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कस्‍तूरबा गांधी बालिका विद्यालय [केजीबीवी बालिका छात्रावास योजना]

कस्‍तूरबा गांधी बालिका विद्यालय [केजीबीवी बालिका छात्रावास योजना] निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार का अधिनियम 2009 और इस अधिनियम के अन्तर्गत बनाए गए निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम-2011 के तहत्‌ राज्य सरकार एवं स्थानीय निकायों का यह संवैधानिक दायित्व है कि 6-14 वर्ष के सभी बच्चे अनिवार्य रूप से शाला में दर्ज हों, शाला में नियमित उपस्थिति रहे तथा सभी बच्चे न्यूनतम 8 वीं स्तर की गुणवत्तायुक्त शिक्षा अवश्य पूर्ण करें। इस कानून को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए यह आवश्यक है कि लक्षित आयु वर्ग समूह के सभी बच्चों को चिह्नित किया जाए तथा सभी बच्चों के संबंध में उपरोक्तानुसार उपलब्धि सुनिश्चित की जाए।  कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV) योजना भारत सरकार द्वारा अगस्त, 2004 में उच्च प्राथमिक स्तर पर आवासीय विद्यालयों की स्थापना के लिए शुरू की गई थी, जो मुख्य रूप से दुर्गम क्षेत्रों में वंचित तबकों की लड़कियों विशेषकर SC, ST, OBC और अल्‍पसंख्‍यक समुदाय की  लड़कियों के लिए के लिए आरंभ की गई । यह योजना देश के शैक्षणिक रूप से पिछड़े ब्लॉक्स (EBB) में लागू

मुख्यमंत्री सर्वजन उच्च शिक्षा छात्रवृति योजना

मुख्यमंत्री सर्वजन उच्च शिक्षा छात्रवृति योजना योजना की पात्रता- 1.    छात्र-छात्रा के माता-पिता/सरंक्षक की वार्षिक आय 5.00 लाख रूपये के कम हो। 2.    छात्र-छात्रा विभाग द्वारा सूचीबद्ध राष्ट्रीय स्तर की शिक्षण संस्थाओं में संचालित पाठ्यक्रम अन्तर्गत नियमित अध्ययनरत हो  3.    छात्र-छात्रा किसी भी वर्ग/जाति से हो। 4.    छात्र-छात्रा राजस्थान का मूल निवासी हों।     उक्त योजना में शिक्षण संस्थानों द्वारा विद्यार्थियों से ली गई नोन रिफन्डेबल फीस का 50 प्रतिशत राशि का पुनर्भरण/भुगतान नियमानुसार देय है। आवश्यक दस्तावेज- 1. भामाशाह आई.डी.  2. आधार कार्ड 3. मूल निवास प्रमाण पत्र  4. आय घोषणा पत्र 5. फीस की रसीद 6. अन्तिम उत्तीर्ण परीक्षा की अंक तालिका देय लाभ- विद्यार्थियों को शिक्षण संस्था द्वारा ली जाने वाली अनिवार्य अप्रतिदेय शुल्क/फीस राशि की आधी अर्थात 50 प्रतिशत फीस राशि का ही पुनर्भरण किया जाता है। अनुरक्षण भत्ता एवं प्रतिदेय शुल्क/ फीस राशि का पुनर्भरण नहीं किया जावेगा। ग्रुप कोर्स (यह कोर्स केवल उदारणार्थ है, विस्तृत कोर्स नियमावली में उपलब्ध ह

नई परीक्षा नीति पर 31 जुलाई तक दे सकते हैं सुझाव

नई परीक्षा नीति पर 31 जुलाई तक दे सकते हैं सुझाव केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने राज्य सभा में एक तारांकित प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि नई परीक्षा नीति का मसौदा आम जनता के सुझावों के लिए रखा गया है जिसमे शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हुए सभी हितधारक अपने अमूल्य सुझाव दे रहे हैं। नई परीक्षा नीति के मसौदे को फिलहाल 30 जून तक के लिए पोर्टल MyGov.in पर लिंक खोला गया था जिसे एक महीना आगे बढ़ाकर इसे 31 जुलाई तक आम जनता के सुझावों के लिए खोला जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब तक नई परीक्षा नीति के मसौदे पर लगभग 50 हजार सुझाव मंत्रालय को प्राप्त हो चुके हैं। ये सुझाव आम जनता, शिक्षकों, शिक्षाविदों, छात्रों, अभिभावकों एवं समाज के सभी सुधीजनों से प्राप्त हुए हैं। मंत्री जी ने कहा कि सुझाव प्राप्त करने की समय सीमा को बढ़ाने का निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि सुझाव देने में लोग बढ़ चढ़ कर भाग ले रहे हैं और मंत्रालय को बहुत महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हो रहे हैं और मंत्रालय को बहुत महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हो रहे हैं।  डॉ. निशंक ने कहा कि शिक्षा नीति पर ह