी के दीपक जलाकर पूरे खेतड़ी शहर को सजाया था। इससे खेतड़ी के भोपालगढ़, फतेहसिंह महल, जयनिवास महल के साथ साथ पूरा शहर जगमगा उठा था। राजा अजीतसिंह ने स्वामीजी के आगमन पर पन्नासागर तालाब पर एक बड़े शाही भोज का आयोजन क
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