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How to Farm Caster in Rajasthan कैसे करे अरण्डी की उन्नत खेती

कैसे करे अरण्डी की उन्नत खेती How to Farm Caster in Rajasthan -   अरंडी को अंग्रेजी में केस्टर कहते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम  रिसीनस कम्युनिस होता है।  अरण्डी खरीफ की एक प्रमुख तिलहनी फसल है। इस की कृषि आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, उड़ीसा, बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब तथा राजस्थान के शुष्क भागों में की जाती है।  राजस्थान में इसकी कृषि लगभग 1.48 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में की जाती है, जिससे लगभग 2.10 लाख टन उत्पादन होता है।  इसकी औसत उपज 14.17 क्विंटल प्रति हेक्टर है । इसके बीज में 45 से 55 प्रतिशत तेल तथा 12-16 प्रतिशत प्रोटीन होती है।  इसके तेल में प्रचुर मात्रा (93 प्रतिशत) में रिसनोलिक नामक वसा अम्ल पाया जाता है, जिसके कारण इसका आद्यौगिक महत्त्व अधिक है।  इसका तेल प्रमुख रूप से क्रीम, केश तेलों, श्रृंगार सौन्दर्य प्रसाधन, साबुन, कार्बन पेपर, प्रिंटिग इंक, मोम, वार्निश, मरहम, कृत्रिम रेजिन तथा नाइलोन रेशे के निर्माण में प्रयोग किया जाता है।  पशु चिकित्सा में इसको पशुओं की कब्ज दूर करने से लेकर कई अन्य रोगों में...

Sheep in Rajasthan - राजस्थान में भेड़ पशु संसाधन

1.  चोकला  भेड़ (Chokla Sheep) - अन्य नाम (Other names)- छापर, शेखावटी व राता मुंडा (Chhaper, Shekhawati and Raata Munda.) स्थान (Location)- नागौर, सीकर, चूरू (Nagaur, Sikar, Churu)   प्रजनन भूभाग ( Breeding Tract) -   चुरू, नागौर, सीकर और जिलों के संगम पर एक सीमित क्षेत्र।   A limited area at the juncture of Churu, Nagaur, and Sikar districts.   मुख्य उपयोगिता (Main Use) - ऊन व मांस Wool, Meat   उद्गम (Origin)-   शेखावटी और छापर का नाम इसके वितरण क्षेत्र शेखावटी व छापर के नाम से लिया गया है जबकि राता मुंडा 😡 नाम काले भूरे रंग के चेहरे आधार पर है।   (The name Shekhawati and Chhappar are derived from the name of its distribution area whereas Raata munda stands for dark brown coloured face.) रंग (Colour) -  इसका रंग श्वेत होता है। इसके चेहरे का रंग लाल (राता मुंडा) होता है और यह रंग गर्दन तक हो सकता है। (The coat colour is white. The face colour is dark brown (Raata Munda), and the colour may...

Agricultural practices in Rajasthan राजस्थान की कृषि पद्वतियां

Agricultural practices in Rajasthan - राजस्थान में कृषि पद्वतियां राजस्थान की कृषि मूलत: वर्षा आधारित है लेकिन सिंचाई के साधनों निरंतर वृद्धि के कारण यहाँ पर विभिन्न खाद्यान्न व व्यापारिक फसलों के उत्पादन में वृद्धि हुई है। राजस्थान की भौतिक जलवायुगत सामाजिक-आर्थिक दशाआें की विविधताओं के कारण कृषि पद्वति परम्पराओं साधनों आदि में स्थानिक भिन्नता पाई जाती है। राज्य में कृषि का आर्थिक दृष्टि से नहीं वरन् सामाजिक दृष्टि से भी महत्त्व है। वर्तमान में राज्य की कुल आय का लगभग 50 प्रतिशत एवं पशुपालन से ही प्राप्त होता है। क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है। कृषि क्षेत्र की दृष्टि से इसका देश में चौथा स्थान है। राजस्थान में देश के कुल कृषि क्षेत्र का लगभग 11 प्रतिशत भाग है। राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 48.30 प्रतिशत शुद्ध बोया गया क्षेत्र है। यहाँ की कृषि मुख्यतः वर्षा आधारित है। यहाँ की कृषि में स्थानिक विभिन्नता पाई जाती है। यहाँ पर कृषि राष्ट्रीय आय का साधन, जीवन का आधार, रोजगार का प्रमुख साधन, खाद्यान्न प्राप्ति का स्रोत तथा द्वितीयक व तृतीयक व्यवसायों के...

400 Important Facts About Rajasthan- राजस्थान से संबंधित 400 महत्वपूर्ण तथ्य

1.             राजस्थान 01 नवम्बर , 2000 को देश का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य बना। 2.             1991-2001 के दशक राजस्थान में सर्वाधिक जनसंख्या वृद्धि वाला जिला जैसलमेर है। 3.             1991-2001 के अनुसार सबसे न्यूनतम लिंगानुपात वाला राजस्थानी जिला श्री गंगानगर है । 4.             राजस्थान का सबसे कम जनसंख्या घनत्व वाला जिला जैसलमेर है । 5.             राजस्थान का सर्वोच्च पर्वत शिखर अरावली की सबसे ऊँची चोटी गुरुशिखर ( 1727 मीटर) है। 6.             राजस्थान की राजभाषा हिन्दी है । 7.             राजस्थान के प्रथम राज्यपाल गुरुमुख निहाल सिंह थे । 8.     ...