राज्य में किसानों के बीच खेतों तथा अन्य जमीन के संबंध कई विवाद होते रहते हैं। किसके खेत की सही सीमा कहाँ तक है, किसी ने अन्य के खेत के कुछ भाग पर अपना अनाधिकृत कब्जा तो नहीं किया है, खेतों में जाने के रास्तों पर किसी का अतिक्रमण तो नहीं है, आदि कई विवाद किसानों के आए दिन होते रहते हैं। इन्हीं समस्याओं के संबंध में सही निर्णय करने के लिए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने बजट भाषण में की गई घोषणा के अनुरूप भू-अभिलेख निरीक्षकों को जी.पी.एस. उपकरण उपलब्ध कराने के लिए 4 करोड़ 50 लाख स्वीकृत किए हैं। काश्तकारों को खेतों में पहुंचने के लिए रास्ते की लंबे समय से चली आ रही समस्या के निराकरण के उद्देश्य से राजस्थान काश्तकारी अधिनियम में आवश्यक संशोधन करते हुए 2 मार्च, 2012 को नियम बनाकर अधिसूचना जारी कर दी है। भू-अभिलेख निरीक्षकों को मौकों की देशांतर व अक्षांक्ष स्थिति को दर्शाते हुए जी.पी.एस. उपकरण उपलब्ध कराए जाएँगे, जिससे विवादित प्रकरणों से संबधित मौकों को भौगोलिक दृष्टि से चिह्नित कर, क्षेत्रों का अंकन संभव हो सकेगा। क्या है जी.पी.एस.- जी. पी. एस. अर्थात "ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम"
राजस्थान की कला, संस्कृति, इतिहास, भूगोल व समसामयिक तथ्यों के विविध रंगों से युक्त प्रामाणिक एवं मूलभूत जानकारियों की वेब पत्रिका "The web magazine of various colours of authentic and basic information of Rajasthan's Art, Culture, History, Geography and Current affairs